क्या है बनारस?
इतिहास की पहचान बनारस।
काशी विश्वनाथ से प्रसिद्ध महामोक्क्ष तीर्थ स्थान बनारस।
श्रृष्टि से अलग, शिव के त्रिशूल पर टिकी यही पंच्चकोसी हमारी प्राण बनारस।
अस्सी से मणिकर्णिका तक में मिल जाता जीवन का सार्थ बनारस।
सुकून की शाम बनारस, मोक्क्ष का द्वार बनारस।
गंगा भी जहाँ उलटी बहे ऐसी हमारी शान बनारस।
यहाँ के कण-कण में बसे शिव संग पार्वती नाम बनारस।
हर गली में मिलता यहाँ पान हो या भांग बनारस।
घाट-घाट गंगा संग गाती यहाँ एक राग बनारस।
पुराणो का साक्षात प्रमाण बनारस।
मौत भी जहाँ हस्स-उल्लास से मनाई जाए ऐसी यहाँ की पहचान बनारस।
यमदूत भी आने से थर-थर कपकपाए ऐसी हे यहाँ महाश्मशान बनारस।
समस्त देवी-देवता आकर दिप जलाए ऐसा महापुण्य स्थान बनारस।
मृतक के लिए एक वरदान बनारस।
जिवित के लिए है अमरीतपान बनारस।
पापो के पाप का जहाँ अंत हो ऐसा एक स्थान बनारस।
काल भैरव हो जहाँ कोतवाल और रहते हो स्वंय महाकाल वही है हमारी जान बनारस।
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#review
#Banarasiya 🥀
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इतिहास की पहचान बनारस।
काशी विश्वनाथ से प्रसिद्ध महामोक्क्ष तीर्थ स्थान बनारस।
श्रृष्टि से अलग, शिव के त्रिशूल पर टिकी यही पंच्चकोसी हमारी प्राण बनारस।
अस्सी से मणिकर्णिका तक में मिल जाता जीवन का सार्थ बनारस।
सुकून की शाम बनारस, मोक्क्ष का द्वार बनारस।
गंगा भी जहाँ उलटी बहे ऐसी हमारी शान बनारस।
यहाँ के कण-कण में बसे शिव संग पार्वती नाम बनारस।
हर गली में मिलता यहाँ पान हो या भांग बनारस।
घाट-घाट गंगा संग गाती यहाँ एक राग बनारस।
पुराणो का साक्षात प्रमाण बनारस।
मौत भी जहाँ हस्स-उल्लास से मनाई जाए ऐसी यहाँ की पहचान बनारस।
यमदूत भी आने से थर-थर कपकपाए ऐसी हे यहाँ महाश्मशान बनारस।
समस्त देवी-देवता आकर दिप जलाए ऐसा महापुण्य स्थान बनारस।
मृतक के लिए एक वरदान बनारस।
जिवित के लिए है अमरीतपान बनारस।
पापो के पाप का जहाँ अंत हो ऐसा एक स्थान बनारस।
काल भैरव हो जहाँ कोतवाल और रहते हो स्वंय महाकाल वही है हमारी जान बनारस।
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मुद्दत बाद जहन में इख्तियार-ए-लफ्ज आया
आँखे नम हुई तब जाके इनमे कोई रंग आया
ऐ "बनारसिया" छोड़ दे जिद्द ये दुनिया क्या समझेंगी
जिसने तुझे प्यार किया जब वही नही समझ पाया
तरबतर भटक रहा है तू वो गलिया है इश्क वालो की
बनारस की गली नही जहाँ तू गया और भटक आया
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ऐ "बनारसिया" छोड़ दे जिद्द ये दुनिया क्या समझेंगी
जिसने तुझे प्यार किया जब वही नही समझ पाया
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बनारस की गली नही जहाँ तू गया और भटक आया
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