हम बाजारू हो गए !
सड़क के एक तरफ खड़ी वो
सड़क के दूसरी ओर मैं
बेढंग होना था उसका ढंग
चंद किताबें और कुछ पन्ने मेरे संग
तमाशा दोनो का था बना हुआ
दोनो ने देखा था समाज का रंग
वो बेच रही थी खरीदने वाले की नियत
मैं आस में था के कोई खरीद सके मेरे जज़्बात
वो खेल रही थी उनकी आन से
मैं बेच रहा था खुद को शान से
सितारे सजे थे, थी सस्ती पर
वो हस्ती थी उनकी हस्ती पर
जो जो ठहरा उनकी बस्ती पर
मैं खड़ा था अब इक कोने में
नहीं दिया कोई मोल किसी ने
सुनी शायरी सिर्फ शायद उस ने
हस कर बोली कुछ ढंग का कर
हसरत खुद को नंगा कर
बिना बात के दंगा कर
अपने जज्बातों को नंगा कर ।
उस की आबरू जो थी, थी समाज का आइना
मेरी पोटली में थी हसरत नुमाइश मेरी ।।
हसरत💌
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
सड़क के एक तरफ खड़ी वो
सड़क के दूसरी ओर मैं
बेढंग होना था उसका ढंग
चंद किताबें और कुछ पन्ने मेरे संग
तमाशा दोनो का था बना हुआ
दोनो ने देखा था समाज का रंग
वो बेच रही थी खरीदने वाले की नियत
मैं आस में था के कोई खरीद सके मेरे जज़्बात
वो खेल रही थी उनकी आन से
मैं बेच रहा था खुद को शान से
सितारे सजे थे, थी सस्ती पर
वो हस्ती थी उनकी हस्ती पर
जो जो ठहरा उनकी बस्ती पर
मैं खड़ा था अब इक कोने में
नहीं दिया कोई मोल किसी ने
सुनी शायरी सिर्फ शायद उस ने
हस कर बोली कुछ ढंग का कर
हसरत खुद को नंगा कर
बिना बात के दंगा कर
अपने जज्बातों को नंगा कर ।
उस की आबरू जो थी, थी समाज का आइना
मेरी पोटली में थी हसरत नुमाइश मेरी ।।
हसरत💌
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
हम बाजारू हो गए !
सड़क के एक तरफ खड़ी वो
सड़क के दूसरी ओर मैं
बेढंग होना था उसका ढंग
चंद किताबें और कुछ पन्ने मेरे संग
तमाशा दोनो का था बना हुआ
दोनो ने देखा था समाज का रंग
वो बेच रही थी खरीदने वाले की नियत
मैं आस में था के कोई खरीद सके मेरे जज़्बात
वो खेल रही थी उनकी आन से
मैं बेच रहा था खुद को शान से
सितारे सजे थे, थी सस्ती पर
वो हस्ती थी उनकी हस्ती पर
जो जो ठहरा उनकी बस्ती पर
मैं खड़ा था अब इक कोने में
नहीं दिया कोई मोल किसी ने
सुनी शायरी सिर्फ शायद उस ने
हस कर बोली कुछ ढंग का कर
हसरत खुद को नंगा कर
बिना बात के दंगा कर
अपने जज्बातों को नंगा कर ।
उस की आबरू जो थी, थी समाज का आइना
मेरी पोटली में थी हसरत नुमाइश मेरी ।।
हसरत💌
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
सड़क के एक तरफ खड़ी वो
सड़क के दूसरी ओर मैं
बेढंग होना था उसका ढंग
चंद किताबें और कुछ पन्ने मेरे संग
तमाशा दोनो का था बना हुआ
दोनो ने देखा था समाज का रंग
वो बेच रही थी खरीदने वाले की नियत
मैं आस में था के कोई खरीद सके मेरे जज़्बात
वो खेल रही थी उनकी आन से
मैं बेच रहा था खुद को शान से
सितारे सजे थे, थी सस्ती पर
वो हस्ती थी उनकी हस्ती पर
जो जो ठहरा उनकी बस्ती पर
मैं खड़ा था अब इक कोने में
नहीं दिया कोई मोल किसी ने
सुनी शायरी सिर्फ शायद उस ने
हस कर बोली कुछ ढंग का कर
हसरत खुद को नंगा कर
बिना बात के दंगा कर
अपने जज्बातों को नंगा कर ।
उस की आबरू जो थी, थी समाज का आइना
मेरी पोटली में थी हसरत नुमाइश मेरी ।।
हसरत💌
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मेरे तसव्वुर के अफसाने में तेरा किरदार कुछ ऐसा है
दुनियां में जो कुछ भी हसीन है हसरत सब तेरे जैसा है ।
हसरत💌
तसव्वुर - Imagination
अफसाने - Stories
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
दुनियां में जो कुछ भी हसीन है हसरत सब तेरे जैसा है ।
हसरत💌
तसव्वुर - Imagination
अफसाने - Stories
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
फिर उन्हें तसल्ली थी के थके - हारे घर जाएंगे
आप बताइए हसरत अब आप किधर जाएंगे ।
हसरत💌
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
आप बताइए हसरत अब आप किधर जाएंगे ।
हसरत💌
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
एक अरसा हो चुका हैं अब
गुजरा वो वक़्त पुराना हैं
ना मजा वो अब तरकारी में हैं
ना चपाती में छुपा खजाना हैं
~भूमिका
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
गुजरा वो वक़्त पुराना हैं
ना मजा वो अब तरकारी में हैं
ना चपाती में छुपा खजाना हैं
~भूमिका
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
Agr vo khe muje shadi krni hai
To khete hain haye shrm nhi aati
Apni he shadi ki bat krte hue
Ruka nhi jata isse
Vo khe mai shadi nhi Krna chahti to
Ldkiyon ko shadi to krni he pdti h sari umar thoda na bitha k rkhenge
Vo shadi k bad khe k mai to sanyasi jivan jina chahti hu to
Sanyasi ki treh jina tha to shadi nhi krti
Agr khe phle ,nhi uski Ruchi kam mai to
Y sb nhi chlta h rit h y to
Khe vo y rit nhi mera blatkar hoga
To khe y to sbka hota aaya h tum kya alg ho
Khud bistar dekar apni bete k blatkar ko
Yhi log kisi or ki beti k liye phr candle march ko nikl padte hain
Juthi ijjat k nam pr apna jamir mar dete hain
Mna kre vo shadi se to marte hain pittte hain
Dete hain mrne or marne ki dmkiyan
Na Dre vo in dmkiyo se to
Jbrdasti kisi ki ghadi mai dal vidha kr dete hain
Muk bnke dekhta rehta hai y samaj
Nach gane k sath krta hai tyari uski mot ki
Or agr jina chae vo jindgai apni to krta hai thu thu
Nhi aati muje samj ijjat ki paribhasa
Khud ki jindgai ka faisla lene ka b adhikar nhi
Phir kyu puja jata hai deviyon ko muje samj aata nhi
Thk gyi hun mai ye dohre chere dekh dekh
Magr mai Hari nhi hun
Har roj kosis ki Jaa rhi hai muje todne ki
Magr ab mujme tutne ko kuch bacha nhi
Mn krta hai bhag jau khi dur
Mgr meri wjeh se lge pabandiya meri choti pr ye bardasht nhi
Ldungi mai apni akhiri sans tk kyunki Mai janti hu Mai glt nhi
Na krungi kuch glt khud k sath
Na kisi or ko y adhikar dungi
Katr sakte hain panchi k pankho ko ye
Panchi k hosle ko katrne ki kisi mai okat nhi
#पंछी 🕊️
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
To khete hain haye shrm nhi aati
Apni he shadi ki bat krte hue
Ruka nhi jata isse
Vo khe mai shadi nhi Krna chahti to
Ldkiyon ko shadi to krni he pdti h sari umar thoda na bitha k rkhenge
Vo shadi k bad khe k mai to sanyasi jivan jina chahti hu to
Sanyasi ki treh jina tha to shadi nhi krti
Agr khe phle ,nhi uski Ruchi kam mai to
Y sb nhi chlta h rit h y to
Khe vo y rit nhi mera blatkar hoga
To khe y to sbka hota aaya h tum kya alg ho
Khud bistar dekar apni bete k blatkar ko
Yhi log kisi or ki beti k liye phr candle march ko nikl padte hain
Juthi ijjat k nam pr apna jamir mar dete hain
Mna kre vo shadi se to marte hain pittte hain
Dete hain mrne or marne ki dmkiyan
Na Dre vo in dmkiyo se to
Jbrdasti kisi ki ghadi mai dal vidha kr dete hain
Muk bnke dekhta rehta hai y samaj
Nach gane k sath krta hai tyari uski mot ki
Or agr jina chae vo jindgai apni to krta hai thu thu
Nhi aati muje samj ijjat ki paribhasa
Khud ki jindgai ka faisla lene ka b adhikar nhi
Phir kyu puja jata hai deviyon ko muje samj aata nhi
Thk gyi hun mai ye dohre chere dekh dekh
Magr mai Hari nhi hun
Har roj kosis ki Jaa rhi hai muje todne ki
Magr ab mujme tutne ko kuch bacha nhi
Mn krta hai bhag jau khi dur
Mgr meri wjeh se lge pabandiya meri choti pr ye bardasht nhi
Ldungi mai apni akhiri sans tk kyunki Mai janti hu Mai glt nhi
Na krungi kuch glt khud k sath
Na kisi or ko y adhikar dungi
Katr sakte hain panchi k pankho ko ye
Panchi k hosle ko katrne ki kisi mai okat nhi
#पंछी 🕊️
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
रोज देकर धमकियां मारने की चैन से सो जाते हैं
मुझसे उन्हें जरा सा भी खौफ नहीं!
#पंछी🕊️
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मुझसे उन्हें जरा सा भी खौफ नहीं!
#पंछी🕊️
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
रोज देकर धमकियां मारने की मुझे,चैन से सो जाते हैं
मुझसे उन्हें जरा सा भी खौफ नहीं!
#पंछी🕊️
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मुझसे उन्हें जरा सा भी खौफ नहीं!
#पंछी🕊️
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
सुनो ए नींद आना तुम कभी तनहा भी रातों को
न लाना साथ मे अपने तुम अश्कों को यादों को
मगर तुम ध्यान से आने से पहले ही बता देना
मैं दे आऊँगा न्यौता उन सारे बिसरे ख्वाबों को
फिर दोनों साथ में बैठेंगे उस दीवान पर फिर से
जिसकी ठीक न कर पाया हूँ चादर एक अरसे से
फिर तुम बातें सभी करना सुनूँगा शांत मैं तुमको
बातें खूब सारी आजकल करता हूँ मैं खुद से
सुनो एक काम है तुमसे बताओ तुम करोगी क्या
मेरे दिन रात खाली है बताओ तुम भरोगी क्या
बड़ा मायूस रहता है मेरा मन भी ये आंगन भी
बस दो चार दिन को ही मेरे घर में रहोगी क्या
#Hriday
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
न लाना साथ मे अपने तुम अश्कों को यादों को
मगर तुम ध्यान से आने से पहले ही बता देना
मैं दे आऊँगा न्यौता उन सारे बिसरे ख्वाबों को
फिर दोनों साथ में बैठेंगे उस दीवान पर फिर से
जिसकी ठीक न कर पाया हूँ चादर एक अरसे से
फिर तुम बातें सभी करना सुनूँगा शांत मैं तुमको
बातें खूब सारी आजकल करता हूँ मैं खुद से
सुनो एक काम है तुमसे बताओ तुम करोगी क्या
मेरे दिन रात खाली है बताओ तुम भरोगी क्या
बड़ा मायूस रहता है मेरा मन भी ये आंगन भी
बस दो चार दिन को ही मेरे घर में रहोगी क्या
#Hriday
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
हर इक पल मौत को मनाया उस ने
हयात का मातम भी मनाया उस ने
ज़र्फ़ ने तो पहले ही ठुकरा दिया था
नाकामियों को फिर भी सताया उस ने
हर महफ़िल में रहा था शमा की तरह
पूछने पर तीरगी को घर बताया उस ने
थोड़ा सहम गए थे अब हादसे भी उस से
एहसान सांसों पर हर दफा जताया उस ने
क्या ही जलाएंगे वो खाक को हसरत
हर सांस को इस तरह खाक बताया उस ने ।।
हसरत💌
हयात - जीवन ( Life )
ज़र्फ़ - योग्यता( Competent)
शमा - दिया ( Lamp)
तीरगी - अंधेरा ( Darkness )
खाक - धूल ( Dust )
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
हयात का मातम भी मनाया उस ने
ज़र्फ़ ने तो पहले ही ठुकरा दिया था
नाकामियों को फिर भी सताया उस ने
हर महफ़िल में रहा था शमा की तरह
पूछने पर तीरगी को घर बताया उस ने
थोड़ा सहम गए थे अब हादसे भी उस से
एहसान सांसों पर हर दफा जताया उस ने
क्या ही जलाएंगे वो खाक को हसरत
हर सांस को इस तरह खाक बताया उस ने ।।
हसरत💌
हयात - जीवन ( Life )
ज़र्फ़ - योग्यता( Competent)
शमा - दिया ( Lamp)
तीरगी - अंधेरा ( Darkness )
खाक - धूल ( Dust )
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
हर इक पल मौत को मनाया उस ने
हयात का मातम भी मनाया उस ने
ज़र्फ़ ने तो पहले ही ठुकरा दिया था
नाकामियों को फिर भी सताया उस ने
हर महफ़िल में रहा था शमा की तरह
पूछने पर तीरगी को घर बताया उस ने
थोड़ा सहम गए थे अब हादसे भी उस से
एहसान सांसों पर हर दफा जताया उस ने
क्या ही जलाएंगे वो खाक को हसरत
हर सांस को इस तरह खाक बताया उस ने ।।
हसरत💌
हयात - जीवन ( Life )
ज़र्फ़ - योग्यता( Competent)
शमा - दिया ( Lamp)
तीरगी - अंधेरा ( Darkness )
खाक - धूल ( Dust )
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
हयात का मातम भी मनाया उस ने
ज़र्फ़ ने तो पहले ही ठुकरा दिया था
नाकामियों को फिर भी सताया उस ने
हर महफ़िल में रहा था शमा की तरह
पूछने पर तीरगी को घर बताया उस ने
थोड़ा सहम गए थे अब हादसे भी उस से
एहसान सांसों पर हर दफा जताया उस ने
क्या ही जलाएंगे वो खाक को हसरत
हर सांस को इस तरह खाक बताया उस ने ।।
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हयात - जीवन ( Life )
ज़र्फ़ - योग्यता( Competent)
शमा - दिया ( Lamp)
तीरगी - अंधेरा ( Darkness )
खाक - धूल ( Dust )
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
आधी अधूरी ज़िंदगी गुजरी …
गुजरी उम्र तमाम भी नहीं …
महोब्बत महोब्बत करता फिरता …
जानता उसका नाम भी नहीं …
~KAILASH
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
गुजरी उम्र तमाम भी नहीं …
महोब्बत महोब्बत करता फिरता …
जानता उसका नाम भी नहीं …
~KAILASH
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
डर लगता है कि वह मैं नहीं,
जानता हूँ जिसको वह मैं नहीं,
चिख रहा हूँ मैं मुझमें कहीं,
ख़ामोश वह शख्स मैं नहीं।
जानता नहीं हूँ शायद खुदको मैं,
जी रहा हूँ वह जो मैं नहीं,
आईना भी है झूठा यहाँ,
मुस्कुरा रहा शख्स वह मैं नहीं।
एक तलाश में हूँ अपने सच के,
झूठा वह शख्स वह मैं नहीं।
अजनबी है सारी दुनिया मुझसे
हाल-ए-दिल बताता वह शख्स मैं नहीं।
~दिग्विजय
#review
#Digvijay
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जानता हूँ जिसको वह मैं नहीं,
चिख रहा हूँ मैं मुझमें कहीं,
ख़ामोश वह शख्स मैं नहीं।
जानता नहीं हूँ शायद खुदको मैं,
जी रहा हूँ वह जो मैं नहीं,
आईना भी है झूठा यहाँ,
मुस्कुरा रहा शख्स वह मैं नहीं।
एक तलाश में हूँ अपने सच के,
झूठा वह शख्स वह मैं नहीं।
अजनबी है सारी दुनिया मुझसे
हाल-ए-दिल बताता वह शख्स मैं नहीं।
~दिग्विजय
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
Khuda sbka sath deta hai
Jo thkkar har jate hain unka bhi
Or jo ldna svikar krte hain unka bhi
Jo thke har jate hain unki jindgi ko asan kr dete hain
Jo ldna chahte hai unhe hosla dete hain
Asan jindgai chahne vale aam insano ki bhaati chle jate hain
Ldne vale apni ek alg pehchan bna jate hain
#पंछी🕊️
#review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
Jo thkkar har jate hain unka bhi
Or jo ldna svikar krte hain unka bhi
Jo thke har jate hain unki jindgi ko asan kr dete hain
Jo ldna chahte hai unhe hosla dete hain
Asan jindgai chahne vale aam insano ki bhaati chle jate hain
Ldne vale apni ek alg pehchan bna jate hain
#पंछी🕊️
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
ख़ौफ़नाक चीख़ती सड़कों पर
झुके हुए थे
बुझे हुए
ठिठुरते लैंप पोस्ट…
– अदनान कफ़ील दरवेश
मुझे नहीं पता कि कितने लोग किसी लैंप पोस्ट को देखकर ठहरते हैं, कितने उसे समझने की कोशिश करते हैं।
खैर, लैंप पोस्ट को समझना शायद इतना भी मुश्किल नहीं। वह तो बस एक खंभा है, जिसके ऊपर एक बल्ब टंगा होता है। किसी के लिए यह सिर्फ़ सड़क पर रौशनी का साधन है, तो किसी के लिए महज शोकेस का सामान।
आज आपको एक ऐसे ही लैंप पोस्ट से मिलवाता हूंँ। मैं कुछ दिन पहले लाल किला गया था, शायद पचासवीं बार। पर पहली बार, मेरी नजर एक लैंप पोस्ट पर ठहरी। मुझे वह लैंप पोस्ट बेहद सुंँदर और एस्थेटिक लगा, शायद इसीलिए मैंने झपाक से उसकी एक तस्वीर खींच ली। लेकिन कुछ पल उसे निहारने के बाद, मेरे भेजे ने खुद-ब-खुद कहानियांँ बुनना शुरू कर दिया।
जैसे...
एक बूढ़ा आदमी, हाथ में छोटा कीपैड वाला फोन लिए लैंप पोस्ट के नीचे खड़ा है। उसकी आंँखें धुंँधली हो चुकी हैं, इसलिए वह इस बल्ब की रौशनी में फोन के बटन टटोल रहा है। शायद वह अपने बेटे से बात करना चाहता है। पत्नी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि वह वहीं पास में हाथों में पुराना गमछा लिए खड़ी, अपनी उलाहती आंँखों से लाल किले को निहार रही है। उसकी मांँग में सिंदूर लबालब भरा हुआ है, उसके पति को इससे ब्रह्मा की उम्र लग जाएगी।
एक और कहानी – कुछ बच्चे इस लैंप पोस्ट के इर्द-गिर्द भाग रहे हैं। अपनी कोमल और थोड़ी फटी हथेलियों से पोल पर थपकियांँ मारते हुए खिलखिला रहे हैं। एक बच्चा बाजू वाले लैंप पोस्ट से लिपटा हुआ है और दूसरा उसे पकड़ने की कोशिश में मगन है। शायद ये बच्चे पकड़म-पकड़ाई खेल रहे हैं। हो सकता है कि ये खेल 'नदी-पहाड़' हो, क्योंकि कुछ बच्चे लैंप पोस्ट के चबूतरे से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। कभी-कभी सोचता हूंँ, इतनी बेफिक्री भला कैसे आती है? वैसे, कभी मैं भी ऐसा ही था।
या फिर... एक नई शादीशुदा जोड़े की कहानी। न जाने क्यों, मेरे चेहरे पर इस खयाल से ही एक अलग गुलाबी आ गई। वह जोड़ा लैंप पोस्ट के दोनों तरफ़ खड़ा होकर एक-दूसरे को झांँक रहा है। शायद कोई दूर से उनकी तस्वीर भी खींच रहा हो। दोनों बेहद खुश हैं, एक-दूसरे का हाथ थामे हुए। लड़के ने नए जूते पहने हैं, शायद शादी में मिले होंगे। भगवान करे, इस जोड़े की समीपी सुहावन रहे।
यह लैंप पोस्ट शायद उतना आम भी नहीं जितना लगता है। बॉब यानेगा ने अपनी किताब 'द लिटिलेस्ट लैंपपोस्ट' में ऐसे किसी लैंप पोस्ट का ज़िक्र तो बिल्कुल भी नहीं किया था। न जाने मेरी दिलचस्पी अचानक से लैंप पोस्ट जैसे निर्जीव चीज़ों पर क्यों बढ़ने लगी। वैसे, मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूंँ, लेकिन अब तो सड़क के सारे लैंप पोस्ट मुझे कहानियांँ सुनाने लगे हैं।
यह थोड़ी बहकी हुई बातें लग सकती हैं, इन पर ध्यान न दें। अगली बार जब आप किसी लैंप पोस्ट के पास से गुजरें, तो बस निकल जाइएगा। वहांँ ठहरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।
अगर आपने इसे अंत तक पढ़ा है, तो आपका वक्त जाया करने के लिए माफ़ी चाहूंँगा।
शुक्रिया♥️
#govind #review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
झुके हुए थे
बुझे हुए
ठिठुरते लैंप पोस्ट…
– अदनान कफ़ील दरवेश
मुझे नहीं पता कि कितने लोग किसी लैंप पोस्ट को देखकर ठहरते हैं, कितने उसे समझने की कोशिश करते हैं।
खैर, लैंप पोस्ट को समझना शायद इतना भी मुश्किल नहीं। वह तो बस एक खंभा है, जिसके ऊपर एक बल्ब टंगा होता है। किसी के लिए यह सिर्फ़ सड़क पर रौशनी का साधन है, तो किसी के लिए महज शोकेस का सामान।
आज आपको एक ऐसे ही लैंप पोस्ट से मिलवाता हूंँ। मैं कुछ दिन पहले लाल किला गया था, शायद पचासवीं बार। पर पहली बार, मेरी नजर एक लैंप पोस्ट पर ठहरी। मुझे वह लैंप पोस्ट बेहद सुंँदर और एस्थेटिक लगा, शायद इसीलिए मैंने झपाक से उसकी एक तस्वीर खींच ली। लेकिन कुछ पल उसे निहारने के बाद, मेरे भेजे ने खुद-ब-खुद कहानियांँ बुनना शुरू कर दिया।
जैसे...
एक बूढ़ा आदमी, हाथ में छोटा कीपैड वाला फोन लिए लैंप पोस्ट के नीचे खड़ा है। उसकी आंँखें धुंँधली हो चुकी हैं, इसलिए वह इस बल्ब की रौशनी में फोन के बटन टटोल रहा है। शायद वह अपने बेटे से बात करना चाहता है। पत्नी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि वह वहीं पास में हाथों में पुराना गमछा लिए खड़ी, अपनी उलाहती आंँखों से लाल किले को निहार रही है। उसकी मांँग में सिंदूर लबालब भरा हुआ है, उसके पति को इससे ब्रह्मा की उम्र लग जाएगी।
एक और कहानी – कुछ बच्चे इस लैंप पोस्ट के इर्द-गिर्द भाग रहे हैं। अपनी कोमल और थोड़ी फटी हथेलियों से पोल पर थपकियांँ मारते हुए खिलखिला रहे हैं। एक बच्चा बाजू वाले लैंप पोस्ट से लिपटा हुआ है और दूसरा उसे पकड़ने की कोशिश में मगन है। शायद ये बच्चे पकड़म-पकड़ाई खेल रहे हैं। हो सकता है कि ये खेल 'नदी-पहाड़' हो, क्योंकि कुछ बच्चे लैंप पोस्ट के चबूतरे से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। कभी-कभी सोचता हूंँ, इतनी बेफिक्री भला कैसे आती है? वैसे, कभी मैं भी ऐसा ही था।
या फिर... एक नई शादीशुदा जोड़े की कहानी। न जाने क्यों, मेरे चेहरे पर इस खयाल से ही एक अलग गुलाबी आ गई। वह जोड़ा लैंप पोस्ट के दोनों तरफ़ खड़ा होकर एक-दूसरे को झांँक रहा है। शायद कोई दूर से उनकी तस्वीर भी खींच रहा हो। दोनों बेहद खुश हैं, एक-दूसरे का हाथ थामे हुए। लड़के ने नए जूते पहने हैं, शायद शादी में मिले होंगे। भगवान करे, इस जोड़े की समीपी सुहावन रहे।
यह लैंप पोस्ट शायद उतना आम भी नहीं जितना लगता है। बॉब यानेगा ने अपनी किताब 'द लिटिलेस्ट लैंपपोस्ट' में ऐसे किसी लैंप पोस्ट का ज़िक्र तो बिल्कुल भी नहीं किया था। न जाने मेरी दिलचस्पी अचानक से लैंप पोस्ट जैसे निर्जीव चीज़ों पर क्यों बढ़ने लगी। वैसे, मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूंँ, लेकिन अब तो सड़क के सारे लैंप पोस्ट मुझे कहानियांँ सुनाने लगे हैं।
यह थोड़ी बहकी हुई बातें लग सकती हैं, इन पर ध्यान न दें। अगली बार जब आप किसी लैंप पोस्ट के पास से गुजरें, तो बस निकल जाइएगा। वहांँ ठहरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।
अगर आपने इसे अंत तक पढ़ा है, तो आपका वक्त जाया करने के लिए माफ़ी चाहूंँगा।
शुक्रिया♥️
#govind #review
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
दूसरों को क्या दोष दूं, मैंने तो अपने आपको ही बेवकूफ बनाया है।
कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।
#review
#Rajeshwar
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कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।
#review
#Rajeshwar
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दूसरों को क्या दोष दूं, मैंने तो अपने आपको ही बेवकूफ बनाया है।
कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।
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#Rajeshwar(Aryan)
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कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।
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#Rajeshwar(Aryan)
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दूसरों को क्या दोष दूं, मैंने तो अपने आपको ही बेवकूफ बनाया है।
कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।
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#Rajeshwar(Aryan)
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कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।
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#Rajeshwar(Aryan)
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मैं होती रही पल पल तेरी.
पर तू मेरा हमदम कब हुआ..
मैं सहती रही हर दर्द अकेले
सच बता मेरा हर गम तेरा कब हुआ...
#review
#Suhani
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पर तू मेरा हमदम कब हुआ..
मैं सहती रही हर दर्द अकेले
सच बता मेरा हर गम तेरा कब हुआ...
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#Suhani
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
मैं होती रही पल पल तेरी.
पर तू मेरा हमदम कब हुआ..
मैं सहती रही हर दर्द अकेले
सच बता मेरा हर गम तेरा कब हुआ...
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पर तू मेरा हमदम कब हुआ..
मैं सहती रही हर दर्द अकेले
सच बता मेरा हर गम तेरा कब हुआ...
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