Hindi/Urdu Poems
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तुम कभी थे सूर्य लेकिन अब दियों तक आ गये।
थे कभी मुख्पृष्ठ पर अब हाशियों तक आ गये॥

यवनिका बदली कि सारा दृष्य बदला मंच का।
थे कभी दुल्हा स्वयं बारातियों तक आ गये॥

वक्त का पहिया किसे कुचले कहाँ कब क्या पता।
थे कभी रथवान अब बैसाखियों तक आ गये॥

देख ली सत्ता किसी वारांगना से कम नहीं।
जो कि अध्यादेश थे खुद अर्जियों तक आ गये॥

देश के संदर्भ में तुम बोल लेते खूब हो।
बात ध्वज की थी चलाई कुर्सियों तक आ गये॥

प्रेम के आख्यान में तुम आत्मा से थे चले।
घूम फिर कर देह की गोलाईयों तक आ गये॥

कुछ बिके आलोचकों की मानकर ही गीत को।
तुम ॠचाएं मानते थे गालियों तक आ गये॥

सभ्यता के पंथ पर यह आदमी की यात्रा।
देवताओं से शुरू की वहशियों तक आ गये॥

~चंद्रसेन विराट
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तुम कभी थे सूर्य लेकिन अब दियों तक आ गये।
थे कभी मुख्पृष्ठ पर अब हाशियों तक आ गये॥

यवनिका बदली कि सारा दृष्य बदला मंच का।
थे कभी दुल्हा स्वयं बारातियों तक आ गये॥

वक्त का पहिया किसे कुचले कहाँ कब क्या पता।
थे कभी रथवान अब बैसाखियों तक आ गये॥

देख ली सत्ता किसी वारांगना से कम नहीं।
जो कि अध्यादेश थे खुद अर्जियों तक आ गये॥

देश के संदर्भ में तुम बोल लेते खूब हो।
बात ध्वज की थी चलाई कुर्सियों तक आ गये॥

प्रेम के आख्यान में तुम आत्मा से थे चले।
घूम फिर कर देह की गोलाईयों तक आ गये॥

कुछ बिके आलोचकों की मानकर ही गीत को।
तुम ॠचाएं मानते थे गालियों तक आ गये॥

सभ्यता के पंथ पर यह आदमी की यात्रा।
देवताओं से शुरू की वहशियों तक आ गये॥

~चंद्रसेन विराट
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
शीर्षक:  अभय रूप नाप, अमित छाप
द्वारा अभय कुo वर्मा

कितने भी प्रयत्न से कार्बन हीरा को जलाओ,
उसकी पहचान नहीं बदलती, राख नहीं होती।
हीरा हीरा रहता है, उसकी चमक नहीं खोती।
उसकी नाम उसकी मजबूती होती वो नहीं टूटती।

औरों को खुद के सीमा के बाहर बर्दाश्त नहीं होती,
उनकी कमजोरी है सीमा के बाहर औकात नहीं होती।
सबकी असली पहचान है वह कभी नहीं बदलती।
अभय बनना पड़ता है जिंदगी में लॉटरी नहीं निकलती।

सूर्य न दिखने के कारण दिन की शत्रु रात नहीं होती।
यह मत समझना के आकाश में हीरे की प्रकाश नहीं होती।
खुद से बात करने की आदत है औरों से बात नहीं होती।
सबका जवाब दे दूंगा पर सच सुनने की औकात नहीं होती।

--- अभय कुमार वर्मा✍️
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Jalti hui Chitaa ne kaha
ruko jara
Jaa rhe ho chod muje
Kyu rote ho tum
ek din tume bhi h mere pass hi aana
kuch waqt ki baat h
Fir tume bhi yahi lot aana
Me parayi nhi tumhari apni hu
Kyu karte ho grinaa mujse
Jin apno ko tumne apna mana
Ek din unhe hi tume mere pass
Yu Lawaris chorr Jana
To kyu na betho jara mere pass
Kuch baate tum Karo kuch baate me sunu
Me wahi hu tumhari apni chitaa
pahchana muje 🤗


#prsingh 🌸🕊️
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
दिन हो या रात,
आतें तेरे ख्वाब है |

मान या ना मान,
तू मेरी खास है|

चाहो या ना चाहो,
तू आज भी दिल के पास है....

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मत लिखो
अगर फूट के ना निकले
बिना किसी वजह के
मत लिखो।

अगर बिना पूछे बताए ना बरस पड़े,
तुम्हारे दिल और दिमाग़
और जुबाँ और पेट से
मत लिखो।

अगर घण्टों बैठना पड़े
अपने कम्प्यूटर को ताकते
या टाइपराइटर पर बोझ बने हुए
खोजते शब्दों को
मत लिखो ।

अगर पैसे के लिए
या शोहरत के लिए लिख रहे हो
मत लिखो।

अगर लिख रहे हो
कि ये रास्ता है
किसी औरत को बिस्तर तक लाने का
तो मत लिखो ।

अगर बैठ के तुम्हें
बार-बार करने पड़ते हैं सुधार
जाने दो ।

अगर लिखने की बात सोचते ही
होने लगता है तनाव
छोड़ दो।

अगर किसी और की तरह
लिखने की फिराक में हो
तो भूल ही जाओ
अगर वक़्त लगता है
कि चिंघाड़े तुम्हारी अपनी आवाज़
तो उसे वक़्त दो
पर ना चिंघाड़े गर फिर भी
तो सामान बाँध लो।

अगर पहले पढ़ के सुनाना पड़ता है
अपनी बीवी या प्रेमिका या प्रेमी
या माँ-बाप या अजनबी आलोचक को
तो तुम कच्चे हो अभी ।

अनगिनत लेखकों से मत बनो
उन हज़ारों की तरह
जो कहते हैं खुद को 'लेखक'
उदास और खोखले और नक्शेबाज़।

दुनिया भर की लाइब्रेरियाँ
त्रस्त हो चुकी हैं
तुम्हारी क़ौम से
मत बढ़ाओ इसे।

दुहाई है, मत बढ़ाओ।
जब तक तुम्हारी आत्मा की ज़मीन से
लम्बी दूरी के मारक रॉकेट जैसे
नहीं निकलते लफ़्ज़,
जब तक चुप रहना

तुम्हें पूरे चांद की रात के भेड़िए-सा
नहीं कर देता पागल या हत्यारा,
जब तक कि तुम्हारी नाभि का सूरज
तुम्हारे कमरे में आग नहीं लगा देता
मत मत मत लिखो ।

क्योंकि जब वक़्त आएगा
और तुम्हें मिला होगा वो वरदान
तुम लिखोगे और लिखते रहोगे
जब तक भस्म नहीं हो जाते
तुम या यह हवस ।

कोई और तरीका नहीं है
कोई और तरीका नहीं था कभी।

चार्ल्स बुकोवस्की
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आलस आशा आनंद आय,
रीति रात्रि में रम रुक रोय।
शाम शुभम शाने शोभनीय,
साकार सपना सवाल सोए।


- - अभय वर्मा
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
शीर्षक: समाज का दबाव और तड़पता दिल का घाव
द्वारा अभय कुमार वर्मा ✍️

गाली सुनने वाले प्यारे लड़के को,
मुस्कुराते हुए दिल की बात कह जाता है।
वह दिखने वाला कठोर लड़का,
उस बातों पर मर जाता है,
अपना सब कुछ भूल जाता है।

लड़के सीधे होते हैं,
पर समाज के नजरिया को देखकर,डर जाता है,
अपने दिल की बात कह नहीं पाता है।
फिर भी अपने दिल की बात अपने समझकर कहते जाता है,
सभी काम छोड़,
सिर्फ उसका इंतजार करता है।

लत कहो या चाहत,
इसमें पूरी तरह जकड़ जाता है,
उसको पाने की चाहत में पूरी तरह सुधर जाता है।
एक बार बदनाम होता है,
तो यह सब गलत बातें सोचकर,संभल जाता है,
अपने आप को बचाने की कोशिश करता है।

पर बार-बार बदनाम होना,
लड़के पर हावी हो जाता है,
उसको प्यार नाम खोखला कर जाता है।
प्रारंभ में वही पर छोड़ी हुई उसकी इज्जत,
वापस यादों में बस जाता है,
उसका दिल दुखी हो जाता है।

प्रेम से बात होने वाले स्थान पर,
सिर्फ झगड़ा रह जाता है,
प्यार की बातें भूल जाता है।
कुछ यहां से अपने सुखे सागर के साथ घर को लौट जाता है,
और कुछ को समाज का चाल समझ आ जाता है।

एक मासूम सा हिरन का बच्चा,
भेड़िया बना जाता है,
अपने आप को भूल जाता है।
उस जंगल का परिस्थिति छोड़कर,
पूरा दोष इस लड़के नाम के भेड़िया पर आता है।

वह हिरण का प्रेम आनंद छोड़,
शिकार की चाहत पर आ जाता है,
अपने आप को बदल जाता है।
अपनी मुकाम को हासिल कर,
अनजान सा सबको बदनाम कर जाता है।

घर लौटे लड़के के हिस्से में,
यह सब सुनने को बात आता है,
उसे रोने को जी चाहता होता
पर दिल दुखी कर शांत हो जाता है।
हिरण रहा बच्चा का दर्द,
मुझसे शब्दों में बयां नहीं हो पाता है।

समझो लड़का को तड़पाया जाता है,
बिना आंसु रुलाया जाता है।
लड़के होते नहीं कठोर,
पर अब अंदर से कठोर बनाया जाता है।

इन सभी बातों को गुस्सा के साथ सह जाता है,
लड़के रोते नहीं है,
क्योंकि बिन पानी के झील को कोई सुखा कह जाता है।
बिन पानी के बारिश कहां,किसी को समझ आता है,


---अभय कुमार " वर्मा "  ✍️
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आदमी कठोर, बेरहम, परंतु हृदय से जुड़ते हैं,
समाज को घर से बांधते हैं, प्रेम से जोड़ते हैं।
सभी के आंसू अनमोल, अमूल्य होते हैं,
पर आदमी के आंसू, बिन मूल्य के, छुपे होते हैं।

- - अभय कुमार वर्मा
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरे ज़ख्म ज़्यादा गहरे हैं
यही हर दफ़ा कहता हूँ
वो मुझे बेवफ़ा कहता है
मैं उसे बेवफ़ा कहता हूँ

#Hriday
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Bade pyaar se banaya hoga usse banane waale ne
Ek mod pr chapaakal se kuch hi duri pr raha krtaa tha wo
ek sakri si gali thi jise paar karne pr khula khula saa lgta tha
jaha se aasmaa bhi kuch yu dikhaai detaa tha ki maano kisi ne apni kala se rang diya ho usee
Wahi bicho bich sinaa grv se taane khada rahta thaa wo
mano jese koi jivit prani apne sawabhimaan ka bakhaaan kr Raha ho
Kuch se kuch bohot jyada pr kaam nhi ese gaav liye khada rehta tha wo
kabhi dhup to kabhi barish to kabhi aandhi tufaa me yu daat ke khada rehtaa tha wo jese mano simaa pr koi jawaan khada ho
Umar me wo 200 saal se bhi jyada thaa
Kisi ki aahat to kisi ka sunaapan
Kisi ne janm liya uski godh me to kisi ne aapni aakhri saas
Bohoto ko haste dekha to wahi kisi kone me bohoto ko rote dekhaa
Usne Dekhi h mere pariwaar ki gareebi to kuch pal ki aamiri
Ek wahi thaa jisne kabhi kisi ko paraya nhi kiya
Bade pyaar se banaya hoga ga usse banane waale ne
( Meri yado ki tijori me basa wo meraa pyara purana gr )
🌸✍🏻

#prsingh 🕊️
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरे ज़ख्म ज़्यादा गहरे हैं
यही हर दफ़ा कहता हूँ
वो मुझे बेवफ़ा कहता है
मैं उसे बेवफ़ा कहता हूँ

#Hriday
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आदमी कठोर, बेरहम, परंतु हृदय से जुड़ते हैं,
समाज को घर से बांधते हैं, प्रेम से जोड़ते हैं।
सभी के आंसू अनमोल, अमूल्य होते हैं,
पर आदमी के आंसू, बिन मूल्य के, छुपे होते हैं।

- - अभय कुमार वर्मा
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तुम्हारे आंखों में उदासी की गहराई है,
पर दिल में अनंत सागर का प्यार है।
तुम्हारे मुस्कान में मेरा दिल का झलक है।
मोहब्बत की यह आखरी सांसें कुर्बान है,
तुम्हे पाने के लिए हर जन्म में इंतजार है।
तुम्हारे बिना मेरा जीवन सुनी राह है
यह मेरा अधिकार समझो या लाचार है।
तुम्हारे लिट मेरा प्यार अनंत श्याम है।
अभय हर रूप में अपनाने को तैयार है।
तुम्हारे साथ मेरा जीवन पूरा संसार है।

- 🥺❤️🥰-

- - अभय कुमार " वर्मा "
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो बेवफ़ा है तो क्या मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ ख़ुश रखे ख़ुदा उसको.
~Naseer Turabee
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कुछ तो dilkashi ले डूबी
कुछ दीवानापन ..
कुछ उसकी नजरें ...
तो कुछ उसका मुस्कुराना....
इक उसका takkabbur hi tha.
जो हमें संभाले हुए था ....!!!!

#prsingh ✍🏻❣️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो अपने घर चला गया अफ़्सोस मत करो
इतना ही उस का साथ था अफ़्सोस मत करो

इंसान अपने आप में मजबूर है बहुत
कोई नहीं है बेवफ़ा अफ़्सोस मत करो

इस बार तुम को आने में कुछ देर हो गई
थक-हार के वो सो गया अफ़्सोस मत करो

दुनिया में और चाहने वाले भी हैं बहुत
जो होना था वो हो गया अफ़्सोस मत करो

इस ज़िंदगी के मुझ पे कई क़र्ज़ हैं मगर
मैं जल्द लौट आऊँगा अफ़्सोस मत करो

ये देखो फिर से आ गईं फूलों पे तितलियाँ
इक रोज़ वो भी आएगा अफ़्सोस मत करो

वो तुम से आज दूर है कल पास आएगा
फिर से ख़ुदा मिलाएगा अफ़्सोस मत करो

बे-कार जी पे बोझ लिए फिर रहे हो तुम
दिल है तुम्हारा फूल सा अफ़्सोस मत करो
~Bashir Badr
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
अपनों के लिए रोना खुशकिस्मती हैं,
मगर ,
अपनों की वजह से रोना ,
सबसे बडा गम ........्✍️✍️

#sneh
#review 💖

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जानाँ दिल का शहर नगर अफ़्सोस का है
तेरा मेरा सारा सफ़र अफ़्सोस का है

किस चाहत से ज़हर-ए-तमन्ना माँगा था
और अब हाथों में साग़र अफ़्सोस का है

इक दहलीज़ पे जा कर दिल-ख़ुश होता था
अब तो शहर में हर इक दर अफ़्सोस का है

हम ने इश्क़ गुनाह से बरतर जाना था
और दिल पर पहला पत्थर अफ़्सोस का है

क़ुर्बत के उस पेड़ की शाख़ों पर देखो
फूल उदासी का है समर अफ़्सोस का है

हार के दुख से पछतावा बढ़ कर है 'फ़राज़'
दुख का नहीं अफ़्सोस मगर अफ़्सोस का है
~Ahmad Faraj
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Hay ye pankheeeee..!!!

Kitni kahaniya liye tange!!!! hue h chat se
Kuch jal chuke to kuch chal rahe
Pankh h fir bhi na kbhi udd sake
Kuch ne dekhe h sote hue thake hue log
Kuch alsi to kuch mehnati
Kuch hasin to kuch bebasi
Pocha h pasina kitno ka
kitno ki ruh ko di h thandaak
Jindagi inki bhi kuch humse Kam khas nhi
Puchte h log Inka haal jb hota h inka kaam
Kbhi garmiya to kabhi gila fursh
Bhul jate h log inhe bhi jb aati h sardiya
Wese dekhaa to bohot kuch h unhone
Pr mere sbd ho chukhe h unhi ki trha sant
Haay ye pankheeee....!!!

❣️🕊️😅
#prsingh
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧