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*अगस्त माह में होने वाले 129 नगर निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची का हुआ अंतिम प्रकाशन*


राज्य निर्वाचन आयोग ने माह अगस्त, 2020 में होने वाले 129 नगरीय निकायों के आम चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया है।

*राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी* एवं सचिव श्री श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि उक्त 129 नगरीय निकायों में
• 1 नगर निगम,
• 15 नगरपरिषद एवं
• 113 नगरपालिका मंडल है।

*गौरतलब है कि इन 129 नगरीय निकायों के लिए* मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन दिनांक 27 जून 2020 को किया गया था। प्रारूप प्रकाशन के समय कुल मतदाताओं की संख्या 40 लाख, 42 हजार, 632 थी, जिनमें 20 लाख 86 हजार 964 पुरूष मतदाता, 19 लाख 55 हजार 599 महिला मतदाता एवं 79 तृतीय लिंग के मतदाता थे।

प्रारूप प्रकाशन के पश्चात् प्राप्त दावों व आपत्तियों के दौरान कुल 127727 मतदाताओं के नाम जोडे गए। 29322 मतदाताओं के नाम हटाए गए तथा 3944 मतदाताओं के नामों को संशोधित किया गया।

*श्री राजपुरोहित ने बताया कि अंतिम प्रकाशन के पश्चात् कुल मतदाताओं* की संख्या 41 लाख 41 हजार, 36 हो गई है, जिनमें 21 लाख, 31 हजार, 10 पुरूष एवं 20 लाख 9 हजार 943 महिला मतदाता एवं 84 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। इस प्रकार प्रारूप प्रकाशन के पश्चात् अंतिम प्रकाशन में 98 हजार 405 मतदाताओं की वृद्वि हुई है। उक्त 129 नगरीय निकायों में कुल 4450 वार्ड हैं।

*श्री राजपुरोहित ने यह भी बताया कि गत चुनावों में* 1400 मतदाताओं पर एक मतदान केन्द्र स्थापित किया जाता रहा है, किन्तु कोरोना संक्रमण को द्वष्टिगत रखते हुए आयोग द्वारा निर्णय लिया गया था कि इन चुनावों में 700 मतदाताओं पर एक मतदान केन्द्र स्थापित किया जाए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके एवं संक्रमण का खतरा नहीं हो। इस तरह इन चुनावों के लिए कुल 7400 मतदान केन्द्रों की स्थापना की गई है। उल्लेखनीय है कि गत आम चुनावों में इन 129 नगर निकायों के लिए 4294 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे।

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*रोजगार कार्यालय को उर्जावान बनाया जाएगा*

शासन सचिव श्रम एवं रोजगार डॉ.नीरज के. पवन ने कहा है कि राज्य भर के रोजगार कार्यालयों को अधिक उर्जावान बनाये जाने का समय आ गया है।

शासन सचिव श्रम एवं रोजगार डॉ.नीरज के. पवन ने अपने सम्बोधन में अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक रोजगार कार्यालयों में बेरोजगार आशार्थियों की योग्यता व रूचि के आधार पर रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए मॉडल कैरियर सेंटर को सशक्त बनाएँ जाये उन्होंने आहवान किया कि
• अब तक जिन 16 रोजगार कार्यालयों में मॉडल कैरियर बनाये जा चुके हैं,
• वहाँ बेरोजगारों को रोजगार शिविरों व प्लेसमेंट शिविरों में आवश्यक रूप से आमंत्रित किया जाए।
• अभ्यर्थियों से पूछा जाए कि उन्होने रोजगार पाने के लिए क्या-क्या प्रयास किये।
• बल्कि उन्हें साइकोमेट्रिक टेस्ट व कैरियर काउन्सलिंग हेतु भी आमंत्रित कर रोजगार प्राप्त करने के अवसरों से अवगत कराएँ।

*डॉ. नीरज के पवन ने पंजीकृत आशार्थियों के नौकरी या रोजगार* प्राप्ति के अवसरों के लिए उचित साइकोमेट्रिक टेस्ट कर तदनुसार मार्गदर्शन देने पर बल दिया। उन्होंने
• आई. टी. आई, संस्थानों से उत्तीर्ण आशार्थियों के व
• श्रम विभाग में पजीकृत लेबर ठेकेदारों के विवरण सीधे रोजगार कार्यालय को तथा
• औद्योगिक संस्थानों को रिक्तियाँ रोजगार कार्यालयों में ज्ञापित करने के निर्देश दिए।
• इससे पूर्व उन्होंने मॉडल कैरियर सेन्टर्स के स्वरूप,
• आदिनांक प्रगति,
• भारत सरकार से प्राप्त बजट की उपयोगिता की जानकारी ली तथा
• मॉडल कैरियर सेन्टर्स को आधुनिक, सार्थक व वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोगी बनाने पर अधिकारियों से चर्चा भी की।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

*परवन को मिले राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा*

परवन परियोजना से प्रदेश के तीन जिलों में 2.01 लाख हैक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र और 1821 गांवों को पेयजल सुविधा के साथ-साथ उद्योगों के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा।

*मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी* को पत्र लिखकर राज्य की महत्वाकांक्षी परवन वृहद् बहुद्देशीय सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है। परवन परियोजना से प्रदेश के तीन जिलों में 2.01 लाख हैक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र और 1821 गांवों को पेयजल सुविधा के साथ-साथ उद्योगों के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा।

*श्री गहलोत ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने* पूर्व में 16 विभिन्न बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है,
*_लेकिन राजस्थान की किसी भी बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को यह दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है।_*
• राज्य मंत्रिमंडल ने भी परवन परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है।
• करीब 7 हजार 355 करोड़ रूपए की लागत वाली

_इस परियोजना से बारां, झालावाड़ एवं कोटा जिलों में 2 लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि पर सिंचाई क्षमता तथा 1821 गांवों को पेयजल पहुंचाने का प्रस्ताव है।_

*मुख्यमंत्री ने लिखा कि परवन बहुद्देश्यीय सिंचाई परियोजना* में परवन नदी पर 462 मिलियन घन मीटर क्षमता का बांध बनाकर इस पानी का उपयोग तीनों जिलों में कमांड क्षेत्र के सृजन, पेयजल तथा औद्योगिक प्रयोजनार्थ जल के साथ-साथ वन्यजीव अभयारण्य के लिए किया जाना है।

*इस परियोजना के तहत कृषि कार्याें के लिए* पाइप सिंचाई तथा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति प्रणाली विकसित करना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि परियोजना के क्रियान्वयन पर राज्य सरकार जून 2020 तक करीब 2962 करोड़ रूपए व्यय कर चुकी है।

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*लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक*

जीवन-परिचय

*जन्म:*
23 जुलाई 1856

*जन्म स्थान:*
रत्नागिरी, महाराष्ट्र

*माता-पिता:*
गंगाधर तिलक (पिता) और पर्वतिबाई (माँ)

*जीवन-साथी / साथी:*
तापीबाई नाम बदलकर सत्यभामाबाई

*बच्चे:*
रमाबाई वैद्य, परातीबाई केलकर, विश्वनाथ बलवंत तिलक, रामभाऊ बलवंत तिलक, श्रीधर बलवंत तिलक और रमाबाई साने।

*शिक्षा:*
डेक्कन कॉलेज, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज

*संघों:*
इंडियन नेशनल कांग्रेस, इंडियन होम रूल लीग, डेक्कन एजुकेशनल सोसाइटी

*आंदोलन:*
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन

*राजनीतिक विचारधारा:*
राष्ट्रवाद, अतिवाद

*धार्मिक विश्वास:*
हिंदू धर्म

*प्रकाशन:*
वेदों में आर्कटिक होम (1 9 03); श्रीमद भागवत गीता राहत (1 9 15)

*मृत्यु:*
1 अगस्त 1920

*अभ्यावेदन:*
तिलक वाडा, रत्नागिरी, महाराष्ट्र
बाल गंगाधर तिलक एक भारतीय समाज सुधारक और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। वह आधुनिक भारत के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे और शायद भारत के लिए स्वराज या स्वशासन के सबसे मजबूत वकील थे।
उनकी प्रसिद्ध घोषणा “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मेरे पास यह होगा” भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भविष्य के क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया।
ब्रिटिश सरकार ने उन्हें “भारतीय अशांति का पिता” करार दिया और उनके अनुयायियों ने उन्हें ‘लोकमान्य’ का नाम दिया, जिसका अर्थ है कि वह लोगों द्वारा सम्मानित किया जाता है । तिलक एक शानदार राजनीतिज्ञ थे और एक गहन विद्वान थे जिन्होंने माना कि एक राष्ट्र की भलाई के लिए स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

*बचपन और प्रारंभिक जीवन*
केशव गंगाधर तिलक का जन्म 22 जुलाई, 1856 को रत्नागिरी में मध्यवर्ती चिट्पावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था, दक्षिण-पश्चिमी महाराष्ट्र के एक छोटे से तटीय शहर में। उनके पिता, गंगाधर शास्त्री रत्नागिरी में एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और स्कूल शिक्षक थे।
उनकी मां का नाम परावली बाई गंगाधर था। अपने पिता के हस्तांतरण के बाद, यह परिवार पूना (अब पुणे) में स्थानांतरित हो गया। 1871 में तिलक का ताइपिबा से विवाह हुआ, जिसे बाद में सत्यभामाइ के नाम से बदल दिया गया।
तिलक एक प्रतिभाशाली छात्र थे। एक बच्चे के रूप में, वह स्वभाव में सच्चे और सीधे थे । उन्हें अन्याय के प्रति असहिष्णु रुख था और कम उम्र से स्वतंत्र राय थी। 1877 में संस्कृत और गणित में डेक्कन कॉलेज, पुणे से स्नातक होने के बाद, तिलक ने एल.एल.बी. का अध्ययन किया।
सरकार लॉ कॉलेज, बॉम्बे (अब मुंबई) में उन्होंने 18 9 7 में अपनी क़ानून की डिग्री प्राप्त की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पूना के एक निजी स्कूल में अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई शुरू कर दी।
स्कूल के अधिकारियों के साथ असहमति के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया और 1880 में एक स्कूल स्थापना करने में मदद की जिसमें राष्ट्रवाद पर जोर दिया। यद्यपि, वह एक आधुनिक, महाविद्यालय की शिक्षा पाने के लिए भारत की पहली पीढ़ी के युवाओं में से एक थे, तिलक ने भारत में ब्रिटिश शासन के बाद शैक्षणिक व्यवस्था की कड़ी आलोचना की थी।
उन्होंने ब्रिटिश विद्यार्थियों के मुकाबले भारतीय छात्रों के असमान व्यवहार और भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए उनकी उपेक्षा के खिलाफ विरोध किया। उनके अनुसार, शिक्षा उन सभी भारतीयों के लिए पर्याप्त नहीं थी जो अपने मूल के बारे में बेहद अनजान रहे। उन्होंने भारतीय छात्रों के बीच राष्ट्रवादी शिक्षा को प्रेरित करने के उद्देश्य से कॉलेज बैचमैटेट्स, विष्णु शास्त्री चिपलुनकर और गोपाल गणेश आगरकर के साथ डेक्कन एजुकेशनल सोसाइटी की शुरुआत की। उनकी शिक्षण गतिविधियों के समानांतर, तिलक ने दो अख़बार ‘केसरी’ को मराठी में और अंग्रेजी में ‘मृत्ता’ की स्थापना की।

*राजनीतिक कैरियर*
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1890 में गंगाधर तिलक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने स्वशासन पर पार्टी के उदारवादी विचारों के लिए अपने मजबूत विरोध का मुखर होना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अपने आप में साधारण संवैधानिक आंदोलन ब्रिटिशों के खिलाफ व्यर्थ है। बाद में उन्हें प्रमुख कांग्रेस नेता, गोपाल कृष्ण गोखले के खिलाफ खड़ा किया। वह अंग्रेजों को झाड़ू-दूर करने के लिए एक सशस्त्र विद्रोह चाहते थे। लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन के बाद, तिलक ने पूरे स्वदेशी (स्वदेशी) आंदोलन और ब्रिटिश सामानों के बहिष्कार का समर्थन किया। लेकिन उनके तरीकों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और आंदोलन के भीतर ही कड़वा विवाद उठाया।
दृष्टिकोण में इस मूलभूत अंतर के कारण, तिलक और उनके समर्थकों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के उग्रवादी शाखा के रूप में जाना जाने लगा। तिलक के प्रयासों को बंगाल के बिपिन चंद्र पाल और पंजाब के लाला लाजपत राय के साथी राष्ट्रवादियों ने समर्थन दिया था। इन तीनों को लोकप्रिय रूप से लाल-बा
ट्ठे हुए।

*विरासत*
हालांकि तिलक ने मजबूत राष्ट्रवादी भावनाओं को विकसित किया, वह एक सामाजिक रूढ़िवादी थे। वह एक हिंदू थे और हिंदू शास्त्रों के आधार पर धार्मिक और दार्शनिक टुकड़े लिखते हुए अपना बहुत समय बिताया था।
वह अपने समय के सबसे लोकप्रिय प्रभावकों में से एक थे, एक महान वक्ता और मजबूत नेता जिन्होंने लाखों लोगों को अपने कारणों से प्रेरित किया था।
आज, तिलक द्वारा शुरू किया गया गणेश चतुर्थी, को महाराष्ट्र और पड़ोस राज्यों में प्रमुख त्यौहार माना जाता है। तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के लिए कई जीवनी पत्रिकाओं में चित्रित किया है।
तिलक द्वारा शुरू किया गया एक मराठी अखबार अभी भी प्रचलन में है, हालांकि अब यह तिलक के समय के दौरान एक साप्ताहिक के बजाय दैनिक है।


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ल-पाल के रूप में जाना जाता था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1 9 07 राष्ट्रीय सत्र में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के उदारवादी और उग्रवादी वर्गों के बीच एक बड़ी समस्या सामने आई थी। जिसके परिणामस्वरूप, कांग्रेस दो गुटों में विभाजित हो गई।

*कारावास*
1896 के दौरान, पुणे और पड़ोस क्षेत्रों में बुबोनिक प्लेग की महामारी फैल गई और ब्रिटिश ने इसे रोकने के लिए बेहद कठोर उपाय किए। आयुक्त डब्ल्यू सी रांड के निदेशकों के तहत, पुलिस और सेना ने निजी घरों पर हमला किया, व्यक्तियों की निजी पवित्रता का उल्लंघन किया, निजी संपत्ति जला दी और लोगों को शहर से बाहर जाने और बाहर जाने से रोका। तिलक ने ब्रिटिश प्रयासों के दमनकारी प्रकृति के खिलाफ विरोध किया और अपने समाचार पत्रों में इसके बारे में उत्तेजक लेख लिखे।
उनके लेख ने चापेकर भाइयों को प्रेरित किया और उन्होंने 22 जून, 18 9 7 को आयुक्त रांड और लेफ्टिनेंट अय्यर्स्ट की हत्या कर दी। इसके परिणामस्वरूप, तिलक को हत्या के लिए उकसाने के लिए 18 महीने के लिए गिरफ़्तार किया गया।
1908-1914 के दौरान, बाल गंगाधर तिलक को मंडाले जेल, बर्मा में छह साल की सश्रम कारावास से गुजरना पड़ा। उन्होंने 1908 में क्रांतिकारियों खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी के प्रमुख प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट डगलस किंग्सफ़ोर्ड की हत्या के प्रयासों का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने अपने कारावास के वर्षों के दौरान लिखना जारी रखा और सबसे प्रमुख गीत गीता रहस्य (Gita Rahasya) है ।
उनकी बढ़ती प्रसिद्धि और लोकप्रियता के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भी अपने समाचार पत्रों के प्रकाशन को रोकने की कोशिश की। पुणे में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई, जब वह मंडाले जेल में थे।

*तिलक और ऑल इंडिया होम रूल लीग (All India Home Rule League)*
1915 में तिलक भारत लौट आए जब राजनीतिक स्थिति तेजी से विश्व युद्ध I (World War I) की छाया के नीचे बदल रही थी। तिलक के रिहा होने के बाद अभूतपूर्व उत्सव हुआ। उसके बाद वह एक मृदुवादी दृष्टिकोण के साथ राजनीति में लौट आए। अपने साथी राष्ट्रवादियों के साथ फिर से जुड़ने का निर्णय किया, तिलक ने 1916 में आल इंडिया होम रूल लीग की स्थापना जोसेफ बैप्टिस्ट, एनी बेसेंट और मुहम्मद अली जिन्ना के साथ हुई। अप्रैल 1916 तक, लीग में 1400 सदस्य थे जो 1917 तक बढ़कर 32,000 हो गए।
वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन दो विपरीत-दिमाग वाले गुटों के बीच सामंजस्य लाया नहीं जा सका।

*समाचार पत्र*
अपने राष्ट्रवादी लक्ष्यों की ओर, बाल गंगाधर तिलक ने दो समाचार पत्रों- ‘महरत्ता’ (अंग्रेजी) और ‘केसरी’ (मराठी) को प्रकाशित किया। दोनों समाचार पत्रों ने भारतीयों को गौरवशाली अतीत से अवगत कराने पर जोर दिया और लोगों को आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित किया। दूसरे शब्दों में, अखबार सक्रिय रूप से राष्ट्रीय स्वतंत्रता के कारण का प्रचार किया।
1896 में, जब पूरे देश को अकाल और प्लेग से जकड़ लिया गया, ब्रिटिश सरकार ने घोषित किया कि चिंता का कोई कारण नहीं है। सरकार ने भी ‘अकाल राहत फंड’ शुरू करने की आवश्यकता को खारिज कर दिया। दोनों समाचार पत्रों ने सरकार की रवैया की गंभीर आलोचना की थी। तिलक ने निर्भीक रूप से अकाल और प्लेग के कारण कहर के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की और सरकार की पूर्ण गैर जिम्मेदारी और उदासीनता।

*समाज सुधार*
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, तिलक ने सरकारी सेवा के आकर्षक प्रस्तावों को रोका और राष्ट्रीय जागरण के बड़े कारण के लिए खुद को समर्पित करने का निर्णय लिया। वे एक महान सुधारक थे और अपने पूरे जीवन में उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण के कारणों की वकालत की। तिलक ने अपनी सारी बेटियों को शिक्षित किया और उनसे 16 साल की उम्र तक शादी नहीं करवाया।
तिलक ने ‘गणेश चतुर्थी’ और ‘शिवाजी जयंती’ पर भव्य समारोह का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने इन समारोहों की कल्पना की जिसमें भारतीयों के बीच एकता और उत्साही राष्ट्रवादी भावना का भाव उभर आया। यह एक बड़ी त्रासदी है कि उग्रवाद, तिलक और उनके योगदान के प्रति उनकी निष्ठा को मान्यता नहीं दी गई, वह वास्तव में योग्य थे।

*मृत्यु:*
जूलियावाला बाग हत्याकांड की क्रूर घटना से तिलक इतने निराश थे कि उनका स्वास्थ्य कम हो रहा था। अपनी बीमारी के बावजूद तिलक ने भारतीयों को फोन जारी किया कि आंदोलन को कोई नहीं रोक रहा है चाहे कुछ भी क्यों न हुआ हो । वह आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए प्रबल थे लेकिन उनके स्वास्थ्य ने अनुमति नहीं दी। तिलक मधुमेह से पीड़ित थे और इस समय तक बहुत कमजोर हो चुके थे । 1 जुलाई 1920 के मध्य में, उनकी स्थिति खराब हो गई और 1 अगस्त को वह निधन हो गये।
यहां तक कि इस दुखद खबर फैल रही थी, लोगों का एक सच्चा सागर उनके घर में बढ़ गया। अपने प्रेमी नेता की आखिरी झलक पाने के लिए बॉम्बे में उनके निवास पर 2 लाख से ज्यादा लोग इक
*जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का पद अब होगा राज्य सेवा अधिकारी का पद*

अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग मंत्री ने बताया कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का पद अब राज्य सेवा अधिकारी का पद होगा।

*अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग मंत्री श्री साले मोहम्मद ने बताया की* मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2017 तथा राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम, 1999 की अनुसूची में संशोधन का अनुमोदन मंत्रिमंडल द्वारा किया गया ।

*उन्होंने बताया कि इस संशोधन से* अब आर. ए.एस. परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों में से विभाग में आने वाले अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अब राज्य सेवा के अधिकारी कहलाएंगे
• जिससे वे जिले में विभाग के आहरण वितरण अधिकारी का दायित्व,
• विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन,
• मॉनिटरिंग एवं अन्य विभागों से प्रभावी रूप में समन्वय कर सकेंगे ।
• इसके अतिरिक्त विभाग के सहायक निदेशक का पद अब अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की पदोन्नति से भरा जाएगा।

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*कृषि में करें नवाचार, गांवों से न करें पलायन युवाओं को रोजगार देने वाला बनाया जाये*

राज्यपाल श्री मिश्र ने बुधवार को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में बनने वाले संविधान उद्यान और कन्या छात्रावास का ऑनलाइन शिलान्यास किया।

*राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि* भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए युवाओं को रोजगार देने वाला बनाना होगा। उन्होंने कहा कि
• कृषि में नवाचार के बहुत अवसर हैं।
• युवाओं को अपने गांव मे ही रह कर कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने होंगे।
• ऎसे स्टार्टअप शुरू करने होंगे,
• जिनसे ना केवल स्टार्टअप शुरू करने वाले युवा को बल्कि गांव में ही अन्य लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा।
• इससे गांवों से शहरों की और पलायन रूकेगा।
• कृषि ऎसा क्षेत्र है, जिसमें कार्य प्रारम्भ करके युवा सेवा प्रदाता बन सकतें।

*राज्यपाल श्री मिश्र राजभवन से वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से* वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री मिश्र ने बुधवार को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में बनने वाले संविधान उद्यान और कन्या छात्रावास का ऑनलाइन शिलान्यास किया।
राज्यपाल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. आर.सी. अग्रवाल को उच्च शिक्षा मंं उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन दिया।

*राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में वर्षा जल की अत्यन्त कमी है* जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों की वजह से वर्षा तंत्र गड़बड़ा गया है। कहीं भारी वर्षा तो कहीं अत्यन्त अल्प वर्षा हो रही है व वर्षा का वितरण भी समान नहीं हो रहा है। कृषि में जल की उपयोगिता को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा वर्षा जल संग्रहण पर वृहत स्तर पर कार्य किया जाना चाहिए।

*राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय की वर्तमान आय को* चार से आठ करोड़ करके दोगुना करने के लक्ष्य निर्धारित करना भी अच्छे प्रयास हैं। छात्रावासों के अपशिष्ट जल को उपचारित करके सिंचाई में उपयोग लेने जैसी योजनाओं से पर्यावरण स्वच्छ होगा, साथ ही जल संकट से भी राहत मिलेगी।

*राज्यपाल ने कहा कि श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय* में हाल ही में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु कॅरियर डवलपमेंट केन्द्र शुरू किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा प्रदत्त इस केन्द्र में ग्रामीण शिक्षित प्रतिभाओं को अंग्रेजी दक्षता के साथ कॅरियर बनाने का सुनहरा अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास, संचार क्षमता, समय प्रबंधन, भाषा दक्षता का भी युवाओं में विकास होगा। इससे देश-विदेश की सर्वोपरि कंपनियों में युवाओं को नौकरी पाने का अवसर मिलेगा।

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*उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक*

साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री ने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न आवश्यक कार्यों को सम्पादित किया।

*उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने* गुरूवार को यहां शासन सचिवालय में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, सचिव, शुचि शर्मा, एवं कॉलेज शिक्षा निदेशक श्री संदेश नायक के साथ बैठक कर उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों जैसे स्ववित्तपोषित व डीम्ड विश्वविद्यालयों और निजी महाविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से वर्तमान कोरोना काल में वसूली जा रही फीस के संबंध में चर्चा की।

*प्रदेश के अनेक निजी व डीम्ड विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के* विद्यार्थियों द्वारा फीस वसूली संबंधी शिकायत की गई है
• कोरोना महामारी का राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है,
• जिसके कारण अभिभावकों को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
• इसके लिये राज्य के निजी डीम्ड विश्वविद्यालयों तथा निजी महाविद्यालयों से हॉस्टल, मैस, परिवहन, विकास व विलम्ब शुल्क की मद में शुल्क नहीं लिये जाने के आदेश जारी किये गये।

*बैठक में श्री भाटी ने प्राचार्य एवं प्रोफेसर पदो की डीपीसी और वरिष्ठता सूची* के कार्यों को समयबद्ध कार्य-योजना से पूर्ण करवाने के लिये निर्देशित किया। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने राजकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों द्वारा तैयार किये जा रहे ई - कन्टेंट व डिजिटल क्लासेस के लिये महाविद्यालय स्तर पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने तथा ई - कन्टेंट को विद्यार्थियों के लिये आसान तरीके से सुलभ करवाने पर विचार-विमर्श किया इसके साथ ही,
• प्राध्यापकों के नवीन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र आरम्भ करवाने के लिये निर्देशित किया श्री भाटी ने बजट घोषणा 2020 में खोले गये नवीन महाविद्यालयों, संकायों व विषयों को इसी सत्र में प्रारम्भ किये जाने के निर्देश भी दिये। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री ने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न आवश्यक कार्यों को सम्पादित किया।

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*राष्ट्रीय महत्व की एनएच परियोजनाओं के काम में तेजी लाएं*

इन परियोजनाओं के लिए भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया को भूमिराशि पोर्टल के माध्यम से शीघ्र ऑनलाइन पूरा किया जाए।

*सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि* प्रदेशभर में चल रही राष्ट्रीय महत्व की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के काम में तेजी लायी जाए। उन्होंने परियोजनाओं से सम्बंधित 84 उपखण्ड अधिकारियों तथा अतिरिक्त जिला कलेक्टरों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि
• सम्बंधित परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी सतत निगरानी के जरिए
• मुआवजों के वितरण कार्य में तेजी लाएं और इसे शीघ्र पूरा करें।
• मुआवजा वितरण के काम में तेजी लाने से काश्तकारों तक समय पर पैसा पहुंचेगा
• जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और वर्तमान परिस्थितियों में स्थानीय अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा।

*श्रीमती गुप्ता ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर जिन स्थानों* पर राजस्व से सम्बंधित प्रकरण सामने आए हैं उन्हें जिला कलक्टरों के सहयोग से शीघ्र निस्तारित करें।
• कई जिलों में परियोजनाएं पूरी होने में बाधा बन रहे अतिक्रमण के मामले सामने आने पर
• उन्होंने कहा कि समझाइश और नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण हटाएं जाएं ता
• कि महत्वपूर्ण परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें।

*श्रीमती गुप्ता ने कहा कि दिल्ली-वड़ोदरा ग्रीनफील्ड तथा अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस* हाइवे जैसी परियोजनाएं राष्ट्रीय स्तर की अति महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं तथा इन्हें समय पर पूरा करने के हर सम्भव प्रयास किए जाएं।

*सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता* एवं श्रेत्रीय अधिकारी (जयपुर) श्री अश्विनी कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रजेंटेशन के माध्यम से भूमिराशि वेब पोर्टल के बारे में जानकारी दी।

*अनुरोध : आप हमारें द्वारा भेजी गयी सूचना से संतुष्ट हो* तो लिकं के द्वारा सरकार से जुड़ सकते हैं :
https://sarkaar.co.in/
*नियमित रूप से होगी अब जन अभियोग निराकरण सतर्कता समिति की बैठकें*

जिला स्तर की बैठकों में उपखण्ड अधिकारी, जन प्रतिनिधि व आमजन को वी.सी. के माध्यम से जोड़ा जाये ताकि दर्ज प्रकरणों का निस्तारण समय पर किया जा सके।

*जन अभियोग निराकरण मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने कहा कि* जिन जिलों में कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण सतर्कता समिति की बैठकों व जन सुनवाई का आयोजन नहीं किया गया है,
• वहां अब कोविड-19 के लिए जारी गाईडलाईन की पालना करते हुए
• नियमित रूप से बैठकें आयोजित करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिये है।

*श्री मोहम्मद शुक्रवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में* आयोजित बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि
• जिला स्तर की बैठकों में उपखण्ड अधिकारी,
• जन प्रतिनिधि व आमजन को वी.सी. के माध्यम से जोड़ा जाये ताकि
• दर्ज प्रकरणों का निस्तारण समय पर किया जा सके।
• इसी प्रकार उपखण्ड स्तर पर भी नियमित रूप से बैठकों व जनसुनवाई का आयोजन सुनिश्चित कर
• आमजन की समस्याओं का निस्तारण करने की हिदायत दी।

*इस अवसर पर उन्होंने सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज लंबित प्रकरणों* के निस्तारण करने व विभागीय गतिविधियों के संबंध में जिला कलक्टरों से नियमित रूप से वी.सी. के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को संवाद बनाये रखने के निर्देश दिए।

*राज्य का कोई भी नागरिक अपनी समस्या 181 पर कॉल कर के दर्ज करवा सकता है*

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राजस्थान सतर्क है

*सवाई मानसिंह अस्पताल में होगी प्रदेश के पहले प्लाज्मा बैंक की स्थापना*

डॉ. शर्मा ने शुक्रवार को प्लाज्मा बैंक का पोस्टर जारी करते हुए कोरोना विजेताओं से ज्यादा से ज्यादा प्लाज्मा दान करने की अपील भी की।

*चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि* कोविड-19 से और बेहतर तरीके से लड़ने के लिए प्रदेश के सवाई मानसिंह अस्पताल में प्लाज्मा बैंक स्थापना करने की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में राजस्थान सरकार आमजन के स्वास्थ्य को लेकर अति संवेदनशील है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 की रिकवरी दर को बढ़ाने एवं मृत्युदर को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

*सवाई मानसिंह चिकित्सालय में प्लाज्मा थैरेपी के* अप्रत्याशित एवं सराहनीय परिणाम को देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के प्रथम प्लाज्मा बैंक की स्थापना सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर में की जा रही है।

*डॉ. शर्मा ने सभी कारोना विजेताओं से अपील है कि* वे अपना प्लाज्मा दान करें, जिससे कि गंभीर एवं अत्यन्त गंभीर मरीजों का जीवन बचाया जा सके एवं राजस्थान प्रदेश की कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाया जा सके। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि प्लाज्मा देने से नहीं होती कमजोरी कोरोना मरीजों के लिए है ये बहुत जरूरी।

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