खुद के दर्द-ए-इंतहा को, तेरे एक मुस्कुराहट पर वार गयी, चल यारा तुझपे ये दोस्ती भी उधार रही.....🥲
#Pratiksha Singh
#review
#Pratiksha Singh
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शजर की टूटी डाली थी वो.....
अपने बिखरे सपनो की इकलौती रखवाली थी वो...
मांगा क्या था उसने ?
बस थोड़ी खुद की उड़ान..
थोड़ा अर्स का टुकड़ा,
थोड़ी फर्श की मिल्कियत...
थोड़ा मीठा सा सबेरा...
थोड़ी नमकीन सी धूप।
एक अंधेरे से भरी कोठरी की रात
एक कटरा उजालों से भरा....
अब ठंड की ठिठुरन...
ग्रीष्म की तपन...
शहर की भीड़ और
गॉँव की शांति से कोई शिकायत
नही रहती उसे.....
शजर की टूटी डाली के सहारे वो
नंगे पांव चल दी है उस उजले अर्स की
नामुमकिन सी तलाश में...!
#Pratiksha singh
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अपने बिखरे सपनो की इकलौती रखवाली थी वो...
मांगा क्या था उसने ?
बस थोड़ी खुद की उड़ान..
थोड़ा अर्स का टुकड़ा,
थोड़ी फर्श की मिल्कियत...
थोड़ा मीठा सा सबेरा...
थोड़ी नमकीन सी धूप।
एक अंधेरे से भरी कोठरी की रात
एक कटरा उजालों से भरा....
अब ठंड की ठिठुरन...
ग्रीष्म की तपन...
शहर की भीड़ और
गॉँव की शांति से कोई शिकायत
नही रहती उसे.....
शजर की टूटी डाली के सहारे वो
नंगे पांव चल दी है उस उजले अर्स की
नामुमकिन सी तलाश में...!
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शजर की टूटी डाली थी वो.....
अपने बिखरे सपनो की इकलौती रखवाली थी वो...
मांगा क्या था उसने ?
बस थोड़ी खुद की उड़ान..
थोड़ा अर्स का टुकड़ा,
थोड़ी फर्श की मिल्कियत...
थोड़ा मीठा सा सबेरा...
थोड़ी नमकीन सी धूप।
एक अंधेरे से भरी कोठरी की रात
एक कटरा उजालों से भरा....
अब ठंड की ठिठुरन...
ग्रीष्म की तपन...
शहर की भीड़ और
गॉँव की शांति से कोई शिकायत
नही रहती उसे.....
शजर की टूटी डाली के सहारे वो
नंगे पांव चल दी है उस उजले अर्स की
नामुमकिन सी तलाश में...!
#Pratiksha Singh◆tatvmsi◆
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अपने बिखरे सपनो की इकलौती रखवाली थी वो...
मांगा क्या था उसने ?
बस थोड़ी खुद की उड़ान..
थोड़ा अर्स का टुकड़ा,
थोड़ी फर्श की मिल्कियत...
थोड़ा मीठा सा सबेरा...
थोड़ी नमकीन सी धूप।
एक अंधेरे से भरी कोठरी की रात
एक कटरा उजालों से भरा....
अब ठंड की ठिठुरन...
ग्रीष्म की तपन...
शहर की भीड़ और
गॉँव की शांति से कोई शिकायत
नही रहती उसे.....
शजर की टूटी डाली के सहारे वो
नंगे पांव चल दी है उस उजले अर्स की
नामुमकिन सी तलाश में...!
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खैर अपनी अपनी सोच होती है,
बस नजरियेका फर्क होता है ,
ना किसीसे हमारा कोई बैर है,
हम तो यहा सिर्फ अपनी कविता लिखने आये है ,
हो अगर कोई गलती हमसे,
बड़ा दिल करके हमे माफ किजिये ।
#Pratiksha'soetry
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
बस नजरियेका फर्क होता है ,
ना किसीसे हमारा कोई बैर है,
हम तो यहा सिर्फ अपनी कविता लिखने आये है ,
हो अगर कोई गलती हमसे,
बड़ा दिल करके हमे माफ किजिये ।
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
ना किसिसे मिलने की चाहत है ना दिल्लगीकी ,
अब बन चुका इश्क हमारे लिये केवल रिंदगी ,
बस हमें करते रहना है महादेव की बंदगी .. ।
(रिंदगी - पाप, बंदगी -पूजा , ईश्वरीय आराधना )
#Pratiksha'sPoetry
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
अब बन चुका इश्क हमारे लिये केवल रिंदगी ,
बस हमें करते रहना है महादेव की बंदगी .. ।
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
सुनो ,
जो खो गया उसे पाया भी जाता है ,
जो राह अनजान है उसे जाना भी जाता है ,
समजने को तो सब समजा जा शकता है ,
तो ये झुठे बहाने क्यो ?
#pratiksha
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
जो खो गया उसे पाया भी जाता है ,
जो राह अनजान है उसे जाना भी जाता है ,
समजने को तो सब समजा जा शकता है ,
तो ये झुठे बहाने क्यो ?
#pratiksha
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
सुनो ,
जो खो गया उसे पाया भी जाता है ,
जो राह अनजान है उसे जाना भी जाता है ,
समजने को तो सब समजा जा शकता है ,
तो ये झुठे बहाने क्यो ?
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जो खो गया उसे पाया भी जाता है ,
जो राह अनजान है उसे जाना भी जाता है ,
समजने को तो सब समजा जा शकता है ,
तो ये झुठे बहाने क्यो ?
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