Hindi/Urdu Poems
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तेरे  भीड़  से  एक  तिनका  कम  हो  जाए

ना तुझे कोई फर्क पड़े,ना  तुझे नजर आए

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
ऐसी किस्मत को क्या कहें की,


जवानी में तोड़ लिए गए,
लेकिन अब ये मुरझाए हुए फूल
किताबों में बहुत अच्छे लगते है।

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आरजू मुलाकात की हमने यूंही नहीं
जाया की,
हमें सफर का मंजिल पता था,
बस ख्वाहिशों पे पाबंदियां लगाई।

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
ना मिलने की उम्मीद ना ही मुलाकाते
सिर्फ बाते ही बाते,जाने कितनी रातें

#Parveen
Old
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरा नाम अपने खत में छिपा के रखना
नीले  गुलाब  से वो लफ्ज़ सजा रखना


कभी तो आऊंगी ख्वाबों में मिलने तुझसे
तकिये में वो पुरानी खुश्बू लगा के रखना


करे न कोई इशारे तेरी गजल सी आंखे
सामने रहना पर नजर झुका के रखना


चौखट से मिटा देना मेरे नक्श-ए-पा को
मेरी  परछाई  को खुद में समा के रखना


जब भी गुजरेगी कहकशा तेरी गलियों से
राह के हर पत्थर को भी सुला के रखना


रह  ना  जाए कोई  गम मेरी  मुहब्बत का
सारे गीले शिकवे दिल से मिटा के रखना


कल की तस्वीर फिर सामने न गुजर जाए
आईने को भी काजल से धुंधला के रखना


जब आए परवीन,किसी को खबर ना हो
चांद तारों और चिरागों को बुझा के रखना

#review
#Parveen

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरा नाम अपने खत में छिपा के रखना
नीले  गुलाब  से वो लफ्ज़ सजा रखना


कभी तो आऊंगी ख्वाबों में मिलने तुझसे
तकिये में वो पुरानी खुश्बू लगा के रखना


करे न कोई इशारे तेरी गजल सी आंखे
सामने रहना पर नजर झुका के रखना


चौखट से मिटा देना मेरे नक्श-ए-पा को
मेरी  परछाई  को खुद में समा के रखना


जब भी गुजरेगी कहकशा तेरी गलियों से
राह के हर पत्थर को भी सुला के रखना


रह  ना  जाए कोई  गम मेरी  मुहब्बत का
सारे गीले शिकवे दिल से मिटा के रखना


कल की तस्वीर फिर सामने न गुजर जाए
आईने को भी काजल से धुंधला के रखना


जब आए परवीन,किसी को खबर ना हो
चांद तारों और चिरागों को बुझा के रखना

#review
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
मेरा नाम अपने खत में छिपा के रखना
नीले  गुलाब  से वो लफ्ज़ सजा रखना


कभी तो आऊंगी ख्वाबों में मिलने तुझसे
तकिये में वो पुरानी खुश्बू लगा के रखना


करे न कोई इशारे तेरी गजल सी आंखे
सामने रहना पर नजर झुका के रखना


चौखट से मिटा देना मेरे नक्श-ए-पा को
मेरी  परछाई  को खुद में समा के रखना


जब भी गुजरेगी कहकशा तेरी गलियों से
राह के हर पत्थर को भी सुला के रखना


रह  ना  जाए कोई  गम मेरी  मुहब्बत का
सारे गीले शिकवे दिल से मिटा के रखना


कल की तस्वीर फिर सामने न गुजर जाए
आईने को भी काजल से धुंधला के रखना


जब आए परवीन,किसी को खबर ना हो
चांद तारों और चिरागों को बुझा के रखना

#review
#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
आरजू मुलाकात की हमने यूंही नहीं
जाया की,
हमें सफर का मंजिल पता था,
बस ख्वाहिशों पे पाबंदियां लगाई।

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जरूरी नहीं हर सवाल का जवाब मिले
जरूरी नहीं हर फूल बाग में खिले
और शायद जरूरी ये भी नहीं कि,
तपिश  सिर्फ आग से मिले।

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
एक छोटी सी शर्त

हजारों मुश्किलों में मै तुम्हारे साथ रही
शिकायत तो कुछ भी नहीं कि तुमसे
जैसा तुमने फैसला किया,हर फैसले में
मैने तुम्हारा साथ दिया,क्योंकि मैं
जानती थी,हम दोनों एक दूसरे के सहारे है,
कोई हमारे साथ नहीं,न कोई साथ देगा।

मुश्किल ऐसी आई कि छत भी नहीं रहा
सर पे,मुश्किल से रात गुजर रही थी,
दिन तो जैसे बहुत ज्यादा लंबी हो गई थी
क्योंकि धूप कोई कब तक बर्दाश्त करता
कभी कभी बारिश में कोई जरूरत की
चीज भींग न जाए,मैने खुद को भिंगाया
चीज़ें बचा ली....
पर मुश्किले टली नहीं..
मैं दूसरे घर की बेटी जिसने कभी चौखट से
बाहर बेवजह का कदम नहीं रखा
आज घर से बाहर निकल रही हूं
कभी पानी लेने,कभी कचड़े वाले गाड़ी
को देखने,तो कभी कोई जरूरत की
चीज नहीं रहती उसके लिए,
जो कभी अपने कपड़े एक से दो बार
पहन कर भिखारी, गरीब को देती
आज फटे कपड़े सिल के पहनती है
किसके लिए....

और तुम जब थोड़े अच्छे दिन आने की
उम्मीद नजर आ रही है,तुम किसी और
की चौखट पे जाकर मस्ती करते है
हा,जानती हूं तुम्हें हर किसी से बात करना
पसंद है चाहे वो लड़का हो या लड़की...
तुम्हारे इरादे सही है,तुम गलत नहीं हो
फिर भी क्या तुम्हारा किसी दूसरी औरत से
बात करना मुझे पसंद आएगा....?
मैं अगर माना करती हूं,तुम वहां मत जाओ
उससे बात मत करो,क्या मैं गलत हूं....?

तुम्हारा एक ही रॉब रहता हमेशा,
तुम गलत सोचती हो,शक करना
बंद करो बस मैं यूंही जाता हूं...
तुमने दुबारा मना किया तो गलत हो
जाएगा

फिर मैं क्या करूं......?
डर लगता है कहीं मेरे शक की वजह से
हमारा रिश्ता ना खराब हो जाए
लेकिन बर्दाश्त क्यूं नहीं होता मुझसे
ये सब.....?

फिर मैं एक शर्त रखती हूं,

तुम्हें जो करना है करो
मैं कुछ नहीं बोलूंगी
लेकिन आज के बाद मेरी उदासी
मेरी चुप्पी मेरी खुशी की फिक्र
मत करना, ना बेवजह कोई उम्मीद
रखना
क्या ये शर्त सही है......?

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कुछ तकलीफें पीछा नहीं छोड़ते,
देखते देखते शहर की तबाही मेरे
चौखट तक आ गई।

कल रात तो झाक रही थी वो
इस पतली गली से जहा वो
गली जाकर तबाही में मिलती है
इशारे कुछ समझ नहीं आ रहे
लेकिन कह रही थी शायद
कि आज रात की देर है।

उस आहट को अनसुना करके
सोते रहे चादर तान कर रात भर,
देर से नींद खुलने पे देखा कि
सुबह तो बस अभी दो से चार
कदम हुए थे।


तीन चार  घंटे क्या बीते
देखते देखते  चौखट नापने
लगी,चली आ रही थी धीरे धीरे
दबे पांव अंदर की तरफ,
आज हवा का रुख भी साथ
नहीं दे रहा ,बेमन  का
मौसम बना हुआ है,
फिर ये किसके इशारे है
कही पड़ोस वालों ने
कोई आसमान में छेद तो
नहीं कर दिया,
या हिमालय पिघल गई क्या....?

लेकिन देखना चाहती थी उस
तबाही को बहुत करीब से,
बहुत साल बाद तो ये मौका
मिला था।

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कुछ तकलीफें पीछा नहीं छोड़ते,
देखते देखते शहर की तबाही मेरे
चौखट तक आ गई।

कल रात तो झाक रही थी वो
इस पतली गली से जहा वो
गली जाकर तबाही में मिलती है
इशारे कुछ समझ नहीं आ रहे
लेकिन कह रही थी शायद
कि आज रात की देर है।

उस आहट को अनसुना करके
सोते रहे चादर तान कर रात भर,
देर से नींद खुलने पे देखा कि
सुबह तो बस अभी दो से चार
कदम हुए थे।


तीन चार  घंटे क्या बीते
देखते देखते  चौखट नापने
लगी,चली आ रही थी धीरे धीरे
दबे पांव अंदर की तरफ,
आज हवा का रुख भी साथ
नहीं दे रहा ,बेमन  का
मौसम बना हुआ है,
फिर ये किसके इशारे है
कही पड़ोस वालों ने
कोई आसमान में छेद तो
नहीं कर दिया,
या हिमालय पिघल गई क्या....?

लेकिन देखना चाहती थी उस
तबाही को बहुत करीब से,
बहुत साल बाद तो ये मौका
मिला था।

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
ये लड़के ना,,,

पूरे दिन काम और थकान के बाद भी आधे घंटे के वक्त में भी चैन की सांस ले लेते है
खुद को खुश कर लेते है,क्योंकि
वो आजाद है,गली के किसी कोने में
एक छोटी सी ख़ुशी मिल ही जाती रोज ।


और लड़किया पूरे दिन में फुर्सत के लाखों
लम्हों में भी एक खुशी नहीं ढूंढ पाती
क्योंकि,घर के हर कोने काटने दौड़ते मानो
इन दीवारों की बाहर की दुनिया जहा
उस गली में एक छोटी सी खुशी रोज
बिकती है,वो हमारे नसीब में कहां


#Parveen #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तकलीफ़ में साथ थे,उस वक्त नजर में कोई
दूसरा न था
तकलीफें कम होती गई,नजरें भी बदलती
गई

ख्वाहिश,,,

पूरी जिंदगी तकलीफ में रहूं

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
खुला आसमान है,फिर भी हम कैद है

अब आंगन की दीवारें  ऊंची हो गई है

#Parveen
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बिखरे फूलों को पलकों से उठाने को कहो
ये जो नाराज़ हो तो, खुशबू बिखर जाएंगे,

जाम इन होंठो से और पिलाने को कहो
होश आया तो, फिर नशा उतर जायेंगे ।

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जमाने के नजर को नजरअंदाज करके

आज पहला कदम किसी ने गली में रखा है

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
खुला आसमान है,फिर भी हम कैद है

अब आंगन की दीवारें  ऊंची हो गई है

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तकलीफ़ में साथ थे,उस वक्त नजर में कोई
दूसरा न था
तकलीफें कम होती गई,नजरें भी बदलती
गई

ख्वाहिश,,,

पूरी जिंदगी तकलीफ में रहूं

#Parveen
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
बिखरे फूलों को पलकों से उठाने को कहो
ये जो नाराज़ हो तो, खुशबू बिखर जाएंगे,

जाम इन होंठो से और पिलाने को कहो
होश आया तो, फिर नशा उतर जायेंगे ।

#Parveen
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