Hindi/Urdu Poems
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Hindi/Urdu Poetry Collection.
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जो छुपा रहा है आंखें वो गमों में रोया होगा,
जो जागा है दिन में भी वो क्या रात में सोया होगा।।
जो मुस्कुरा रहा है बहुत उसे मुसीबतों ने पाला होगा ,
जो मर रहा है आज उसे जीना किसने सिखाया होगा।।
जो थक कर बैठा है वहां उसने भी जंग लड़ा होगा ,
जो खो चुका है सब यहां उसने क्या पाया होगा।।
जो ख़ामोश है बहुत उसे जिंदगी ने राज़ बताया होगा,
जो बोल रहा है बहुत उसने क्या समझ पाया होगा।।
जो चमक रहा है उसे किसी जौहरी ने घीसा होगा,
जो बिखरा ही नहीं उसे किसने संभाला होगा।।
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मुसीबतों से बचने का मौका अच्छा है,
जिंदगी से दगा, मौत से सौदा अच्छा है।।
झूठ कह देते हो बातो में,
आंखों से सच कहने का हूनर अच्छा है।।
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
ना जाने ये मुर्दा लोग क्या करते होंगे,
जो डर कर जीते हैं वो कैसे मरते होंगे।।

जिन्होंने क़दम नहीं रखा कभी बाजार में,
ना जाने वो कैसे दुनिया में रहते होंगे।।

अपने पैरो पर जो कभी खड़े ही ना हुए,
ना जाने वो कैसे पहाड़ों पर चढ़ते होंगे।।

तोड़े हैं जिन्होंने शीशों से दिल इस जहां में,
ना जाने वो कैसे किसी की दवा बनते होंगे।।

दुसरो के पैर हमेशा खींचे हैं जिन लोगों ने,
ना जाने वो कैसे आसमां में पंख फैलाते होंगे।।

नफ़रतो का पैगाम फैलाने वाले ये लोग,
ना जाने कैसे बच्चों को प्यार सिखाते होंगे।।

दुसरो का सम्मान उछाला है जिन्होंने,
ना जाने वो कैसे अपनी पगड़ी बचाते होंगे।।

दुनिया में ये काफ़िरी जताने वाले लोग,
ना जाने कैसे खुदा के आगे सिर झुकाते होंगे।।

मौसमो से रंग बदलने वाले ये लोग,
ना जाने कैसे अपने नक़ाब बदलते होंगे।।

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
राम संग राम बैठे, श्याम संग श्याम बैठे
तुम संग तुम बैठा ,मैं संग मैं बैठा
राम श्याम, तुम-मैं से बात बिगड़ जाती है
मन के जैसे ही, चित्त भी घूमे है अब
चित्त में चित्त की ही,बात समझ न आती है
मनोहारी रात में, प्यारी प्यारी बात में
बात की रात में, बात बहक जाती है
भोर संग भोर होए,सांज संग सांज होए
भोर और सांज में ही जिंदगी गुज़र जाती है
मै-तुम, तुम-मै , में उलझ जाऊं जो तो
फिर किसी की भी बात समझ न आती है
बिना बात बिगड़ी बात, बात बिना बिगड़ी बात
बातों ही बातों में यूहीं सुलझ जाती है
जिव्हा मेरी दिन रात राम राम कहती हैं
किंतु जिव्हा ही राम को न जानती है
तुम में मुझ में,सब में वही है फिर भी
चित्त को दिल की ये बात समझ न आती है

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो बेच रहे सपनों को मैं कैसे सो जाऊं
देश का युवा हुं मैं कैसे चुप हो जाऊं

मां बाबा के उम्रभर की मेहनत लगी है कैसे शांत रहुं
मेरी जिंदगी की कीमत लगी है कैसे कुछ न कहुं

उनका कहना है सिर्फ परीक्षा ही तो है
परीक्षा के इतर भी जिंदगी जीना तो है
कैसे कहूं उन्हें पढ़ाई का कर्ज़ा अब लौटाना तो है
बुढ़े होते मां बाबा के लिए मुझे भी घर बनाना तो है

वो कहते हैं फिर होगी परीक्षा बैठ जाना उसमें
परीक्षा होती तो है किस्मत आजमा लेना उसमें
कैसे कहूं उन्हें की आसान है दुबारा परीक्षा दे देना
बस मेरी बढ़ती हुई उम्र को तुम वापसचाहिए लौटा देना

वो कहते है तुम पढ़ो हम मदद करेंगे
तुम देखो सपने हम मिलकर साकार करेंगे
कैसे कहूं उन्हें की नींद अब आती नहीं है
बिखरा हुं इतना की जिंदगी भी अब भाति नहीं है

वो कहते है हम बेचेंगे सपने तुम खरीदने आ जाओ
फिर होगी परीक्षा तुम चैन से सो जाओ
कैसे कहूं उन्हें सपनों को बिकता देख कैसे सो जाऊं
मेरी बर्बादी की कहानी पर मैं कैसे चुप हो जाऊं

#Bhagyashree
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो बेच रहे सपनों को मैं कैसे सो जाऊं
देश का युवा हुं मैं कैसे चुप हो जाऊं

मां बाबा के उम्रभर की मेहनत लगी है कैसे शांत रहुं
मेरी जिंदगी की कीमत लगी है कैसे कुछ न कहुं

उनका कहना है सिर्फ परीक्षा ही तो है
परीक्षा का उत्तर भी जिंदगी जीना तो है
कैसे कहूं उन्हें पढ़ाई का कर्ज़ा अब लौटाना तो है
बुढ़े होते मां बाबा के लिए मुझे भी घर बनाना तो है

वो कहते हैं फिर होगी परीक्षा बैठ जाना उसमें
परीक्षा होती तो है किस्मत आजमा लेना उसमें
कैसे कहूं उन्हें की आसान है दुबारा परीक्षा दे देना
बस मेरी बढ़ती हुई उम्र को तुम वापसचाहिए लौटा देना

वो कहते है तुम पढ़ो हम मदद करेंगे
तुम देखो सपने हम मिलकर साकार करेंगे
कैसे कहूं उन्हें की नींद अब आती नहीं है
बिखरा हुं इतना की जिंदगी भी अब भाति नहीं है

वो कहते है हम बेचेंगे सपने तुम खरीदने आ जाओ
फिर होगी परीक्षा तुम चैन से सो जाओ
कैसे कहूं उन्हें सपनों को बिकता देख कैसे सो जाऊं
मेरी बर्बादी की कहानी पर मैं कैसे चुप हो जाऊं

#Bhagyashree
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो बेच रहे सपनों को मैं कैसे सो जाऊं
देश का युवा हुं मैं कैसे चुप हो जाऊं

मां बाबा के उम्रभर की मेहनत लगी है कैसे शांत रहुं
मेरी जिंदगी की कीमत लगी है कैसे कुछ न कहुं

उनका कहना है सिर्फ परीक्षा ही तो है
परीक्षा का उत्तर भी जिंदगी जीना तो है
कैसे कहूं उन्हें पढ़ाई का कर्ज़ा अब लौटाना तो है
बुढ़े होते मां बाबा के लिए मुझे भी घर बनाना तो है

वो कहते हैं फिर होगी परीक्षा बैठ जाना उसमें
परीक्षा होती तो है किस्मत आजमा लेना उसमें
कैसे कहूं उन्हें की आसान है दुबारा परीक्षा दे देना
बस मेरी बढ़ती हुई उम्र को तुम वापस लौटा देना

वो कहते है तुम पढ़ो हम मदद करेंगे
तुम देखो सपने हम मिलकर साकार करेंगे
कैसे कहूं उन्हें की नींद अब आती नहीं है
बिखरा हुं इतना की जिंदगी भी अब भाति नहीं है

वो कहते है हम बेचेंगे सपने तुम खरीदने आ जाओ
फिर होगी परीक्षा तुम चैन से सो जाओ
कैसे कहूं उन्हें सपनों को बिकता देख कैसे सो जाऊं
मेरी बर्बादी की कहानी पर मैं कैसे चुप हो जाऊं

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
दिल में क्या है जुबां पर भी लाते नहीं है
लोग अकसर अपने जख्म बताते नहीं है
दिल की ये बात दिमाग पर चढ़ जाती हैं
फिर एक जिंदगी दुनिया से दूर हो जाती है
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे पूजा तू तो कहीं दिखा नहीं,
तू इतना बड़ा भगवान है तुझसे तो एक इंसान भी बचता नहीं।
#Bhagyashree
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे पूजा तू तो कहीं दिखता नहीं,
तू इतना बड़ा भगवान है तुझसे तो एक इंसान भी बचता नहीं।
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरे गम पर तुम भी रोने आए हो
यू बैठकर अपना फर्ज निभाने आए हो
जब तक मैं जिंदा था तब तक तो आए नहीं
अब क्या अहसान जताने आए हो

मेरे घर में मेरी ही बातें कर रहे हो
जब मैंने कहा था तब तो वक्त था नहीं
अब क्या मुझको मेरी ही बातें सुनाने आए हो

मेरे मरने पर आखिरी मुलाकात के लिए आए हो
जब जिंदगी थी तब तो तुम आए नहीं
अब क्या दिखावा करने आए हो

मेरे जनाजे को कंधा दे रहे हो तुम
वैसे तो पैर खिंचें है अब साथ देने आए हो
इन 100-200 लोगो की भीड़ का हिस्सा बनने आये हो
यूं तो अकेला छोड़ा मुझे अब काफिला बनाने आये हो

आंखें छुपा कर तुम यू तो रो रहे हो
वैसे तो मुझे ही रुलाया हरदम
अब क्या मेरे चाहने वालो में शामिल होने आये हो

मुझे रुक जाने की कसम दे रहे हो
तुम तो कभी रुके नहीं
अब किस आधार पर ये बात कह रहे हो

आज रिश्तों का हवाला दे रहे हो तुम
रिश्ते तो तुमने ही तोड़े थे ना
अब क्या फिर से रिश्ते जोड़ने आए हो

खैर छोड़ो इन बातों को
जो बीत गया उसे भूल जाते हैं
बात आज की है तो आज की ही बात बताते हैं
तुम चुप एकांत बैठे तो हो
मगर दिल के जज़्बात बताते क्यों नहीं
रो कर तुमने आंखें तो नम की
पर अपनी हंसी छुपाते क्यों नहीं
रिश्तों के तो तुम नाम ले रहे हो
मगर रिश्ते बचाते क्यों नहीं
तुम सोचते हो भूल जाऊं मैं
लो भूल जाता हूं मैं
मगर आज जो तुमने किया
वो मुझसे भुलाया जाता नहीं
मै भूल भी जाऊं बीती बातें
पर मुझसे ये भी तो भूलाई जाती नहीं

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तुम लक्ष्मी सी आना बहारे भी लाना
ये सूरज ये चंदा सितारे भी लाना
समुंदर की चंचल लहरो सी आना
खुशबू ये पवन ये फ़िज़ाओ सी आना

चुनर से अपनी तुम आसमां बनाना,
पैरो की धूलि से धरती सजाना,
मेहंदी की खुशबू से बहारें महकाना
अपने इन हाथों से दुनिया बनाना

ये कुटिया है मेरी इसको घर तुम बनाना
इस घर को तुम सतरंगों सा सजाना
सात वचन सात जन्म साथ संग लाना
तुम रानियो सी आना महारानियो सी आना
ये सुख दुख खुशी गम बंधन में लाना

#Bhagyashree
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जिंदगी तेरा लेन-देन भी अच्छा नहीं,
तु सपने देकर नींदे लें जाती है
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बिना पिता के घर तथा बिना छत का घर एक सामान होता है। जहां हमें लगता है कि घर की चारो दीवारें हमारी सुरक्षा कर रही हैं लेकिन हकीकत ये है बिना छत के घर में सबसे खूबसूरत मौसम भी बहुत बुरा लगता है।आज हम सभी घर में रहते हैं है घर की देखभाल करते हैं दीवारों का ध्यान रखते हैं मगर क्या हम हमारे घर की छत का ध्यान रखते हैं ? क्या हम पिता का ध्यान रखते हैं?
बिना पिता के या बिना छत के सर्दी,गर्मी,बरसात ,बसंत सभी मौसम एकसमान लगते हैं चाहे वो कितनी ही हसीं क्यू ना हो?
सभी मौसम खुबसूरत और हसीं लगे इसलिए घर की छत होना अनिवार्य है और उसका ध्यान रखना भी तथा जिंदगी खुबसूरत करने के लिए पिता का ध्यान रखें ।
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
एक इंसान के जाने पर ,
मैंने जानना चाहा क्या खो गया है?
रिश्तेदारों ने कहा,
एक इंसान ही तो गया है ।।
क्या कर सकते हैं अब ?
मैंने समझा सिर्फ इंसां गया।।
परिचितों ने कहा,
हीरा था वो,
हीरा खो चुका है आज।।
तब जाना मैंने,
हर इंसान हीरा है यहां।।
#Bhagyashree
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
सुना है खुदा तू बहुत करिश्मा दिखाता है
दुनिया के लोगों को कठपुतली सा नचाता है
इन बैपीर लोगो को भी तु पीर बनाता है
अपने बंदों को खुबसूरत ज़हान दिखाता है
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
वो पूछते हैं जाति
क्योंकि उनका अधिकार है
नहीं ऐसा उनका भाग्य नहीं है
वो पुछते है जाति
हमें सम्मान देने के लिए ?
हमारा अपमान करने के लिए?
नहीं जनाब !
उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है
वो पूछते हैं जाति
हमें हमारी जाति याद दिलाने के लिए
हमें अस्पृश्यता सिखाने के लिए
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
सुना है खुदा तू बहुत करिश्मा दिखाता है
दुनिया के लोगों को कठपुतली सा नचाता है
इन बैपीर लोगो को भी तु पीर बनाता है
अपने बंदों को खुबसूरत ज़हान दिखाता है
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बेबुनियादी बातों से देश नहीं चला करते
प्रीति वाली बातों से युद्ध नहीं लड़ा करते
चलता है घर तब ,जब लहू भी तपता है
जिम्मेदारियों के चलते, जीवन जलने लगता है
जब कार्य होता है हकीकत में,तभी देश चलता है
शुरवीरो के शौर्य से, देश का मान बढ़ता है
इतिहास के पन्नों से देश नहीं चला करते है
समय की निरन्तरता से तो देश बना करते हैं
यूं तो बेमानी से तुम सालों राज़ कर सकते हो
क्या ईमानदारी से तुम अपनी ग़लती बता सकते हो
समय का चक्र बढ़ता है, तभी दिन बदलता है
बिना मेहनत के यहां कौन सा देश चलता है
केवल भाग्य भरोसे पर किस्मत नहीं बदलती है
सिर को झुका लेने से, मुसीबत नहीं हटती है
हकीकत नहीं बदलती ,केवल झुठे वादों से
लड़ना पड़ता है यहां संघर्षों के मैदानों में
केवल आसमान देखने तारे नहीं गिन सकते हम
किताबी आंकड़ों से गरीबी नहीं मिटा सकते हम
केवल एक कागज पर देश तो बांट सकते हो तुम
किंतु केवल नारों से क्या गरीबी हटा सकते हो तुम
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बेबुनियादी बातों से देश नहीं चला करते
प्रीति वाली बातों से युद्ध नहीं लड़ा करते
चलता है घर तब ,जब लहू भी तपता है
जिम्मेदारियों के चलते, जीवन जलने लगता है
जब कार्य होता है हकीकत में,तभी देश चलता है
शुरवीरो के शौर्य से, देश का मान बढ़ता है
इतिहास के पन्नों से देश नहीं चला करते है
समय की निरन्तरता से तो देश बना करते हैं
यूं तो बेमानी से तुम सालों राज़ कर सकते हो
क्या ईमानदारी से तुम अपनी ग़लती बता सकते हो
समय का चक्र बढ़ता है, तभी दिन बदलता है
बिना मेहनत के यहां कौन सा देश चलता है
केवल भाग्य भरोसे पर किस्मत नहीं बदलती है
सिर को झुका लेने से, मुसीबत नहीं हटती है
हकीकत नहीं बदलती ,केवल झुठे वादों से
लड़ना पड़ता है यहां संघर्षों के मैदानों में
केवल आसमान देखने तारे नहीं गिन सकते हम
किताबी आंकड़ों से गरीबी नहीं मिटा सकते हम
केवल एक कागज पर देश तो बांट सकते हो तुम
किंतु केवल नारों से क्या गरीबी हटा सकते हो तुम
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