Hindi/Urdu Poems
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Itna Sara dukh lekar na chala Karo aap ,
Naho to dash lega mirtyu ka saap .
Is duniya me unse ache hzaro ki tadat me chahra h ,
To kyu aap unke piche de rahe pahra h .


#r_k
#review
Nafrat itna kyu karti hu mujhse aap ,
Dur mat jao mujhse nahi hu mai dasne wala saap .
Toda sa to rakhlo na vishas mere uppar ,
My bolo yu befawafa mere mupar .

#r_k
#review
Dekh kr jra chalna aage sahab,

Agar pathar aagye pairo me to giro ge o nawab.

Hm to h chote se log ,

Aap garib samjhar na lagya karo hmara bhog.


#r_k
#review
प्रेम कहानी

अजब निराली मेरे गिरिधर की यह प्रेम कहानी,
विवाह न करके भी कहलाएं ये राधास्वामी |
सबको अपने रंग में रंगने वाला यह अद्भुत ग्वाला,
कलयुग में तक जला दी इसने मीरा के हृदय में प्रेम की ज्वाला |
मेरे गिरधर की लीलाएँ सारी अजब निराली है,
हम उनकी बगिया और वह हमारे माली हैं ||


#r_k #review #promote #radha+krishna
तुम तो बस चुकी हो मेरे ह्रदय की गहराई में कुछ इस तरह राधा ,
कि तुम्हारे बिना मेरा नाम का अर्थ हो जाता है आधा | मेरी प्रीत जब से बनी हो तुम,
तब से मेरा अस्तित्व हो गया तुममे ही गुम |
मैं तो हर श्वास के साथ लेता हूं तुम्हारा नाम,
राधे राधे बोल कर असंभव से संभव हो जाते मेरे सारे रुके काम ||


#r_k
#review
मिलन की बेला की है एक अद्भुत कहानी,
यह तो वह सुख है जिसे पाकर राधा बन गई कृष्ण की दीवानी ,
दो जिस्म क्या जाने यह मिलन की बेला क्या रीत है ,
ये तो दो आत्माओं के संगम का महा प्रतीक है ||


#r_k
#review
कौन है मेरा तेरे सिवा? ,
ओ मेरे गिरधर गोपाल ,
मुझे रंग दे अब अपने इश्क के रंग में लाल |

#r_k #review
सांवला रंग भी अब मुझे भाने लगा है ,
जब से पता चला है तू ही मेरा संबंधी सगा है |

#r_k #review
( दृश्य - नराज राधा कृष्ण से)

राधा ~~~
क्यों नहीं आए करने तुम कल महारास ,
तुमको पता है न रात भर थी मुझे तुम्हारे आने की आस ,
अब ऐसे मत देखो मुझे अपने नटखट नैनो से तुम,
देखो तुम्हारा इंतजार करते-करते रात हो गई कहीं गुम ||


#r_k #review
💕राधा कृष्ण के मध्य प्रेम का पहला संवाद💕



मटकी लेकर जा रही थी हमारी राधा रानी ,
तनिक जरा आना कहकर कान्हा ने मन ही मन दिल की बात कहने की थानी |
गोपियों से कहकर अभी थोड़ी देर में आती हूं,
तुम चलो,मै कृष्ण से मिलकर कुछ क्षण में घर जाती हूं|
राधा को देख सामने आए ,
कृष्ण अपने मन ही मन मुस्कुराए |
करने लगे कृष्ण आज अपनी दिल की बात ,
राधा जब से देखा तुमको नींद न आती तब से मुझे हर रात,
मन करता था कह दूं अपनी सारी दिल की बात |
करता हूं मैं तुमसे अनंत प्रेम इसकदर राधा,
की तुम्हारे लिए कर सकता पार कोई भी बाधा |
राधा जी को आ गई शर्म,
मानो प्रेम पहुंच गया हो सीमा के चरम,
तभी दोनों ने पकड़ा एक दूसरे का हाथ ,
और सदा के लिए हो गए दोनों एक साथ |



🙏राधे राधे🙏


#review #r_k
समय का खेल बड़ा निराला है
जन्म लो तो बधाइयां ,
मरने के बाद फोटो में माला है|

समय की पारी है सब पर भारी,
तभी तो मां-बाप करते हैं बचपन में बच्चों की खातिरदारी ,
और बुढ़ापे में आ जाती बच्चों की सेवा करने की बारी |

#r_k #review
🙏 परर्थना 🙏

हे कान्हा ! हे कृष्णा!
मिटा दे तू हम सब की तृष्णा ,
इस दुनिया में सब बहा रहे एक दूसरे का लहू लाल,
अब कुछ तो कर दे किधर गोपाल |
धरती पर बड़ रहा है पाप का इस कदर अब आतंक, की राजा हो कर भी सब मन से बनते जा रहे हैं रंक,
अब हमें तेरा ही सहारा है,
हे कृष्णा ! तू कितना प्यारा है |
तू ही तो है हम सब की आस
बना दे इस धरती को पावन ,करके फिर से रास |

#review #r_k
मां-बाप तो करते हैं सृजन का काम ,
तो फिर बेटियों को क्यों नहीं मानते कुछ लोग अपना मान ,
जब जन्म देने वाला ही कातिल बन जाता है,
तो सृजन करता ही कातिल कहलाता है ,
आखिर भूल क्या हुई थी मेरी जो मुझ को पहले ही मार दिया,
क्या वजह रही होगी जो उन्होंने मानवता की सीमा को यूँ पार किया ,
मैं लड़की हूं ,कोई पाप नहीं ,
मैं वरदान हूं ,कोई श्राप नहीं ,
दुर्गाष्टमी में तूम करते हो मेरी पूजा ,
तो फिर क्यों चाहते हो तुम लोग लड़का दूजा |



#r_k
#review
अतीत की बू

कहीं आवाज़ सी सुनी थी अभी,
कोई यादों में आ गया है अभी।

हवा ठहरी है क्यों उदासी लिए,
कोई बीता पल आह भरता कहीं।

वो जो खुशबू थी इक मोहब्बत की,
अब अकेली सी बह रही है कहीं।

ये दरीचे उदास क्यों हैं यहाँ,
कोई ख़त शायद जल गया है कहीं।

बुझे लम्हों की राख़ फैली हुई,
अभी अतीत की बू है बसी।

#r.kumar #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
अतीत की बू

कहीं आवाज़ सी सुनी थी अभी,
कोई यादों में आ गया है अभी।

हवा ठहरी है क्यों उदासी लिए,
कोई बीता पल आह भरता कहीं।

वो जो खुशबू थी इक मोहब्बत की,
अब अकेली सी बह रही है कहीं।

ये दरीचे उदास क्यों हैं यहाँ,
कोई ख़त शायद जल गया है कहीं।

बुझे लम्हों की राख़ फैली हुई,
अभी अतीत की बू है बसी।

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