ख़ौफ़नाक चीख़ती सड़कों पर
झुके हुए थे
बुझे हुए
ठिठुरते लैंप पोस्ट…
– अदनान कफ़ील दरवेश
मुझे नहीं पता कि कितने लोग किसी लैंप पोस्ट को देखकर ठहरते हैं, कितने उसे समझने की कोशिश करते हैं।
खैर, लैंप पोस्ट को समझना शायद इतना भी मुश्किल नहीं। वह तो बस एक खंभा है, जिसके ऊपर एक बल्ब टंगा होता है। किसी के लिए यह सिर्फ़ सड़क पर रौशनी का साधन है, तो किसी के लिए महज शोकेस का सामान।
आज आपको एक ऐसे ही लैंप पोस्ट से मिलवाता हूंँ। मैं कुछ दिन पहले लाल किला गया था, शायद पचासवीं बार। पर पहली बार, मेरी नजर एक लैंप पोस्ट पर ठहरी। मुझे वह लैंप पोस्ट बेहद सुंँदर और एस्थेटिक लगा, शायद इसीलिए मैंने झपाक से उसकी एक तस्वीर खींच ली। लेकिन कुछ पल उसे निहारने के बाद, मेरे भेजे ने खुद-ब-खुद कहानियांँ बुनना शुरू कर दिया।
जैसे...
एक बूढ़ा आदमी, हाथ में छोटा कीपैड वाला फोन लिए लैंप पोस्ट के नीचे खड़ा है। उसकी आंँखें धुंँधली हो चुकी हैं, इसलिए वह इस बल्ब की रौशनी में फोन के बटन टटोल रहा है। शायद वह अपने बेटे से बात करना चाहता है। पत्नी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि वह वहीं पास में हाथों में पुराना गमछा लिए खड़ी, अपनी उलाहती आंँखों से लाल किले को निहार रही है। उसकी मांँग में सिंदूर लबालब भरा हुआ है, उसके पति को इससे ब्रह्मा की उम्र लग जाएगी।
एक और कहानी – कुछ बच्चे इस लैंप पोस्ट के इर्द-गिर्द भाग रहे हैं। अपनी कोमल और थोड़ी फटी हथेलियों से पोल पर थपकियांँ मारते हुए खिलखिला रहे हैं। एक बच्चा बाजू वाले लैंप पोस्ट से लिपटा हुआ है और दूसरा उसे पकड़ने की कोशिश में मगन है। शायद ये बच्चे पकड़म-पकड़ाई खेल रहे हैं। हो सकता है कि ये खेल 'नदी-पहाड़' हो, क्योंकि कुछ बच्चे लैंप पोस्ट के चबूतरे से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। कभी-कभी सोचता हूंँ, इतनी बेफिक्री भला कैसे आती है? वैसे, कभी मैं भी ऐसा ही था।
या फिर... एक नई शादीशुदा जोड़े की कहानी। न जाने क्यों, मेरे चेहरे पर इस खयाल से ही एक अलग गुलाबी आ गई। वह जोड़ा लैंप पोस्ट के दोनों तरफ़ खड़ा होकर एक-दूसरे को झांँक रहा है। शायद कोई दूर से उनकी तस्वीर भी खींच रहा हो। दोनों बेहद खुश हैं, एक-दूसरे का हाथ थामे हुए। लड़के ने नए जूते पहने हैं, शायद शादी में मिले होंगे। भगवान करे, इस जोड़े की समीपी सुहावन रहे।
यह लैंप पोस्ट शायद उतना आम भी नहीं जितना लगता है। बॉब यानेगा ने अपनी किताब 'द लिटिलेस्ट लैंपपोस्ट' में ऐसे किसी लैंप पोस्ट का ज़िक्र तो बिल्कुल भी नहीं किया था। न जाने मेरी दिलचस्पी अचानक से लैंप पोस्ट जैसे निर्जीव चीज़ों पर क्यों बढ़ने लगी। वैसे, मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूंँ, लेकिन अब तो सड़क के सारे लैंप पोस्ट मुझे कहानियांँ सुनाने लगे हैं।
यह थोड़ी बहकी हुई बातें लग सकती हैं, इन पर ध्यान न दें। अगली बार जब आप किसी लैंप पोस्ट के पास से गुजरें, तो बस निकल जाइएगा। वहांँ ठहरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।
अगर आपने इसे अंत तक पढ़ा है, तो आपका वक्त जाया करने के लिए माफ़ी चाहूंँगा।
शुक्रिया♥️
#govind #review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
झुके हुए थे
बुझे हुए
ठिठुरते लैंप पोस्ट…
– अदनान कफ़ील दरवेश
मुझे नहीं पता कि कितने लोग किसी लैंप पोस्ट को देखकर ठहरते हैं, कितने उसे समझने की कोशिश करते हैं।
खैर, लैंप पोस्ट को समझना शायद इतना भी मुश्किल नहीं। वह तो बस एक खंभा है, जिसके ऊपर एक बल्ब टंगा होता है। किसी के लिए यह सिर्फ़ सड़क पर रौशनी का साधन है, तो किसी के लिए महज शोकेस का सामान।
आज आपको एक ऐसे ही लैंप पोस्ट से मिलवाता हूंँ। मैं कुछ दिन पहले लाल किला गया था, शायद पचासवीं बार। पर पहली बार, मेरी नजर एक लैंप पोस्ट पर ठहरी। मुझे वह लैंप पोस्ट बेहद सुंँदर और एस्थेटिक लगा, शायद इसीलिए मैंने झपाक से उसकी एक तस्वीर खींच ली। लेकिन कुछ पल उसे निहारने के बाद, मेरे भेजे ने खुद-ब-खुद कहानियांँ बुनना शुरू कर दिया।
जैसे...
एक बूढ़ा आदमी, हाथ में छोटा कीपैड वाला फोन लिए लैंप पोस्ट के नीचे खड़ा है। उसकी आंँखें धुंँधली हो चुकी हैं, इसलिए वह इस बल्ब की रौशनी में फोन के बटन टटोल रहा है। शायद वह अपने बेटे से बात करना चाहता है। पत्नी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि वह वहीं पास में हाथों में पुराना गमछा लिए खड़ी, अपनी उलाहती आंँखों से लाल किले को निहार रही है। उसकी मांँग में सिंदूर लबालब भरा हुआ है, उसके पति को इससे ब्रह्मा की उम्र लग जाएगी।
एक और कहानी – कुछ बच्चे इस लैंप पोस्ट के इर्द-गिर्द भाग रहे हैं। अपनी कोमल और थोड़ी फटी हथेलियों से पोल पर थपकियांँ मारते हुए खिलखिला रहे हैं। एक बच्चा बाजू वाले लैंप पोस्ट से लिपटा हुआ है और दूसरा उसे पकड़ने की कोशिश में मगन है। शायद ये बच्चे पकड़म-पकड़ाई खेल रहे हैं। हो सकता है कि ये खेल 'नदी-पहाड़' हो, क्योंकि कुछ बच्चे लैंप पोस्ट के चबूतरे से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। कभी-कभी सोचता हूंँ, इतनी बेफिक्री भला कैसे आती है? वैसे, कभी मैं भी ऐसा ही था।
या फिर... एक नई शादीशुदा जोड़े की कहानी। न जाने क्यों, मेरे चेहरे पर इस खयाल से ही एक अलग गुलाबी आ गई। वह जोड़ा लैंप पोस्ट के दोनों तरफ़ खड़ा होकर एक-दूसरे को झांँक रहा है। शायद कोई दूर से उनकी तस्वीर भी खींच रहा हो। दोनों बेहद खुश हैं, एक-दूसरे का हाथ थामे हुए। लड़के ने नए जूते पहने हैं, शायद शादी में मिले होंगे। भगवान करे, इस जोड़े की समीपी सुहावन रहे।
यह लैंप पोस्ट शायद उतना आम भी नहीं जितना लगता है। बॉब यानेगा ने अपनी किताब 'द लिटिलेस्ट लैंपपोस्ट' में ऐसे किसी लैंप पोस्ट का ज़िक्र तो बिल्कुल भी नहीं किया था। न जाने मेरी दिलचस्पी अचानक से लैंप पोस्ट जैसे निर्जीव चीज़ों पर क्यों बढ़ने लगी। वैसे, मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूंँ, लेकिन अब तो सड़क के सारे लैंप पोस्ट मुझे कहानियांँ सुनाने लगे हैं।
यह थोड़ी बहकी हुई बातें लग सकती हैं, इन पर ध्यान न दें। अगली बार जब आप किसी लैंप पोस्ट के पास से गुजरें, तो बस निकल जाइएगा। वहांँ ठहरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।
अगर आपने इसे अंत तक पढ़ा है, तो आपका वक्त जाया करने के लिए माफ़ी चाहूंँगा।
शुक्रिया♥️
#govind #review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
फिर वह आख़िरी रात आई है,
इस साल का पूरा लेखा-जोखा याद दिलाई है।
शायद कुछ लोगों के लिए यह साल बहुत अच्छा या बहुत बुरा ज़रूर रहा होगा।
लेकिन तुम अब आगे नई शुरुआत, नए सपने, और नए जोश से जीवन जी सको,
इसलिए यह साल अपना अंत लाई है।
#review
#Rajeshwar(Aryan)
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इस साल का पूरा लेखा-जोखा याद दिलाई है।
शायद कुछ लोगों के लिए यह साल बहुत अच्छा या बहुत बुरा ज़रूर रहा होगा।
लेकिन तुम अब आगे नई शुरुआत, नए सपने, और नए जोश से जीवन जी सको,
इसलिए यह साल अपना अंत लाई है।
#review
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फिर वह आख़िरी रात आई है,
इस साल का पूरा लेखा-जोखा याद दिलाई है।
शायद कुछ लोगों के लिए यह साल बहुत अच्छा या बहुत बुरा ज़रूर रहा होगा।
लेकिन तुम अब आगे नई शुरुआत, नए सपने, और नए जोश से जीवन जी सको,
इसलिए यह साल अपना अंत लाई है।
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इस साल का पूरा लेखा-जोखा याद दिलाई है।
शायद कुछ लोगों के लिए यह साल बहुत अच्छा या बहुत बुरा ज़रूर रहा होगा।
लेकिन तुम अब आगे नई शुरुआत, नए सपने, और नए जोश से जीवन जी सको,
इसलिए यह साल अपना अंत लाई है।
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मरना तुम्हें हर हाल में है
मर-मर कर जीना है
या जीकर मरना है
फैसला तुम्हारे हाथ में है
#पंछी🕊️
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मर-मर कर जीना है
या जीकर मरना है
फैसला तुम्हारे हाथ में है
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
ये उदासी एक दिन या एक महीने की नहीं,
ये तो बरसों की मेहरबानी है।
उसने कभी अपना माना ही नहीं,
ये तो बस हमारे ज़िद्दी दिल की नादानी है।।
#mot #review
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ये तो बरसों की मेहरबानी है।
उसने कभी अपना माना ही नहीं,
ये तो बस हमारे ज़िद्दी दिल की नादानी है।।
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधि आँचल में
इक भंवर जाल हैं बातों का
विषय, समय अधिरातों का
मैं परदेशी हूं नगर-नगर का
चलत मुसाफ़िर हर डगर डगर का
बहली फुसली बाते करता
दृग रेखा के घाटो में
अब छोड रहा हूँ देश को
मेरे क्षण भर के निवेश को
बस याद रही हैं कुछ बाते
कुछ फीकी कुछ गमछे में बांधे
ताक रहा हूं चौखट को
गुजरी स्मृति के औघट को
छनकार रही हैं ओस
मीठे मीठे काफल में
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधिआंचल में
~भूमिका
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
नित नयनों के अधि आँचल में
इक भंवर जाल हैं बातों का
विषय, समय अधिरातों का
मैं परदेशी हूं नगर-नगर का
चलत मुसाफ़िर हर डगर डगर का
बहली फुसली बाते करता
दृग रेखा के घाटो में
अब छोड रहा हूँ देश को
मेरे क्षण भर के निवेश को
बस याद रही हैं कुछ बाते
कुछ फीकी कुछ गमछे में बांधे
ताक रहा हूं चौखट को
गुजरी स्मृति के औघट को
छनकार रही हैं ओस
मीठे मीठे काफल में
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधिआंचल में
~भूमिका
#review
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इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधि आँचल में
इक भंवर जाल हैं बातों का
विषय, समय अधिरातों का
मैं परदेशी हूं नगर-नगर का
चलत मुसाफ़िर हर डगर डगर का
बहली फुसली बाते करता
दृग रेखा के घाटो में
अब छोड रहा हूँ देश को
मेरे क्षण भर के निवेश को
बस याद रही हैं कुछ बाते
कुछ फीकी कुछ गमछे में बांधे
ताक रहा हूं चौखट को
गुजरी स्मृति के औघट को
छनकार रही हैं ओस
मीठे मीठे काफल में
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधिआंचल में
~भूमिका
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नित नयनों के अधि आँचल में
इक भंवर जाल हैं बातों का
विषय, समय अधिरातों का
मैं परदेशी हूं नगर-नगर का
चलत मुसाफ़िर हर डगर डगर का
बहली फुसली बाते करता
दृग रेखा के घाटो में
अब छोड रहा हूँ देश को
मेरे क्षण भर के निवेश को
बस याद रही हैं कुछ बाते
कुछ फीकी कुछ गमछे में बांधे
ताक रहा हूं चौखट को
गुजरी स्मृति के औघट को
छनकार रही हैं ओस
मीठे मीठे काफल में
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधिआंचल में
~भूमिका
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Mere Alfaaz ab uske Ishq mein kuchh nahin kahate
Kuch Khao hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..
#Suhani
#review
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Kuch Khao hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..
#Suhani
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Mere Alfaaz ab uske Ishq mein kuchh nahin kahate
Kuch gaw hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..
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Kuch gaw hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..
#Suhani
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Mere Alfaaz ab uske Ishq mein kuchh nahin kahate
Kuch ghaw hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..
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Kuch ghaw hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..
#Suhani
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
तुम करना बेशक हर नये साल की शुरुआत उसके साथ
मगर दिसंबर का आखिरी दिन मेरे साथ बिताने आ जाना
तुम रहना बेशक सारी उम्र उसके संग
बस दुनिया को अलविदा कहते वक्त मुझे साथ ले जाना
#पंछी 🕊️
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मगर दिसंबर का आखिरी दिन मेरे साथ बिताने आ जाना
तुम रहना बेशक सारी उम्र उसके संग
बस दुनिया को अलविदा कहते वक्त मुझे साथ ले जाना
#पंछी 🕊️
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मैं फरेबी, फरेब रास्तों से आगे,
एक और कांटे जिंदगी के,
मन चुभा कर भागे आगे
नए मिलेंगे रिश्ते कहीं,
कहीं करूंगा मैं फरेबी बाते
झूठ कहूं या सच
पर अब बस, अब बस
#review
#shivam
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
एक और कांटे जिंदगी के,
मन चुभा कर भागे आगे
नए मिलेंगे रिश्ते कहीं,
कहीं करूंगा मैं फरेबी बाते
झूठ कहूं या सच
पर अब बस, अब बस
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
जिस से चाहा मरहम वो ज़ख्म दे गया हसरत
जो आया था मरहम बन के उसे ज़ख्म दे दिए ।।
हसरत💌
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
जो आया था मरहम बन के उसे ज़ख्म दे दिए ।।
हसरत💌
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
एक सफल व्यक्ति हमेशा कुछ अच्छा हासिल करने के लिए प्रेरित होता है ना कि किसी को पराजित करने के लिए।
#review #lafzshaalabygaurisharma #GauriSharma
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
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एक सफल व्यक्ति हमेशा कुछ अच्छा हासिल करने के लिए प्रेरित होता है ना कि किसी को पराजित करने के लिए।
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जिस से चाहा मरहम वो ज़ख्म दे गया हसरत
जो आया था मरहम बन के उसे ज़ख्म दे दिए ।।
हसरत💌
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जो आया था मरहम बन के उसे ज़ख्म दे दिए ।।
हसरत💌
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
जिस पक्षी को खुद से कैद होना ना आता हो
उसे कैद करना गुनाह है
-रोशनी
#roshni
#review
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उसे कैद करना गुनाह है
-रोशनी
#roshni
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
एक शख्स से
मुझे मुकम्मल इश्क़ करना है
फिर किसी से इश्क नहीं करना है
-रोशनी
#roshni
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मुझे मुकम्मल इश्क़ करना है
फिर किसी से इश्क नहीं करना है
-रोशनी
#roshni
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
वशीकरण तो कर लिया तुमने
होश आने पर क्या होगा
जो अज़ियत हुई है दिल को मेरे
इसका हिसाब क्या होगा ?
बस इतना ही यकीन था तुम्हें अपनी मोहब्बत पर
जो तुम दिल ना जीत सके तो काले जादू से क्या होगा ?
#review
#sizuka
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होश आने पर क्या होगा
जो अज़ियत हुई है दिल को मेरे
इसका हिसाब क्या होगा ?
बस इतना ही यकीन था तुम्हें अपनी मोहब्बत पर
जो तुम दिल ना जीत सके तो काले जादू से क्या होगा ?
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
भूल जाता हूं
मैं लिखता हुं तुम्हारे बारे में तो बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
मैं सब भूल जाता हूं।
तुझे देखने का मन तो करता है बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
नजरे मिला नहीं पाता हूं।
खुबसूरती तो मैने देखी है बहोत..
लेकिन सब तुम सामने हो..
मैं खुबसूरती भूल जाता हूं।
सपने आते है तो बहोत..
लेकिन जब तुम सपने में आती हो..
मैं जागना भूल जाता हूं।
लिखता हुं तुम्हारे बारे में तो बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
मैं सब भूल जाता हूं।।
to be continues..
#review
#Rajeshwar(Aryan)
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मैं लिखता हुं तुम्हारे बारे में तो बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
मैं सब भूल जाता हूं।
तुझे देखने का मन तो करता है बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
नजरे मिला नहीं पाता हूं।
खुबसूरती तो मैने देखी है बहोत..
लेकिन सब तुम सामने हो..
मैं खुबसूरती भूल जाता हूं।
सपने आते है तो बहोत..
लेकिन जब तुम सपने में आती हो..
मैं जागना भूल जाता हूं।
लिखता हुं तुम्हारे बारे में तो बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
मैं सब भूल जाता हूं।।
to be continues..
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