इसरो का GSLV-MK3 रॉकेट 4,000 किलोग्राम से अधिक का पेलोड नहीं उठा सकता है। इसलिए, इसरो को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट का उपयोग करके 4,700 किलोग्राम वजनी GSAT-20 उपग्रह को प्रक्षेपित करना होगा। फाल्कन-9 रॉकेट 8,300 किलोग्राम तक का पेलोड उठा सकता है।
ISRO अब अगली पीढ़ी के Next Generation Launch Vehicle (NGLV) को विकसित कर रहा है, जिसमें 10,000 किलोग्राम तक का पेलोड उठाने की क्षमता होगी।
GSAT-20 उपग्रह में करीब 48 Gbps की एचटीएस क्षमता है। यह उपग्रह दूरस्थ/असंबद्ध क्षेत्रों में संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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