Hindi/Urdu Poems
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Hindi/Urdu Poetry Collection.
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वो जो पूछ ले की हमारी उम्र क्या है
हम भी कह दे हमे गुजरे अर्सा हो गया।

गम ये नही की वो पूछती नही की हमारी उम्र क्या है

सितम ये है की वो जानती है की हमे गुजरे अर्सा हो गया।

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#Banarasiya 🥀

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आपकी रूह मे शामिल हुआ करते थे कभी हम, अब हमसे क्या छिपाती है आप।

आपके सबसे प्रिय शख्स थे कभी हम, क्या लोगो को अब भी यही बताती है आप।

उम्र ढल रही है हर रोज, एक दिन आएगा फिर शाम नही होगी।

मर्ज के दवा का हम क्या करे, हिज्र कुछ ऐसे हुआ कि अब वस्ल की रात नही होगी।

आपका इस कदर जाना बता रहा अब फिर कभी मुलाकात नही होगी।

शिकायते, शिकवे, गिले क्या करे हम आपसे अब इनका कोई जोर नही चलता।

आप तो चली गई बेवफाओ के शहर की ओर, पर हमारा दिल प्यार के शहर की ओर नही चलता।

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#Banarasiya 🥀

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दर्द को जुबान नही मिलता
मुर्दे को मुराद नही मिलता

पीने के लिए मयखाने तो मिल जाते है
मगर पिलाने वाला यार नही मिलता

जख्म हजार मिलते है हर दिन
मगर देने वाला हथियार नही मिलता

शायर को कलम नही मिलती जैसे
ख़ामोशी से अल्फाज नही मिलता

वो मिलती थी मुझसे जैसे
दिन से कभी रात नही मिलता

महबूब के लिबास पर कोई नकाब नही मिलता
जैसे ईद के चांद पर कोई दाग नही मिलता

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आंखे खोलो तो गंगा की घाट मगर इन्हे बंद करो तो तुम ही तुम नजर आती हो

ये कोई साजिश है महादेव की या विधि का विधान समझो जहां अंत में किसी इक का होना होता

अब तो इस कशमकश में रहना लाज़मी है "बनारसिया", कि आंखे खोली जाए या बंद की जाए

अजब ये कि गंगा की लहरे यकसर याद दिलाती है तुम्हारी और तुम्हारे अश्को की लहर गंगा की

इस कहानी के किरदार कई हुए लेकिन गवाह सिर्फ इक गंगा खुद अब भला गंगा से कैसा बैर

उस शाम मेरे हर कदम गंगा की तरफ थे और हमने बाहें खोल कर गंगा को गले लगा लिया

तो फैसला ये हुआ की आंखे खोलो तो गंगा की घाट मगर इन्हे बंद करो तो तुम ही तुम नजर आती हो

~ बनारसिया

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#Banarasiya 🥀

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आंखे खोलो तो गंगा की घाट मगर इन्हे बंद करो तो तुम ही तुम नजर आती हो

ये कोई साजिश है महादेव की या विधि का विधान समझो जहां अंत में किसी इक का होना होता

अब तो इस कशमकश में रहना लाज़मी है "बनारसिया", कि आंखे खोली जाए या बंद की जाए

अजब ये कि गंगा की लहरे यकसर याद दिलाती है तुम्हारी और तुम्हारे अश्को की लहर गंगा की

इस कहानी के किरदार कई हुए लेकिन गवाह सिर्फ इक गंगा खुद अब भला गंगा से कैसा बैर

उस शाम मेरे हर कदम गंगा की तरफ थे और हमने बाहें खोल कर गंगा को गले लगा लिया

तो फैसला ये हुआ की आंखे खोलो तो गंगा की घाट मगर इन्हे बंद करो तो तुम ही तुम नजर आती हो

~ बनारसिया

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कैसी बद-हाली की उससे नफरत हो
मै निकलू उसके दामन से गर उसकी इजाजत हो

हो हुकूमत दिल गली में उसकी
मगर कूचा-ए-इश्क में उसके नाम की दहसत हो

क्यो लेता हूँ बेसबब नाम तेरा
क्या अब तुम फकत मेरे लबो की आदत हो

कुछ भी तो नही है अब बाकी मुझ में
जो कुछ भी रह गया है यकीनन तुम थी तुम हो

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तमने जो ली चुस्की, कुल्हण वाली चाय और अल्हड़ बनारसी में तकरार हो गई ।

शाम-ए-समा बना मय-कदा और कमबख्त वो कुल्हण वाली चाय शराब हो गई ।

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
साधु-संत, संन्यासी इन्ही गलियो-घाटो से प्रित लगा कर सभी पारस हो गए

अल्हड़ सी थी चाहत हमारी उसी चाह में हम भी शुबह-ए-बनारस हो गए

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जो बाकी रहे शेर-ओ-नग्मे वो अपने दामन से बांध ले गई, जो थी शब-ए-हिजरत की सौगात वो दिल-सिताँ अपने साथ ले गई

मैने चुना सावन तो वो बैशाख ले गई, उसकी कज-कुलाही ऐसी उसने खनकाई पायल और बारिश व बरसात ले गई

मैने चाहा शुबह-ए-बनारस तो वो अवध की शाम ले गई, मै बना अल्हड़ बनारस तो वो अविरल गंगा की धार ले गई

मैने शिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ से मांगी उसके लिए खुशियां, वो नवरात्री में माँ दुर्गा से "बनारसिया" मांग ले गई

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
जब देख रहे होंगे सभी तेरी मौत का मंजर

जलाकर अहम् सबका नाच रहे होंगे मेरे भोले शंकर

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
कमर पर बांधे शस्त्र और पहने हुए है शाड़ी
रण में मृत्यु बन लंलकार रही वो भारतीय नारी

इस धरा खातिर ना जाने कितनो का संहार किया
बहाया लहू और फिर इस धरा को भी कर्जदार किया

मर्दो की छाती चीर कर उसने रक्त से अपना शृंगार किया
मौत की आगोश में सोकर भी उस मर्दानी ने नाम किया

मणिकर्णिका से उठी थी वो धधकती चिंगारी
जो फिर जाकर कहलाई झाँसी वाली रानी

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
तेरे धड़कनो से निकली हुई तरंग तेरी मोहब्बत के तराने सजाएंगे

तेरे अफ़साने बनकर समा तेरी महफिल के परवाने सजाएंगे

उम्र भर सजाया है तूझे आईने ने अब तेरे चाहने वाले सजाएंगे

आईना भी आएगा देखने 'बनारसिया' जब तेरे चाहने वाले तेरे जनाजे सजाएंगे

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
किसी का दिल जले तो दर्द-ए-सुखन से आग बुझा कर देखिए

कभी बैठिए मरघट पर और चिलम से धुआ उड़ा कर देखिए

जो भी देखे आपको शरमा कर आप उसे नजरे झुका कर देखिए

हसीनो के पास इशारे के तरीके और भी है कभी कंगन खनका कर देखिए

जिनके दिल में दिखे मोहब्बत, उनके लहजे, बातें, आंखे देखिए

लहरो पर कश्ती बहती देखी है आपने कभी लहरो को कश्ती डुबाते देखिए

गंगा में दिया जलाकर देखने वाले कभी इक लहर को दिया बुझाते देखिए

'बनारसिया' जिस शख्स में दुनिया दिखा आपको उसी को आपकी दुनिया जलाते देखिए

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
हम आंखो से करते है दरिया-ए-इश्क रवाँ हम लबो से नग़्मा-ए-इश्क नही कहते

गुस्ताख दिल कहता है हमसे जनाब आप उनका नाम दिल से नही कहते

कुछ तो फर्क है वो आपको अपना नही कहती, आप उन्हे पराया नही कहते

हसीन है दिल गली का रास्ता इस पर चलने वाले, इस पर चलने को नही कहते

सबसे दिल लगाने वालो का मशवरा है इक गली की बात दूसरी गली में नही कहते

इन गालियो में मिलते होंगे आशिक तमाम, 'बनारसिया' इनमे मिली खैरात को मोहब्बत नही कहते

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
हम आंखो से करते है दरिया-ए-इश्क रवाँ हम लबो से नग़्मा-ए-इश्क नही कहते

गुस्ताख दिल कहता है हमसे जनाब आप उनका नाम दिल से नही कहते

कुछ तो फर्क है वो आपको अपना नही कहती, आप उन्हे पराया नही कहते

हसीन है दिल गली का रास्ता इस पर चलने वाले, इस पर चलने को नही कहते

सबसे दिल लगाने वालो का मशवरा है इक गली की बात दूसरी गली में नही कहते

इन गलियो में मिलते होंगे आशिक तमाम, 'बनारसिया' इनमे मिली खैरात को मोहब्बत नही कहते

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
गर हो शब-ए-वस्ल की रात, तो नही किया करते शब-ए-हिज्र की बाते

जो लेकर आए एक-आद बात का बहाना, कर लिजिए उनसे दुनिया-जहान की बाते

तारे उन आशिकों को देखकर हसते होंगे, जो करते थे तारे तोड़ लाने की बाते

आस्मां से कोई आवाज़ नही आता, चांद तारे नही करते कभी एक-दूजे से बाते

अफ़ीम के तरह होती है मोहब्बत, इसे खाने वाले युही नही करते मुस्कराकर बाते

हमारा हाल जानना हो तो आइए हमारे घर और करिए उन चार दीवारो से बाते

आपसे अच्छी आपकी यादे है, रोज वक्त पर आती है करने आप ही की बाते

धड़कने युही नही धड़कती मेरी जां, इक दिल इसी जरिए करता है दूसरे दिल से बाते

जिसे भी शिकायत हो खुद से, वो खड़े हो आईने के सामने और सुने आईने की बाते

उनसे कहिये जब तक 'बनारसिया' जिंदा है कर लिया करे बात, मुर्दे नही किया करते बाते

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
गर हो शब-ए-वस्ल की रात, तो नही किया करते शब-ए-हिज्र की बाते

जो लेकर आए एक-आद बात का बहाना, कर लिजिए उनसे दुनिया-जहान की बाते

तारे उन आशिकों को देखकर हसते होंगे, जो करते थे तारे तोड़ लाने की बाते

आस्मां से कोई आवाज़ नही आता, चांद तारे नही करते कभी एक-दूजे से बाते

अफ़ीम के तरह होती है मोहब्बत, इसे खाने वाले युही नही करते मुस्कराकर बाते

हमारा हाल जानना हो तो आइए हमारे घर और करिए उन चार दीवारो से बाते

आपसे अच्छी आपकी यादे है, रोज वक्त पर आती है करने आप ही की बाते

धड़कने युही नही धड़कती मेरी जां, इक दिल इसी जरिए करता है दूसरे दिल से बाते

जिसे भी शिकायत हो खुद से, वो खड़े हो आईने के सामने और सुने आईने की बाते

उनसे कहिये जब तक 'बनारसिया' जिंदा है कर लिया करे बात, मुर्दे नही किया करते बाते

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
पतवार छेठे गंगा तो नौका पार लगे

उ जो छेठे डमरू तो दरिया पार लगे

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पतवार छेठे गंगा तो नौका पार लगे

उ जो छेठे डमरू तो दरिया पार लगे

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧
दो जहाँ के बिच
फर्क सिर्फ सांस का है

चल रही है तो यहाँ
रुक गयी तो वहाँ

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