Hindi/Urdu Poems
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खुला आसमान है,फिर भी हम कैद है

अब आंगन की दीवारें  ऊंची हो गई है

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बिखरे फूलों को पलकों से उठाने को कहो
ये जो नाराज़ हो तो, खुशबू बिखर जाएंगे,

जाम इन होंठो से और पिलाने को कहो
होश आया तो, फिर नशा उतर जायेंगे ।

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जमाने के नजर को नजरअंदाज करके

आज पहला कदम किसी ने गली में रखा है

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जिंदगी तेरा लेन-देन भी अच्छा नहीं,
तु सपने देकर नींदे लें जाती है
#Bhagyashree
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बिना पिता के घर तथा बिना छत का घर एक सामान होता है। जहां हमें लगता है कि घर की चारो दीवारें हमारी सुरक्षा कर रही हैं लेकिन हकीकत ये है बिना छत के घर में सबसे खूबसूरत मौसम भी बहुत बुरा लगता है।आज हम सभी घर में रहते हैं है घर की देखभाल करते हैं दीवारों का ध्यान रखते हैं मगर क्या हम हमारे घर की छत का ध्यान रखते हैं ? क्या हम पिता का ध्यान रखते हैं?
बिना पिता के या बिना छत के सर्दी,गर्मी,बरसात ,बसंत सभी मौसम एकसमान लगते हैं चाहे वो कितनी ही हसीं क्यू ना हो?
सभी मौसम खुबसूरत और हसीं लगे इसलिए घर की छत होना अनिवार्य है और उसका ध्यान रखना भी तथा जिंदगी खुबसूरत करने के लिए पिता का ध्यान रखें ।
#Bhagyashree
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
एक इंसान के जाने पर ,
मैंने जानना चाहा क्या खो गया है?
रिश्तेदारों ने कहा,
एक इंसान ही तो गया है ।।
क्या कर सकते हैं अब ?
मैंने समझा सिर्फ इंसां गया।।
परिचितों ने कहा,
हीरा था वो,
हीरा खो चुका है आज।।
तब जाना मैंने,
हर इंसान हीरा है यहां।।
#Bhagyashree
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
लौट कर फिर से आए हो
तुम तो चले गए थे ना ?

हाल फिर से पूछा हैं
पर हम तो बिछड़ गए थे ना ?

मेरे हो ये कहते हो
पर तुम तो मुकर गए थे ना ?

क्या फायदा पछतावे का
अब हम तो बिखर गए थे ना ?

#ᴀʟᴏɴᴇ ᴡᴀʟᴋᴇʀ
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
खुला आसमान है,फिर भी हम कैद है

अब आंगन की दीवारें  ऊंची हो गई है

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
अभी भी याद आती है
अब भी मुझको बुलाता है
अभी भी याद है रस्ता
मगर खो गया है
मैं दुनिया मे हूँ यूँ भटका
मेरा घर खो गया है
वो जिसकी सड़कें नापी थीं
जहां बचपन गुज़ारा था
जहाँ सब यार रहते थे
वो शहर खो गया है
मैं दुनिया में हूँ यूँ भटका
मेरा घर खो गया है
अब भी शाम को थककर
जहाँ हूँ लौट कर जाता
वहाँ भी चाय मिलती है
पर अब उस प्याली का
असर खो गया है
मैं दुनिया में हूँ यूँ भटका
मेरा घर खो गया है

#Hriday
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
श्री रामकृष्ण परमहंस थे प्रतिदिन,
अपने जलपात्र को राख से चमकाते।
मेहनत देख अपने गुरु जी कि,
शिष्य उनके चकित रह जाते।।

शिष्य सोचते कि गुरुजी का लोटा,
वैसे ही इतना चमकता रहता।
फिर उन्हें इसे चमकाने की,
क्यों रोज पड़ती है आवश्यकता?

फिर इक दिवस शिष्य गुरु जी से,
यह प्रश्न पूछ ही बैठा,
कि क्यों रोज इतनी मेहनत से,
चमकाते आप हैं अपना लोटा !

हँस कर बोल उठे गुरु जी भी,
इसमे लगती रोज है शक्ति।
पात्र की यह चमक इक दिन की,
मेहनत से है नहीं आ सकती।।

आगे उन्होंने फिर समझाया,
जीवन मे सबके है बुराइयों की माया।
दूर करने के लिए इस माया को,
हमें चाहिए रोज़ संघर्ष की छाया।

तो, सच्चाई और अच्छाई की ओर,
हमको अपना रुख करना होगा।
पूरी लगन और मेहनत से,
हमको रोज चमकना होगा।।
- वंशिका जैन

#consistency
#motivation
#review
#vanshikajain

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तेरे धड़कनो से निकली हुई तरंग तेरी मोहब्बत के तराने सजाएंगे

तेरे अफ़साने बनकर समा तेरी महफिल के परवाने सजाएंगे

उम्र भर सजाया है तूझे आईने ने अब तेरे चाहने वाले सजाएंगे

आईना भी आएगा देखने 'बनारसिया' जब तेरे चाहने वाले तेरे जनाजे सजाएंगे

#review
#Banarasiya 🥀

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
सुना है खुदा तू बहुत करिश्मा दिखाता है
दुनिया के लोगों को कठपुतली सा नचाता है
इन बैपीर लोगो को भी तु पीर बनाता है
अपने बंदों को खुबसूरत ज़हान दिखाता है
#Bhagyashree
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तकलीफ़ में साथ थे,उस वक्त नजर में कोई
दूसरा न था
तकलीफें कम होती गई,नजरें भी बदलती
गई

ख्वाहिश,,,

पूरी जिंदगी तकलीफ में रहूं

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
किसी का दिल जले तो दर्द-ए-सुखन से आग बुझा कर देखिए

कभी बैठिए मरघट पर और चिलम से धुआ उड़ा कर देखिए

जो भी देखे आपको शरमा कर आप उसे नजरे झुका कर देखिए

हसीनो के पास इशारे के तरीके और भी है कभी कंगन खनका कर देखिए

जिनके दिल में दिखे मोहब्बत, उनके लहजे, बातें, आंखे देखिए

लहरो पर कश्ती बहती देखी है आपने कभी लहरो को कश्ती डुबाते देखिए

गंगा में दिया जलाकर देखने वाले कभी इक लहर को दिया बुझाते देखिए

'बनारसिया' जिस शख्स में दुनिया दिखा आपको उसी को आपकी दुनिया जलाते देखिए

#review
#Banarasiya 🥀

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आइने में खुद को देखती हूँ तब अच्छा महसूस होता है
कोई तो है जो मेरी care करता है
खुशी में मेरा साथ देता हैं
दुख में मुझे सहारा देता हैं
जब रूठती हूँ तब कोई मनाने आता हैं
गुस्से में होती हूँ तब मुझे शांत करता हैं
गलतियो से सिखने को कहता हैं
अब किसी की सहारे की जरूरत नहीं हैं
मैंने खुदको ढुंढ लिया है ।
#Akanksha
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
हम आंखो से करते है दरिया-ए-इश्क रवाँ हम लबो से नग़्मा-ए-इश्क नही कहते

गुस्ताख दिल कहता है हमसे जनाब आप उनका नाम दिल से नही कहते

कुछ तो फर्क है वो आपको अपना नही कहती, आप उन्हे पराया नही कहते

हसीन है दिल गली का रास्ता इस पर चलने वाले, इस पर चलने को नही कहते

सबसे दिल लगाने वालो का मशवरा है इक गली की बात दूसरी गली में नही कहते

इन गालियो में मिलते होंगे आशिक तमाम, 'बनारसिया' इनमे मिली खैरात को मोहब्बत नही कहते

#review
#Banarasiya 🥀

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
हम आंखो से करते है दरिया-ए-इश्क रवाँ हम लबो से नग़्मा-ए-इश्क नही कहते

गुस्ताख दिल कहता है हमसे जनाब आप उनका नाम दिल से नही कहते

कुछ तो फर्क है वो आपको अपना नही कहती, आप उन्हे पराया नही कहते

हसीन है दिल गली का रास्ता इस पर चलने वाले, इस पर चलने को नही कहते

सबसे दिल लगाने वालो का मशवरा है इक गली की बात दूसरी गली में नही कहते

इन गलियो में मिलते होंगे आशिक तमाम, 'बनारसिया' इनमे मिली खैरात को मोहब्बत नही कहते

#review
#Banarasiya 🥀

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
लिखना तो कितना आसान काम है ना
हर कोई अपनी शिकायतों, आंसूओं, गमों आदि
से पन्नों को भर देता होगा ना लेकिन उसको भी
पढ़ना उतना जरुरी है जो धन्यवाद, प्रार्थनाओं से
प्रत्येक पृष्ठों को खुशियों से भर देता है !
कहना तो कितना आसान काम है ना
सब अपने प्रियतम से दिल खोल बातें करते और
घंटों संवाद करते होगे ना लेकिन वो सब का क्या
जो मूक मौन हो कहे जा रहे है सब कुछ लेकिन
वैसा समझता क्या कोई भी उनको होगा क्या ?

~साक्षी
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
शीर्षक : विलेन की अनसुनी दर्दनाक कहानी

विलेन की कहानी, काव्य से इसलिए कह",
ताकि जो सिर्फ पढ़ते हैं, आगे बढ़ जाते;
जो गहराई समझते हैं, वही ठहर जाते हैं.
भावनाएं सहेज ली जाती, सब आनंद उठाते,
लिखने से पूरे दर्द, रूह से बाहर निकल जाते।

आप सिर्फ अपनी बातों का तवज्जो दे रहे हैं,
मेरा पक्ष न सुनते, न ही सुनना चाह रहे हो.
हीरो की तरह अपनी बात मनाने पर तुले हुए हो,
यहां मेरी गलती का कारण भी नहीं पूछा है?

सिर्फ अपनी कहानी कहते, दर्द बताते,
खामोश होने वाले का कारण तक पूछते?
ऐसे कर रहे बात जैसे मैं सब जानता हूं,
मैं स्वीकार करता हूं, मैं गलत था, विलेन हूं."

हीरो जो अपने न्याय के लिए खुद लड़ता है,
आप वही हैं मेरी पुकार के कारण न पूछे.
यह बताए आदर्श हीरो, आप कहां सही हैं?
आप अपनी महत्त्व के लिए लड़े, कर्म यही है?

हीरो के कहानी सुनिए,विलेन के वक्त मजा आता है।
कमजोर नहीं होता, पर आसानी से मारा जाता है।
सबकी कहानी और किरदार में विलेन होता है,
यह फर्क नहीं पड़ता , वो किसके साथ होता है.

विलेन इस कारण न होता कि विलेन ही है,
न ही उसको विलेन बनने की चाहत रही है।
उस बेरहम का आंखों के पर्दा पीछे आंसु बही है,
पत्थर बन जाता, यहां भावना की कीमत नहीं है।

न्याय यह हैं, पहले गलती को सुनी जाती है,
फिर गलत को गलत साबित की जाती है.
उसके बाद अपनी बात और पक्ष रखी जाए,
तब किसी को समझ आई तो फैसला पाए.

अपनी बात कह दिया, इतना कौन इंतेजार करे?
अब दर्द सहने वाला खुद ही बेमर्द क्यों कहे?
विलेन की कहानी, सबको समझ नहीं आती,
शांत दिखाने वाला, सह रहा ज्वाला और आंधी।

---अभय कुमार वर्मा ✍️ "

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
शीर्षक : विलेन की अनसुनी दर्दनाक कहानी

विलेन की कहानी, काव्य से इसलिए कह",
ताकि जो सिर्फ पढ़ते हैं, आगे बढ़ जाते;
जो गहराई समझते हैं, वही ठहर जाते हैं.
भावनाएं सहेज ली जाती, सब आनंद उठाते,
लिखने से पूरे दर्द, रूह से बाहर निकल जाते।

आप सिर्फ अपनी बातों का तवज्जो दे रहे हैं,
मेरा पक्ष न सुनते, न ही सुनना चाह रहे हो.
हीरो की तरह अपनी बात मनाने पर तुले हुए हो,
यहां मेरी गलती का कारण भी नहीं पूछा है?

सिर्फ अपनी कहानी कहते, दर्द बताते,
खामोश होने वाले का कारण तक पूछते?
ऐसे कर रहे बात जैसे मैं सब जानता हूं,
मैं स्वीकार करता हूं, मैं गलत था, विलेन हूं."

हीरो जो अपने न्याय के लिए खुद लड़ता है,
आप वही हैं मेरी पुकार के कारण न पूछे.
यह बताए आदर्श हीरो, आप कहां सही हैं?
आप अपनी महत्त्व के लिए लड़े, कर्म यही है?

हीरो के कहानी सुनिए,विलेन के वक्त मजा आता है।
कमजोर नहीं होता, पर आसानी से मारा जाता है।
सबकी कहानी और किरदार में विलेन होता है,
यह फर्क नहीं पड़ता , वो किसके साथ होता है.

विलेन इस कारण न होता कि विलेन ही है,
न ही उसको विलेन बनने की चाहत रही है।
उस बेरहम का आंखों के पर्दा पीछे आंसु बही है,
पत्थर बन जाता, यहां भावना की कीमत नहीं है।

न्याय यह हैं, पहले गलती को सुनी जाती है,
फिर गलत को गलत साबित की जाती है.
उसके बाद अपनी बात और पक्ष रखी जाए,
तब किसी को समझ आई तो फैसला पाए.

अपनी बात कह दिया, इतना कौन इंतेजार करे?
अब दर्द सहने वाला खुद ही बेमर्द क्यों कहे?
विलेन की कहानी, सबको समझ नहीं आती,
शांत दिखाने वाला, सह रहा ज्वाला और आंधी।

---अभय कुमार वर्मा ✍️ "

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