Hindi/Urdu Poems
6.64K subscribers
56 photos
3 videos
3 files
9.31K links
Hindi/Urdu Poetry Collection.
Adding some stories too :D

Our Groups
@HindiPoetry
@WritersClub

Channels:
@ThePeepTimes
@WritersCafe
@CopywritersDesk
@WritersDirectory

More:
🌐 @tgWeBot | @BigBrandTree
Download Telegram
रात के एक पहर में ,
अकेले छत पर जाकर बैठ के देखना,
मन में चल रही हज़ार ख्यालों को,
क्षण भर का आराम मिल जाएगा ,
तू देखना उस जगह को जहा ,
शांति से व्यतीत हो रही रात,
एक हल्की से हवा पूरे मन को ,
सही कर देती,
एक नई ऊर्जा और विश्वास लाती,
और खुद से बात करने का ,
थोड़ा समय देते ,ये व्यस्त संसार से ....

#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
खुद को उलझा के हर रोज रखती हूं,
उसकी यादों से हर रोज भागती हूं,
लेकिन कैसे करूं,
सामना अपने आप से ,
जो शीशे में देख सजती थी उसके लिए,
वो अब खुद को बार बार समझाती है,
खुद को संभाल के रखना , अपने आशु को छुपा के रखना,
ये ज़िंदगी जीना भी कितना कठिन हो जाता,
अब रहता और बाते करता किसी और से..
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
उलझनों से भरी ज़िंदगी में,
बस नाम वाम की खुशी है,
यूं तो गम बार बार मुस्कुराते है,
अपनो से फासले बढ़ते जाते है,
बस ठहर गई हूं अब,
थम सी गई है जिंदगी,
कोई दिख तो नही रहा,
अब बस खुद को समझाना बाकी है
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
उलझनों से भरी ज़िंदगी में,
बस नाम वाम की खुशी है,
यूं तो गम बार बार मुस्कुराते है,
अपनो से फासले बढ़ते जाते है,
बस ठहर गई हूं अब,
थम सी गई है जिंदगी,
कोई दिख तो नही रहा,
अब बस खुद को समझाना बाकी है
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
रात क्या हुई, यादों की बौछार हुई,
ना समझी समझ में आखों आंसुओं की बाढ़ आई,
दिल में घबराहट महसूस क्या हुई ,
दिमाग ने उसकी यादों की एक बार फिर अर्जी लगा आई,
रात क्या हुई , यादों की बौछार हुई
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
रात क्या हुई, यादों की बौछार हुई,
ना समझी समझ में आखों में आंसुओं की बाढ़ आई,
दिल में घबराहट महसूस क्या हुई ,
दिमाग ने उसकी यादों की एक बार फिर अर्जी लगा आई,
रात क्या हुई , यादों की बौछार हुई
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
#मैं रहूं काशी में, मन को बना लूं मैं गंगा, यूं तो सब चले गए, लेकिन महादेव है, तो कोई परवाह नही मन में..


#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
तुम रखो पुड़िया के रंग जेब में,
मैं घोल तैयार रखूं,
तुम निकालो पुड़िया के रंग जब तक,
मैं तुम पर रंगो का रंग डाल दूं,
तुम बच के , फिर आओगे रंग लगाने,
मैं तुमको हाथ ना आऊं,
तुम आना रंग लेके मै,
एक बार फिर तुम्हारे साथ होली मनाऊं,
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
इस होली में,
न जाने कितने लोग को माफ़ किए,
पर तुमने क्या गलती की,
जो अब तक दिल से उतरे के उतरे ही रह गए
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
वो समझ ना सका मेरी चुप्पी को,
क्या वो यही जानता था मुझे,
मैं बोल ना पाई अपनी बातो को,
क्या मैं उसको ये बताने में भी
डरती रही,
नही बता रही अपनी तकलीफ़,
जो उसकी आदतें मुझे देती रही,
हर बार एक नई उम्मीद के साथ उसके पास जाती,
और मुझे वो हर बार अपनी बातो से चोट पहुंचा देता,
क्या मैं उसके हिसाब से खुद को ढाल नहीं पाई,
या वो मुझे अब तक समझ नहीं पाया....
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
वो समझ ना सका मेरी चुप्पी को,
क्या वो यही जानता था मुझे,
मैं बोल ना पाई अपनी बातो को,
क्या मैं उसको ये बताने में भी
डरती रही,
नही बता रही अपनी तकलीफ़,
जो उसकी आदतें मुझे देती रही,
हर बार एक नई उम्मीद के साथ उसके पास जाती,
और मुझे वो हर बार अपनी बातो से चोट पहुंचा देता,
क्या मैं उसके हिसाब से खुद को ढाल नहीं पाई,
या वो मुझे अब तक समझ नहीं पाया....
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
यूं थाम पल को हम,
उसके साथ खुद को सजो रहे थे ,
वो ना जाने कहा गए,
हम सिर्फ खुद की गलती खोज रहे थे,
अब आया समझ की,
गलती उनकी नही,
वो तो अपनी फितरत का रंग दिखाए ,
गलती मेरी है,
जो जान से भी ज्यादा हम उनको अपना मान चुके थे
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
अपनो की उम्मीद को खुद का सपना बना डाला,
अब तो रुकना नहीं,
बस बचा है करके दिखाना,
साहस और हिम्मत कम हो ना कभी मेरे,
ये सोच बस बचा है सपना पूरा करना अपना,
सजा लिए सपने,
बना ली हिम्मत,
अब बाकी है तो सिर्फ
कड़ी मेहनत और लगन
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
बनारस की, गंगा की धारा जैसे
मन के बाते भी उमड़ रही,
घाट घाट बैठ ,
लहरों को देखा है,
देख उसको खुद को तसल्ली मिलते जाना है,
मन की विचारों पर अब रोक लगाना है,
लहरों के जैसे
अब सिर्फ बनारस में खो जाना है
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
न जाने ये उम्र का दोष या समय की चाह है,
हम सबसे दूर हो रहे ये किसकी चाह है,
यूं तो दिख रहे सब साथ मेरे,
लेकिन हाथ थामे तो सिर्फ अपने की मां बाप है
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
न जाने ये उम्र का दोष या समय की चाह है,
हम सबसे दूर हो रहे ये किसकी राह है,
यूं तो दिख रहे सब साथ मेरे,
लेकिन हाथ थामे तो सिर्फ अपने की मां बाप है
#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
पैरो तले जब जमीन हटी,
हटे आखों से परदे,
दिखने लगे अपने पराए,
पर ना दिखे खुद के सपने,
खो चुकी थी इतना मैं,
दूसरो की बातो में,
खुद को पहचाना भूल गई,

#singhayushi
#review

🔗 View Post in Group
उम्मीदें अगर टूटे तो अपना भी दिल से उतर जाता है,
वक्त नहीं लगते उसके भी रंग दिख जाता है,
फिर भी हम अपने दिल को मनाकर के क्यों रहते है साथ उसके,
क्यों नही छोड़ देते वहीं उसका हाथ,
अरे क्यों लड़किया इतना सोच के भी चुप , साथ रहती,
जब की लड़के ऐसा तो थोड़ा भी नहीं सोचते ऐसे ख्याल
#singhayushi.
#review

🔗 View Post in Group
अनजान रास्तों पर चलना सही क्या,
देखते हुए दूसरो को , अपने सपने बदल देना ठीक क्या,
ना समझा पाना घर वालो को,
ना बता पाना अपने लोगो को,
ये भावना सही क्या,
हर वक्त फसी रह गई अपने पराए में ,
साथ ना दिया दोनो ने,
चलना पड़ा मुझे अकेले ,
अब कोई ना रहा साथ मेरे
#singhayushi.
#review

🔗 View Post in Group
आखों के सपने,
आंखों ने बड़े ही वफादारी से देखे,
फर्क अब ये आ रहा,
की मेरी मेहनत ने,
उसमे रंग भरने में कमी ला दी
#Singhayushi
#review

🔗 View Post in Group