Hindi/Urdu Poems
6.63K subscribers
56 photos
3 videos
3 files
9.3K links
Hindi/Urdu Poetry Collection.
Adding some stories too :D

Our Groups
@HindiPoetry
@WritersClub

Channels:
@ThePeepTimes
@WritersCafe
@CopywritersDesk
@WritersDirectory

More:
🌐 @tgWeBot | @BigBrandTree
Download Telegram
शीर्षक : वीरांगना फूलन देवी
एक स्त्री के चरणों में
मैं खुद को अर्पित करता हूं ,
ये लिखी कविता मेरी
मैं उनको समर्पित करता हूं ,
कल कल सा व्याकुल हो कर
कुछ ज्ञान अर्जित करता हू
अपने स्याही के हर अक्षर से
अमृत अमृत करता हूं ,

कि कोमल सी पुष्प थी वो
गांव में अपने महकी थी
भौरों के संग अब कीड़े झूमे
चिड़िया भी कुछ चहकी थी ,

गम गम कर महक उठी
अपने छोटे से संसार में
कुछ दरिंदे देख लिए
चलते हुए बाज़ार में
मुंह से उनके टपका पानी
जैसे भूखे का आहार में
भेड़िए उसको उठा लिए
एक छोटे से दरबार में

ऊंचा नीचा क्या जाने
और कौन सा सबने भेद किया
देखे सब एक अबला थी
वसन को उसके विच्छेद किया
बांध पलंग काट गए उसको
नहीं किसी ने खेद किया

क्या करे उस देह का , जला दे?
या काट दे ?
या खोद के छः फुट की माटी
खुद को उसमें पाट दे ?

एक रानी के अंदर
कैसा ये साम्राज्य लिखा
पानी शोहरत सब हारी
पर खुद से खुद का भाग्य लिखा
लिखा क्या उसने
तुम्हे सुनाना जरूरी है
हाथों को काला कर
अब हथियार उठाना जरूरी है ,
सवार हो कर अश्व पर अपने
आकाश को भी नाप गई
सुन कर आवाज गोली की उसके
पृथ्वी भी थी काप गई ,

उन कुत्तों के देह से
छर छर बहती धारा है
बन गई दुर्गा काली वो
जिसने सबको मारा है

बैठ के जगत पे उसने
जन का नर संहार किया
टेक के माथा गांधी को
खुद को उसने हार दिया
निकल रही थी जन सेवा को
राह में किसी ने मार दिया
खुद को उसने हार दिया ।।

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
इन नशीली आंखों में सैलाब बहुत है
तुम में खोया रहूं ये ख्वाब बहुत है
और जब भी तुम्हारी आंखों में देखा हमने
और जब भी तुम्हारी आंखों में देखा हमने
अपने मुहोब्बत को देखा लाज़वाब बहुत है

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
इन नशीली आंखों में सैलाब बहुत है
तुम में खोया रहूं ये ख्वाब बहुत है
और जब भी तुम्हारी आंखों में देखा हमने
और जब भी तुम्हारी आंखों में देखा हमने
अपने मुहोब्बत को देखा लाज़वाब बहुत है

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
अरे! दिल का जुदा होना वो क्या जाने
जो सवरती जुल्फों से परवाना कर गए ,


जुदा तो केवल हम हुए थे
जो दिल को उनका दीवाना कर गए ।
#aadarshkumar
#review

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वादे पे उनके हमने , खुद को रोक रखा है ,
बहती आंखों की दरिया में , खुदको झोंक रखा है ,

वो तो छोड़ चले गए तन्हाई के इस मकान पर,

मिलेंगे फिर कभी , बस ये सोच रखा है ।
#aadarshkumar
#review

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कैसे दू मैं वक्त खुदको
ये दिल अभी भी उनका दीवाना है ,

मैं ठहरा एक तरफा आशिक़
यादों में उनकी बस मर जाना है ।

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरी मुहोब्बत,मेरी खुदा मेरी इबादत हो चुकी है

ना सोचूं उनको , तो मेरी दुनिया बेरुखी है

हर चांदनी रात को अमावस्या कर रहा हूं

उनको पाने की अब तो तपस्या कर रहा हूं।

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कभी चेहरे के नूर पे लिखता हूं
कभी आंखों के गुरुर पे लिखता हूं
देखता हूं जब भी तुझको मैं
तेरे जुल्फों के सुरूर पे लिखता हूं ,

तू कह दे तो कुछ भगवान पे लिखूं
तेरे होठों से निकलते अपने नाम पे लिखूं
तू कह तो मैं तुझे सोचता बैठू
या तेरे संग बिताए उस शाम पे लिखूं ?

डर है मुझे कही तेरा यार ना बन जाऊं
प्रयोग हो तेरे खिलाफ वो हथियार न बन जाऊं
तू कह तो सिर्फ मैं एक कायर बन जाऊ
लिखते लिखते तुझे कहीं मैं शायर ना बन जाऊ ।।

#aadarshkumar
#review

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कभी चेहरे के नूर पे लिखता हूं
कभी आंखों के गुरुर पे लिखता हूं
देखता हूं जब भी तुझको मैं
तेरे जुल्फों के सुरूर पे लिखता हूं ,

तू कह दे तो कुछ भगवान पे लिखूं
तेरे होठों से निकलते अपने नाम पे लिखूं
तू कह तो मैं तुझे सोचता बैठू
या तेरे संग बिताए उस शाम पे लिखूं ?

डर है मुझे कही तेरा यार ना बन जाऊं
प्रयोग हो तेरे खिलाफ वो हथियार न बन जाऊं
तू कह तो सिर्फ मैं एक कायर बन जाऊ
लिखते लिखते तुझे कहीं मैं शायर ना बन जाऊ ।।

#aadarshkumar
#review

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आओ कुछ लोगो की बात समझाता हूं
होते कैसे हैं ये आज अपने आप बतलाता हूं
आज हटा के परदा चेहरे से , आइना दिखाता हूं
आज कुछ अच्छे लोगों की कहानी सुनाता हूं।

ये जब भी सामने से खेलते है
गुड़ सा मीठा बोलते है
और मिल जाए इनके जैसा तो
पीछे उनके डोलते हैं,
सारी पोल तुम्हारी खोलते है
भैया , दीदी , माता हो तुम
अनजाना सा रिश्ता जोड़ते हैं
और जो होंगे सच मे तुम्हारे
पकड़ पकड़ के तोड़ते हैं,
फिर समाज को भी मोड़ते हैं
कौन अपना क्या पराया
किसी की नहीं ये छोड़ते हैं
बन कर मन के मासूम
फिर हाथ ये जोड़ते हैं
तुम भोले दया खाते हो
ये हृदय को तुम्हारे निचोड़ते हैं।

तो कैसे जाने कैसे पहचाने
समाज में छुपे इन भेड़ियों को
जो बोले ज्यादा मीठा
पहली फुरसत में
उनको छोड़ ही दो

एक बार जब इनको
परिवार से निकल दोगे
बचा लोगे अपनो को तुम
और सबको एक मिसाल दोगे।

जो मिले ऐसा तो
फेंक देना घर बार से
और ज्यादा बोले तो
बात करना तलवार से ।

उनके गंदे खून को
गंगा में ना प्रवाहित करना
गाड़ देना बंजर जमीन में
कोई गुजरे ना ये जनहित में जारी करना

ऐसा करोगे तो
सामाज भी साफ होगा
किया जो तुमने पाप कभी
सब सदा से माफ होगा ।।


#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आओ कुछ लोगो की बात समझाता हूं
होते कैसे हैं ये आज अपने आप बतलाता हूं
आज हटा के परदा चेहरे से , आइना दिखाता हूं
आज कुछ अच्छे लोगों की कहानी सुनाता हूं।

ये जब भी सामने से खेलते है
गुड़ सा मीठा बोलते है
और मिल जाए इनके जैसा तो
पीछे उनके डोलते हैं,
सारी पोल तुम्हारी खोलते है
भैया , दीदी , माता हो तुम
अनजाना सा रिश्ता जोड़ते हैं
और जो होंगे सच मे तुम्हारे
पकड़ पकड़ के तोड़ते हैं,
फिर समाज को भी मोड़ते हैं
कौन अपना क्या पराया
किसी की नहीं ये छोड़ते हैं
बन कर मन के मासूम
फिर हाथ ये जोड़ते हैं
तुम भोले दया खाते हो
ये हृदय को तुम्हारे निचोड़ते हैं।

तो कैसे जाने कैसे पहचाने
समाज में छुपे इन भेड़ियों को
जो बोले ज्यादा मीठा
पहली फुरसत में
उनको छोड़ ही दो

एक बार जब इनको
परिवार से निकल दोगे
बचा लोगे अपनो को तुम
और सबको एक मिसाल दोगे।

जो मिले ऐसा तो
फेंक देना घर बार से
और ज्यादा बोले तो
बात करना तलवार से ।

उनके गंदे खून को
गंगा में ना प्रवाहित करना
गाड़ देना बंजर जमीन में
कोई गुजरे ना ये जनहित में जारी करना

ऐसा करोगे तो
सामाज भी साफ होगा
किया जो तुमने पाप कभी
सब सदा से माफ होगा ।।


#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो हया में डूब कर
मेरे स्वेद से ऊब कर
मचल चली है घर से अपने
उर को मेरे कूद कर ,
इश्क उसका ब्याज सा
लौटाऊ कैसे सूद कर
रईसी ऐसी छोड़ कर
थम जा तू उस मोड़ पर
जहां हया भी न रहे
इश्क की चादर ओढ़ कर ।

तू झुका पलके ये सोच कर
कोई इबादत रोज कर
मुक्कम्मल हूं मैं तुझे
सिर पे सेहरा सोझ कर ,

तू उठ सवेरे गोद पर
फलक चलें ? रोड पर
अधरों से अपने रौंद कर
मुझ पर खुद से तू जोर कर ।

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो हया में डूब कर
मेरे स्वेद से ऊब कर
मचल चली है घर से अपने
उर को मेरे कूद कर ,
इश्क उसका ब्याज सा
लौटाऊ कैसे सूद कर
रईसी ऐसी छोड़ कर
थम जा तू उस मोड़ पर
जहां हया भी न रहे
इश्क की चादर ओढ़ कर ।

तू झुका पलके ये सोच कर
कोई इबादत रोज कर
मुक्कम्मल हूं मैं तुझे
सिर पे सेहरा सोझ कर ,

तू उठ सवेरे गोद पर
फलक चलें ? रोड पर
अधरों से अपने रौंद कर
मुझ पर खुद से तू जोर कर ।

#review
#aadarshkumar

🔗 View Post in Group
𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧