कुछ देर ठहरो मेरे पास और ध्यान से सुनो
देने को बहुत कुछ है पर कुछ अपना सा देना चाहती हूं
शांति मंदिर की,पावनता पूजा की,
शीतलता ब्रह्म मुहूर्त की,पवित्र नाद शंख का,
बल पौरुष का ,सुंदरता नारी की,
विद्वता विद्वान की, जोश यौवन का,
कर्म वीर का, धैर्य धीर का।
ऊंचाई पर्वतों की ,गहराई पाताल की ,
विशालता समुद्र की,अवचेतनता अंतस की,
शुद्धता पानी की, निर्मलता मन की,
स्वच्छंदता खग की,निजता तन की,
लालिमा भोर की, मिठास गीतों की,
यादें बचपन की,अनंतता प्रेम की
किरण सूरज की,टुकड़ा आसमां का,
चिड़ियां सी चहचहाहट, ठंडी हवा के झोंकें
आसमां से आईना, एक डिब्बी तितली की,
नदी की धार,निकटता मित्र की,
शालीनता चरित्र की।
देने को तो बहुत कुछ है कुछ अपना सा देना चाहती हूं। अच्छा लगे तो और मांगों.......
#mishra ✍✍
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देने को बहुत कुछ है पर कुछ अपना सा देना चाहती हूं
शांति मंदिर की,पावनता पूजा की,
शीतलता ब्रह्म मुहूर्त की,पवित्र नाद शंख का,
बल पौरुष का ,सुंदरता नारी की,
विद्वता विद्वान की, जोश यौवन का,
कर्म वीर का, धैर्य धीर का।
ऊंचाई पर्वतों की ,गहराई पाताल की ,
विशालता समुद्र की,अवचेतनता अंतस की,
शुद्धता पानी की, निर्मलता मन की,
स्वच्छंदता खग की,निजता तन की,
लालिमा भोर की, मिठास गीतों की,
यादें बचपन की,अनंतता प्रेम की
किरण सूरज की,टुकड़ा आसमां का,
चिड़ियां सी चहचहाहट, ठंडी हवा के झोंकें
आसमां से आईना, एक डिब्बी तितली की,
नदी की धार,निकटता मित्र की,
शालीनता चरित्र की।
देने को तो बहुत कुछ है कुछ अपना सा देना चाहती हूं। अच्छा लगे तो और मांगों.......
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वो हिचकियाँ अजीब सुकून दे जातीं हैं...,,,
जो सिर्फ आपका नाम लेने पर रुक जातीं हैं...!!! 🙈😍
#mishra ✍✍
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जो सिर्फ आपका नाम लेने पर रुक जातीं हैं...!!! 🙈😍
#mishra ✍✍
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मैं जब जब कहूं आपसे आप ठीक हो?
आप तब तब समझना मुझे जानना है आपका हाल जो कि सबसे छुपा हो ,
वह दर्द जिससे दिल भरा हो, वह सब जो अनकहा हो....!!! 🙂🙂
#mishra ✍✍
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आप तब तब समझना मुझे जानना है आपका हाल जो कि सबसे छुपा हो ,
वह दर्द जिससे दिल भरा हो, वह सब जो अनकहा हो....!!! 🙂🙂
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❤️छू ना पाऊँ उसे....जी भर कर देखने मे हर्ज क्या है... ❤️
❤️कहानी नहीं हूँ...उसकी,एक खुबसूरत लम्हा बनने में.. हर्ज क्या हैं...❤️
#mishra ✍✍
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❤️कहानी नहीं हूँ...उसकी,एक खुबसूरत लम्हा बनने में.. हर्ज क्या हैं...❤️
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महिलाओं पर तो बहुत लोग लिखते हैं आज पुरूष पर लिखने की हमारी एक कोशिश.....
अगर पसंद आये तो रिएक्शन
जरूर दीजियेगा आप सभी..
प्रतीक्षा करूंगी उस दिन की,
जब पुरुषों के संघर्षो को
कागज पर लिखा जायेगा!
लिखा जायेगा उनके
किशोरावस्था से शुरु होने वाली
ज़िम्मेदारियों का चिठ्ठा,
घर से दूर रहकर पढाई
करने की जिजिविषा भी
लिखनी होगी!
परीक्षाओं की आग में दम
तोडती जवानी,
उसको भी लिखा जायेगा
लिखना होगा अपने मां बाबा
की अपेक्षाओं को पूरा
करने का सपना!
उनके घर से बाहर निकले
कदमों को भी लिखना होगा,
लिखना होगा दाल चावल
पर गुजारा किये जाना!
कर्तव्यों के समक्ष मर चुके प्रेम
को भी लिखना होगा,
लिखना होगा उनकी प्रेयसी का
किसी और से विवाह!
एक-एक कर छुटते अपने
टूटते सपनों को भी लिखा जायेगा,
लिखना होगा मर चुकी
संवेदनाओं को भी!
हर रिश्तें को जोड़े रखने की
कोशिश भी लिखी जायेगी,
लिखना पड़ेगा उनके
हर बार के त्याग को!
परिस्थितियों को संभाल ले
जाने वाली हंसी को
भी लिखना होगा,
लिखना पडेगा आंखो में
सूख चुकें आंसुओं को!
मित्र, पिता, भाई, पति, बेटे
के रूप में लिखना होगा,
लिखना होगा हर रुप को
अच्छे से निभाना भी!
प्रतीक्षा करूंगी उस दिन की,
जब पुरुषों का संघर्ष भी
कागज पर लिखा जायेगा।
#mishra ✍🏻✍
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अगर पसंद आये तो रिएक्शन
जरूर दीजियेगा आप सभी..
प्रतीक्षा करूंगी उस दिन की,
जब पुरुषों के संघर्षो को
कागज पर लिखा जायेगा!
लिखा जायेगा उनके
किशोरावस्था से शुरु होने वाली
ज़िम्मेदारियों का चिठ्ठा,
घर से दूर रहकर पढाई
करने की जिजिविषा भी
लिखनी होगी!
परीक्षाओं की आग में दम
तोडती जवानी,
उसको भी लिखा जायेगा
लिखना होगा अपने मां बाबा
की अपेक्षाओं को पूरा
करने का सपना!
उनके घर से बाहर निकले
कदमों को भी लिखना होगा,
लिखना होगा दाल चावल
पर गुजारा किये जाना!
कर्तव्यों के समक्ष मर चुके प्रेम
को भी लिखना होगा,
लिखना होगा उनकी प्रेयसी का
किसी और से विवाह!
एक-एक कर छुटते अपने
टूटते सपनों को भी लिखा जायेगा,
लिखना होगा मर चुकी
संवेदनाओं को भी!
हर रिश्तें को जोड़े रखने की
कोशिश भी लिखी जायेगी,
लिखना पड़ेगा उनके
हर बार के त्याग को!
परिस्थितियों को संभाल ले
जाने वाली हंसी को
भी लिखना होगा,
लिखना पडेगा आंखो में
सूख चुकें आंसुओं को!
मित्र, पिता, भाई, पति, बेटे
के रूप में लिखना होगा,
लिखना होगा हर रुप को
अच्छे से निभाना भी!
प्रतीक्षा करूंगी उस दिन की,
जब पुरुषों का संघर्ष भी
कागज पर लिखा जायेगा।
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पछतावा
अगर परदेश गए बेटे
बाप के मरने पर
लौटते हैं घर
तब उनका लौटना
कतई ज़रूरी नहीं
अगर नशे में धुत्त शराबी
पत्नियों को बेल्टों से मारते हों
और नशा फटने पर
माँगते हों माफ़ी
तब उनका माफ़ी माँगना
कतई ज़रूरी नहीं
धनुष पर चढ़ा तीर
बंदूक से निकली गोली
ज़ुबा से निकली बोली
और बिगड़ी हुई बात
लौटती नहीं है
विध्वंस करती है
पछतावा सबसे सरल लिपि है
जिसमें हम अपराध छुपा लेते हैं!
#mishra ✍✍
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अगर परदेश गए बेटे
बाप के मरने पर
लौटते हैं घर
तब उनका लौटना
कतई ज़रूरी नहीं
अगर नशे में धुत्त शराबी
पत्नियों को बेल्टों से मारते हों
और नशा फटने पर
माँगते हों माफ़ी
तब उनका माफ़ी माँगना
कतई ज़रूरी नहीं
धनुष पर चढ़ा तीर
बंदूक से निकली गोली
ज़ुबा से निकली बोली
और बिगड़ी हुई बात
लौटती नहीं है
विध्वंस करती है
पछतावा सबसे सरल लिपि है
जिसमें हम अपराध छुपा लेते हैं!
#mishra ✍✍
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पछतावा
अगर परदेश गए बेटे
बाप के मरने पर
लौटते हैं घर
तब उनका लौटना
कतई ज़रूरी नहीं
अगर नशे में धुत्त शराबी
पत्नियों को बेल्टों से मारते हों
और नशा फटने पर
माँगते हों माफ़ी
तब उनका माफ़ी माँगना
कतई ज़रूरी नहीं
धनुष पर चढ़ा तीर
बंदूक से निकली गोली
ज़ुबा से निकली बोली
और बिगड़ी हुई बात
लौटती नहीं है
विध्वंस करती है
पछतावा सबसे सरल लिपि है
जिसमें हम अपराध छुपा लेते हैं!
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अगर परदेश गए बेटे
बाप के मरने पर
लौटते हैं घर
तब उनका लौटना
कतई ज़रूरी नहीं
अगर नशे में धुत्त शराबी
पत्नियों को बेल्टों से मारते हों
और नशा फटने पर
माँगते हों माफ़ी
तब उनका माफ़ी माँगना
कतई ज़रूरी नहीं
धनुष पर चढ़ा तीर
बंदूक से निकली गोली
ज़ुबा से निकली बोली
और बिगड़ी हुई बात
लौटती नहीं है
विध्वंस करती है
पछतावा सबसे सरल लिपि है
जिसमें हम अपराध छुपा लेते हैं!
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वो लड़कियां सम्मान डिजर्व करती है,
जिन्होंने हमारी संस्कृति सलामत रखी है...🖤🌻
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जिन्होंने हमारी संस्कृति सलामत रखी है...🖤🌻
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रहती हूं शांत स्वभाव में
क्योंकि जानती हूं मेरा क्रोध विनाश है..!!
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क्योंकि जानती हूं मेरा क्रोध विनाश है..!!
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मैं कैसे अब भूल पाऊं
मैं बहुत बोलतीं थीं
तुमने टोक टोक कर चुप रहना सिखा दिया
मैं बहुत मुस्कुराती थी तुमने रोना सिखला दिया
मैं बहुत फिक्र करती थी सब की तुमने बेफिक्र सा बना दिया
और अब जब मुश्किल से मैं सब सीख गयीं हुं
तो तुम चाहते कि मैं फिर से पहले जैसी हो जाऊं
जो इतने साल लगा दिए ये सब सीखने में
अब तुम ही बताओ कि अब कैसे सब भूल जाऊं....!!!
#mishra ✍✍
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मैं बहुत बोलतीं थीं
तुमने टोक टोक कर चुप रहना सिखा दिया
मैं बहुत मुस्कुराती थी तुमने रोना सिखला दिया
मैं बहुत फिक्र करती थी सब की तुमने बेफिक्र सा बना दिया
और अब जब मुश्किल से मैं सब सीख गयीं हुं
तो तुम चाहते कि मैं फिर से पहले जैसी हो जाऊं
जो इतने साल लगा दिए ये सब सीखने में
अब तुम ही बताओ कि अब कैसे सब भूल जाऊं....!!!
#mishra ✍✍
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मैं कैसे अब भूल पाऊं
मैं बहुत बोलतीं थीं
तुमने टोक टोक कर चुप रहना सिखा दिया
मैं बहुत मुस्कुराती थी तुमने रोना सिखला दिया
मैं बहुत फिक्र करती थी सब की तुमने बेफिक्र सा बना दिया
और अब जब मुश्किल से मैं सब सीख गयीं हुं
तो तुम चाहते कि मैं फिर से पहले जैसी हो जाऊं
जो इतने साल लगा दिए ये सब सीखने में
अब तुम ही बताओ कि अब कैसे सब भूल जाऊं....!!!
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मैं बहुत बोलतीं थीं
तुमने टोक टोक कर चुप रहना सिखा दिया
मैं बहुत मुस्कुराती थी तुमने रोना सिखला दिया
मैं बहुत फिक्र करती थी सब की तुमने बेफिक्र सा बना दिया
और अब जब मुश्किल से मैं सब सीख गयीं हुं
तो तुम चाहते कि मैं फिर से पहले जैसी हो जाऊं
जो इतने साल लगा दिए ये सब सीखने में
अब तुम ही बताओ कि अब कैसे सब भूल जाऊं....!!!
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कोई नहीं यहां केशव
जो गीता-सार सुनाएगा
कोई नहीं जामवंत
जो सुप्त शक्तियां जगाएगा,
आप ही अपने पार्थ
आप ही अपने सारथी हैं....
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जो गीता-सार सुनाएगा
कोई नहीं जामवंत
जो सुप्त शक्तियां जगाएगा,
आप ही अपने पार्थ
आप ही अपने सारथी हैं....
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मैं बहुत डरी हुई हूँ तुम प्लीज मेरा साथ कभी मत छोड़ना तुम नहीं जानते मैं बहुत डरती हूँ घर से निकलते ही मुझे ये लड़के ऐसी नज़रों से देखते है मुझे बहुत डर लगता है एक शाम मैं घर से बाहर कुछ सामान लाने गयी अंधेरा हो गया था किसी ने बहुत तेज से मेरा नाम बुलाया मैंने डरते हुए पीछे देखा कोई नहीं दिखा ऐसा कई बार हो चुका है ये सामने वाले लड़के ग्रुप में खड़े होकर मुझे घूरते है और गन्दी नज़रो से देखते है छोटे बच्चों को पेपर में नंबर लिख कर मुझे देने के लिए बोलते है मुझे उस छोटे से बच्चे ने बताया दीदी वो लड़के आपके बारे में गंदी गंदी बात करते है आखिर मैंने क्या बिगाड़ा है इनलोगो का क्या मैं लड़की के रूप में आयी हूँ उसका खामियाजा भुगत रही हूँ या मैंने कौन से गलत काम किये हैं जो रास्ते चलते ये लड़के मुझे देख के चिल्लाने लगते है शर्म से मेरी नज़रे झुक जाती है मुझे लड़को से बहुत डर लगने लगा है ग्रुप में रह कर ये सब कुत्तो की तरह भौकते है क्या इनकी बहन को कोई ऐसे परेशान करेगा तो ये हॅसगे या उनका विरोध करेगे ये सब कब सुधर पायेगा तुम जवाब दो मुझे, इनकी नज़र में परिवर्तन कब आएगा जब मैं सेफ फील करुँगी कभी कभी लगता है मैं इस दुनिया पर बोझ बन गयी हूँ घर के काम पढाई का भी ध्यान और बाहर की ये दिक़्क़त झेलना आखिर सब हम लड़कियो को ही झेलना पड़ता है और भी बहुत सारी दिक़्क़त है जिन्हे हम शेयर भी नहीं कर सकते ये दुनिया कब समझेगी ...
(ऐसे कई विचार एक लड़की के मन में उठते है जिन्हे वो किसी से बता नहीं सकती है कृपया इज़्ज़त करे व दूसरों की सहायता करे गरीबो की मदद करे)
#MISHRA
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✨𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧✨
(ऐसे कई विचार एक लड़की के मन में उठते है जिन्हे वो किसी से बता नहीं सकती है कृपया इज़्ज़त करे व दूसरों की सहायता करे गरीबो की मदद करे)
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