Hindi/Urdu Poems
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कितनों ने सजा के रखा था मंज़िल को सपनों में,
हमें तो जिम्मेदारियोंने सपने देखने का वक़्त ही नहीं दिया....

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कितनों ने सजा के रखा था मंज़िल को सपनों में,
हमें तो जिम्मेदारियोंने सपने देखने का वक़्त ही नहीं दिया....

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
हमारे प्यार के काबिल तो वे कभी थे ही नहीं ,
बेवफाई से उनके हम अच्छे से वाकिफ थे,
पर हमारे प्यार ने वफ़ा इस कदर थी निभाई ,
कत्ल किया उन्होंने फिर भी हम उनके साथ थे,
खुशी थी इस बात की उनके हाथों से हमने जान थी खोई..

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
हमारे प्यार के काबिल तो वे कभी थे ही नहीं ,
बेवफाई से उनके हम अच्छे से वाकिफ थे,
पर हमारे प्यार ने वफ़ा इस कदर थी निभाई ,
कत्ल किया उन्होंने फिर भी हम उनके साथ थे,
खुशी थी इस बात की उनके हाथों से हमने जान थी खोई..

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कितना कुछ सिखाया है इस वक़्त ने मुझे,
सिर्फ गिला इस बात का है कि वक़्त पे नहीं सिखाया...


#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
ये वक़्त मुझे हमेशा कुछ नया सिखाता गया,
हर वक़्त मुझे नई जिम्मेदारी से मिलाता गया...

सोचते-सोचते मैं सोचता ही रह गया ,
पाले हुए ख्वाबोंको ख्वाबों के जगह ही मैं छोड़ता गया..

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
ढूँढा श्रीकृष्ण को, जो हमें कभी मिले नहीं ,
कहा दोस्त जिसे,वो कर्ण कभी था नहीं ,
देखतेही हार रणभूमि में,अपना दोस्त अपना रहा नहीं...

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
दिख रहा एक सफेद घोड़ा,
जिसपे कोई सवार है |

एक हाथ में तलवार भारी,
दूजे हाथ में पकडी लगाम है |

बाईस साल की लड़की एक,
कहते है, झाँसी की वो रानी है |

भारत की वो नारी है,
कई दुश्मनों पे एक ही काफी है |

कह रही एक ही बात सभी से,
चले जाओ यही से, ये मेरी झाँसी है |

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
दिख रहा एक सफेद घोड़ा,
जिसपे कोई सवार है |

एक हाथ में तलवार भारी,
दूजे हाथ में पकडी लगाम है |

बाईस साल की लड़की एक,
कहते है, झाँसी की वो रानी है |

भारत की वो नारी है,
कई दुश्मनों पे एक ही भारी है |

कह रही एक ही बात सभी से,
चले जाओ यही से, ये मेरी झाँसी है |

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
समझाना चाहता हूँ अक्सर अफसरों को बातें मेरी,
काम कर के भी बातें उनकी मैंने कभी सुनी नहीं होती,
दफ्तरों की कागजों में मैंने जिंदगी बिताई नहीं होती ,
अगर न होती जिम्मेदारियों के संग मजबूरियाँ मेरी,
पढ़े-लिखे मजदूर की ये नौकरी मैंने कब की छोड दी होती...

बिना बोले किसीको ये बातें काग़ज़ पे मैंने लिखी नहीं होती...


#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
अमीर ही तो था मैं जब-जब बाप के साथ बाज़ार में गया,
हाथ रखूँ जिस चीज पर वो मेरा हो गया,

आज समझा मुझे पापा ने कभी खुद के लिए दिवाली में एक क़मीज़ क्यूँ नहीं लिया,

मिल गया जवाब सवाल का जो मैंने बचपन में था किया,
दिवाली के दिन भी बाप मेरा काम पर क्यूँ था गया?

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
दिन हो या रात,
आतें तेरे ख्वाब है |

मान या ना मान,
तू मेरी खास है|

चाहो या ना चाहो,
तू आज भी दिल के पास है....

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
किसीने खाई वो कमाके
किसीने खाई वो छिनके
तो किसीको मिली भीखमें ..
जो रोटी हमें मिली बड़ी आसानी से....

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आज-कल रहता हूँ खुशी में
की कोई तो हाल पूछता है मुझे,
खाली समय में ही सही
मेरी याद आती है तुम्हें,
माना कि मेरी तरह मेरी
यादें सताती नहीं है तुम्हें,
या फिर, क्या तू भी बातें
दिल में लिए याद करती हो मुझे?...

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आज-कल रहता हूँ खुशी में
की कोई तो हाल पूछता है मुझे,
खाली समय में ही सही
मेरी याद आती है तुम्हें,
माना कि मेरी तरह मेरी
यादें सताती नहीं है तुम्हें,
या फिर, क्या तू भी बातें
दिल में लिए याद करती हो मुझे?...

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
किया था कल मैसेज उसे,
अभी तक कोई ख़बर नहीं आई है |

अभी भी होती है बातें उससे,
रही बातों में वो बात नहीं है |

खैर आखिरी तारीख है महीने की,
अभी अभी मेरी तनख्वाह आ गई है....

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो पसंदीदा किताब थी महफ़ूज़ मेरी अलमारी में,
मैं बिक जाने वाला पुराना अखबार था उसकी रद्दी में...

कोई किसीकी जरूरत था,
तो कोई बना बिसरत था...

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो पसंदीदा किताब थी महफ़ूज़ मेरी अलमारी में,
मैं बिक जाने वाला पुराना अखबार था उसकी रद्दी में...

कोई किसीकी जरूरत था,
तो कोई बना बिसरत था...

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
पेट और रोटी की लड़ाई में
इस कदर टूट गया,
रहकर भीड़ में भी
मैं तनहा रह गया....

#Krushnakant
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
देखा और उसे चाहा भी है मैंने,
चाहा और उसे पाया भी है मैंने,
कर हासिल उसे बहकाया भी है मैंने,
उसके हसीन पालो को चुराया भी हैं मैंने,
नजाने किस कमबख्त की नज़र पडी उसपे,
दूजे पल सब कुछ गंवाया भी है मैंने....

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧