Hindi/Urdu Poems
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Hindi/Urdu Poetry Collection.
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Vyom , sarita ek raang tum kaho.. sakhi
Kon tume sabse pyara .....
Baat jara si tum suno
me kahu kuch nhi ...!
tum suno baat us riday ki
tum suno baat uss samay ki
Sigra karo , naa tanik bhi karar karo
Tum utho, chalo ,bhago.. sigrata ki had paar karo
Khub hua khel mitbhasi ka
Tum apne prem ka chunaav karo
Kb tk apne sneh bhav ka tum avmardan sanghar karo
chalo sakhi ab chunav karo ab chunaav karo 🌸✍🏻

#prsingh
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Waqt mile to khud se khud ka khayal puch liya
karo
Chaho to khud ko ek Kalam se kore panne pr likh Diya Karo
Pr kabhi na kabhi ik baar khud ka haal bhi puch liya karo 🌸✍🏻


#prsingh 🕊️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Waqt mile to khud se khud ka khayal puch liya
karo
Chaho to khud ko ek Kalam se kore panne pr likh Diya Karo
Pr kabhi na kabhi ik baar khud ka haal bhi puch liya karo 🌸✍🏻


#prsingh 🕊️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Prem sikast me har koi ek saman
Koi pida se badbadata to koi sunya ho jata
Kisi ne tyaga moh sansaar ka
to koi ban chuka i-llat sarab ka
Prem ke sarowar me
jisne maani apni sikasht
Wahi sansaar ko tar Paya 😌

#prsingh🕊️
🌸✍🏻
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
खामोशी भाव में समाकर शब्द अर्थ खो देती हैं,
चुप्पी की गहराई में भावनाएं डूब जाती हैं।
लेकिन सांप खाने वाले मोर को सुंदर कहती है,
दुनिया सब कुछ छोड़ चाहत को आराम देती है।

- - अभय कुमार " वर्मा "
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
2122 - 212 - 2122 - 212

इश्क़ में जब रहनुमा हिज्र के क़ाबिल हुआ,
हसरतों से हिजरतों का सफर हासिल हुआ।

ज़ख़्मों की आवाज़ें थमने लगीं आहिस्ता जब,
शाम की ग़ज़लों में धीरे से वो दाख़िल हुआ।

ज़र्रा ज़र्रा दिल का जब चश्मों को वीरां करे,
मुंतज़िर वीराने में कोई गुल शामिल हुआ।

ख़ुद ही राहें भूले गर इश्क़ में जब रहनुमा,
थम गया राही वहीं, साक़ी की महफ़िल हुआ।

ज़र्रा ज़र्रा ज़ार, ज़ाहिर ज़रूरी ज़हनी ज़र,
भूल बातें दिल अहम, ख़्वाबों में ग़ाफ़िल हुआ।

#दिव्या ओंकारी 'गरिमा'
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
(2121 - 2112 - 2121 - 2112)

इम्तिहान-ए-ज़िंदगी बे-पर्दा हो किधर जाए,
यार का निशां-ए-दग़ा साथी हो जिधर जाए।

बाग़ से लिए सभी ग़ुल, ख़ार सारे धुतकारे,
आधे से वजूद से ही कैसे ग़ुल निखर जाए।

था सुना अंधेरों में कहते दुखों को, मतलब से,
है दुआ कि मिलने से पहले ही तू सुधर जाए।

रहने की ज़मीन पे, बातें हया की, ग़ैरत की,
ज़र्रे सा ग़ुरूर, ज़रा बात पर बिखर जाए।

आग सा अज़ाब, ज़हन डरता सा, सहमता सा,
बरसे ऐसा नूर, छुअन जिसकी घाव भर जाए।

#दिव्या ओंकारी 'गरिमा'
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जानाँ दिल का शहर नगर अफ़्सोस का है
तेरा मेरा सारा सफ़र अफ़्सोस का है

किस चाहत से ज़हर-ए-तमन्ना माँगा था
और अब हाथों में साग़र अफ़्सोस का है

इक दहलीज़ पे जा कर दिल-ख़ुश होता था
अब तो शहर में हर इक दर अफ़्सोस का है

हम ने इश्क़ गुनाह से बरतर जाना था
और दिल पर पहला पत्थर अफ़्सोस का है

क़ुर्बत के उस पेड़ की शाख़ों पर देखो
फूल उदासी का है समर अफ़्सोस का है

हार के दुख से पछतावा बढ़ कर है 'फ़राज़'
दुख का नहीं अफ़्सोस मगर अफ़्सोस का है
~Ahmad Faraj
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
इतने खामोश क्यों बैठे हो,
कुछ तो आवाज दो।
सत्य की राह पर चलो,
आकाश में हुंकार दो.

अपनी आवाज सुनाओ,
अपने अधिकार लो।
सत्य और खुद के साथ चलो,
दुनिया को दिखा दो.

तुम्हारे साथ चलने में असमर्थ हो,
तो हमारा साथ दो।
डरते हो तो छोड़ दो,
बस हमारा मनोबल भरो.

अगर कुछ नहीं कर सकते,
तो अच्छाई के रास्ते पर रहो।
अपनी मर्यादा बनाए रखो,
अच्छे कर्मों से बंधो.

अपने कर्मों से पहचान बनाओ,
सत्य की राह पर चलो।

— अभय
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
अभय (निडर) के साथ भ्रष्टाचार का नाश

महफिल लगी है शायरों की,
हरकत दिख रही कायरों की।
सब बिक चुके हैं नेता के पीछे,
बोलबाला नहीं है पत्रकारों की।

देश का नियम स्वतंत्र आधारों पर,
कोई कीमत नहीं है अधिकारों की।
यह लाल धरती है वीर जवानों की,
पर हालत खराब है अपने इलाकों की।

मर रहे हैं जिस्म के दीवानों पर,
कीमत नहीं है बड़े विद्वानों की।
ज्ञान सिर्फ प्रसिद्ध लोग देते हैं,
कीमत नहीं ग्रंथ और किताबों की।

नेता बिक चुके हैं धन के लिए,
पत्रकार खामोश हैं डर के लिए।
देश की आवाज नहीं सुनाई देती,
अधिकारों की लड़ाई नहीं होती।

पर हमें नहीं मानना है हार,
हमे चाहिए अपना पूरा अधिकार।
महापुरुषों का लड़ना हुआ बेकार,
देश से निकल फेंके भ्रष्टाचार।

— अभय कुमार वर्मा
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ खड़े है
अगर वाकई में हर व्यक्ति साथ खड़ा होता तो संघर्ष की जरूरत ही नहीं पड़ती!
#lafzshaalabygaurisharma #review
#GauriSharma

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जब मुल्ला को मस्जिद में राम नजर आए,
जब पंडित को मंदिर में रहमान नजर आए,
सुरत ही बदल जाए इस दुनिया की,
अगर इंसान को इंसान में इंसान नजर आए.
#lafzshaalabygaurisharma #review #GauriSharma

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
Mohabbat ki aahat aj fir dastak dene lagi hai.
Lagta hai kisi ki baddua kabool hui hai aj🥀
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
संघर्ष की मिट्टी पर,
जब कोई बीज बोया जाता है,
कोई नहीं देना चाहता उसे,
पानी, खाद या ज़रूरत पनपने की,
सिवाए चंद लोगों के।

जब वो बीज खिलकर हो
जाता है फूल या फल,
सब चाहते हैं उस पर अपना हक,
अपना हिस्सा, उन फूलों की खुश्बू,
उन फलों का सेवन, और सारी ज़रूरत।

वो फूल आते हैं सबके काम,
वो फल सबको मिलते हैं बराबर,
और ये उनकी कमज़ोरी नहीं होती,
होती है उनकी महानता, स्वाभाविक।

#दिव्या ओंकारी 'गरिमा'
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
नहीं चाहिए मुझे समझदारों की दिखावटी दुनिया हम नासमझ ही अच्छे हैं।
#ankitpastor
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
सब करना आए न आए,
सब्र करना आना चाहिए।

#दिव्या ओंकारी 'गरिमा'
#divyaarth
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
सबने देखा है सिर्फ़ मेरा हँसता चेहरा
रोती आँखों से सिर्फ़ किताबें वाक़िफ़ है

#AkashArn✍️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
शीर्षक: नई युग , नई कहानी की शुरुआत

रात के अंधकार को दूर करती हुई ज्वाला आ गई है,
आकाश में जोर से शंखनाद हुई, काला बादल भाग गया है।
मानो रात की तरह खत्म हुई यह भुलभुलैया का खेल,
सूरज अपना रथ लेकर चारों दिशाओं में समा गया है।

पहली दिन की किरण के साथ कोई अभय आ गया है,
अभय, इनसे कह दो तेरी खैर नहीं, कोई वीर आ गया है।
विनम्रता से नहीं, तुमको मैदान में चुनौती देने वाला आ गया है,
जहां छुपाना चाहते हो, छुप लो, पर महान योद्धा आ गया है।

नए चुनौतियों और अवसरों के साथ, नया युग आ गया है,
तुम्हारी कहानी खत्म हुई, नई कहानी लिखने वाला आ गया है।
उसके कारण धरती पर भूकंप और सागर में ज्वार-भाटा आया है,
इतिहास दोहराने की बात छोड़ो, वह स्वयं आ गया है।

बादल की कर्कराहट और प्रकृति के संकेत से समझा रही है,
यहां नए सिरे से जीवन की शुरुआत करने वाला आ गया है।
नए युग में हर कठिनाई को खत्म करने वाला आ गया है,
अपनी सशस्त्र लेकर तैयार रहो, तुमको हराने वाला आ गया है।

--- अभय कुमार वर्मा
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
व्यक्ति का सम्मान उन शब्दों से नहीं है जो उसकी उपस्थिति में कहे जाये, बल्कि उन शब्दों से है जो उसकी अनुपस्थिति में कहे जाये…
#lafzshaalabygaurisharma #GauriSharma #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
शीर्षक: सच्चा इश्क का खेल

जिस अनुभव में हार और जीत का मसला हो,
वह चाहत का इंतहा का खेल मैं नहीं खेलता।
अगर अलौकिक इश्क का खेल का शौक है तो,
मेरे समक्ष आओ, मैं मधुर हार का आनंद लेता।

सिर्फ तेरी मोहब्बत का अनोखा स्वाद लेता,
तेरी ये दोनों चंचल, चंपल नैनों में खो जाता।
तेरे पास रहकर प्यार में जीने का मज़ा लेता,
तेरे साथ हर सांस का जीने का आनंद लेता।

तेरे प्यार में डूबकर खुशियों का सागर पीता,
तेरे साथ मैं जीवन की हर खुशी को जीता।
तेरे प्यार में मेरा दिल तेरे खुशियों से लूटता,
तेरे साथ मैं जीवन की हर गहराई को छूता।

तेरे प्यार में मेरा अधूरा जीवन संपूर्ण हो जाता,
तेरे साथ मैं जीवन की हर खुशी को पा जाता।
तेरे प्यार में मेरी सांसें तेरी सांसों से मिलती,
तेरे साथ मैं जीवन की हर खुशी को बांटता।

तेरे प्यार में मेरा पत्थर दिल तेरे दिल से जुड़ता,
तेरे साथ मैं जीवन की हर गहराई को समझता।
तेरे प्यार में मेरी जिंदगी तेरी जिंदगी से मिलती,
तेरे साथ मैं जीवन की सभी खुशीयां को जीतता।

तेरे प्यार में मेरा जीवन तेरे प्यार के सागर से भरता,
तेरे साथ मैं जीवन की हर खुशी को अनुभव करता।
तेरे प्यार में मेरी सांसें तेरी सांसों से एक हो जाती,
तेरे साथ मैं जीवन की हर खुशी को पूर्णता से जीतता।

--अभय कुमार वर्मा
#review

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