Inspiring Thoughts
32K subscribers
924 photos
3.7K videos
97 files
968 links
Welcome to Inspiring Thoughts Channel for Powerful , Inspiring, Motivational Messages, Audios, and Videos.

📚 @InspiringThoughts
Download Telegram
This media is not supported in your browser
VIEW IN TELEGRAM
The life of a bodyguard.

Just some shots illustrating Lionel #Messi's bodyguard Yassine #Chueko at work.

He has:

Focus
Perfection
Attention
Responsibility
Care Taking

an excellence in our profession, we can also practice all.
This media is not supported in your browser
VIEW IN TELEGRAM
PM Sri Narendra Modi on his Russia Tour.. The Prez Driving on his own to take the Leader.
"The air goes out of the balloon much faster than it went in if the balloon is pressurized."

It takes a lot of courage to stay positive only then u fly. Push negativity backwards to climb up
Don't give up on your dreams, no matter how tough the journey gets. Keep believing in yourself and your capabilities, and always stay open to learning and growth
*The primary difference between high achievers and low achievers is action orientation. Men and women who accomplished tremendous deeds in life are intensely action oriented.*

उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वालों और कम उपलब्धि प्राप्त करने वालों के बीच मुख्य अंतर क्रिया (कार्रवाई)अभिमुखता है। जीवन में महान कार्य करने वाले पुरुष और महिलाएं अत्यधिक कार्रवाई उन्मुख होते हैं।

हरे कृष्ण 😊
एक बार फिर से सेना के विरुद्ध खड़ी हो गई है कांग्रेस


एक अग्निवीर सैनिक की मृत्यु पर उनके परिवार को दिए जाने वाले पैसे के मामले पर कांग्रेस ने इतना जहरीला झूठ बोला कि खुद सेना को सामने आ कर उसका खंडन करना पड़ा।

आप सोचिये... यह कितनी बड़ी बात है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा संसद में एक बहुत बड़ा झूठ बोला गया, वह भी इतने संवेदनशील मामले पर... जिसमें सरकार, रक्षा मंत्रालय और सेना को लपेटा गया... और अंततः सेना को खुद इस झूठ को उजागर करने के लिए सामने आना पड़ा।

आपको लगा होगा यह पहली बार हुआ है... लेकिन ऐसा है नहीं। आज कांग्रेस सेना के सम्मान के लिए हल्ला मचा रही है... लेकिन सच जानते हैं क्या है?

कांग्रेस ने आजादी के बाद जिस संस्था को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, जिस संस्था को सबसे ज्यादा बेइज्जत किया है... वह है भारतीय सेना।

चलिए आपको बताते हैं कुछ अनजान किस्से... जो शायद आपको नहीं पता हों... कैसे और कहाँ कांग्रेस ने सेना के सम्मान को तार तार किया है।

तीन मूर्ति भवन तो आपने सुना ही होगा... यह 1930 में बन कर तैयार हुआ था... इसका नाम था फ्लैग स्टाफ हाउस... जिसे तत्कालीन भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ के लिए बनाया गया... यानी तब के सेना अध्यक्ष के लिए।

और जैसे ही आजादी मिली... नेहरू जी धड़धड़ाते हुए इस 30 एकड़ के विशाल भवन में घुस गए और इसे अपना घर बना लिया... सेना को तुरंत बाहर निकाल दिया गया।

उसके बाद यहाँ नेहरू मेमोरियल बना दिया, प्लेनेटरियम बना दिया, लाइब्रेरी बना दी, म्यूजियम बना दिया... कुल मिलाकर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया।

वो तो भला हो मोदी का... जिन्होंने इस सम्पत्ति को नेहरू गाँधी परिवार के चंगुल से निकाला... और इसे अब प्रधानमंत्री संग्रहालय बना दिया गया है... जहाँ सभी प्रधानमंत्रियों के काम के बारे में बताया जाता है।

आजादी के पहले हमारे देश के जितने भी सैनिक मारे गए थे युद्ध में... उनके लिए इंडिया गेट बनाया गया था... लेकिन उसके बाद बलिदान हुए सैनिकों के लिए कुछ नहीं था... 50-60 के दशक से ही सेना एक वॉर मेमोरियल बनाने की मांग करती आई थी... जिसे कांग्रेस सरकार ने कभी नहीं माना।

इस काम के लिए भी मोदी जी ही आगे आये और वॉर मेमोरियल बनवाया।

हमारे प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी तो सेना को कभी चाहते ही नहीं थे... उनके हिसाब से भारत जैसे शांतिप्रिय देश को सेना नहीं चाहिए... इतना भारी भरकम खर्च नहीं करना चाहिए... उनकी इसी सोच के कारण उनके सेना के साथ सम्बन्ध अच्छे नहीं रहे।

आजादी के बाद भारतीय सेना का नेतृत्व करने के लिए तीन बड़े अफसर तैयार थे... जिनमें से एक थे तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा... लेकिन नेहरू जी ने चुना था जनरल रॉय बुचर को... जो जनवरी 1949 तक भारतीय सेना के चीफ रहे।

भारत के फील्ड मार्शल करियप्पा के साथ भी नेहरू जी ने कोई अच्छा व्यवहार नहीं किया। जब 1947-48 में पाकिस्तान के साथ लड़ाई हुई तो नेहरू जी UN पहुंच गए, जबकि 2-3 दिन और लड़ाई चलती तो POK, गिलगित बल्टीस्तान भारत के पास होते।

जब तत्कालीन जनरल करियप्पा ने इस बारे में नेहरू जी से पूछा, तो उन्हें दुनिया जहाँ की राजनीति का ज्ञान मिला।

1951 में जब NEFA, जिसे हम अरुणाचल प्रदेश के नाम से जानते हैं... वहाँ कुछ चीनी सैनिक पकड़े गए थे, जिनके पास से कुछ आपत्तिजनक नक़्शे और जानकारियां मिली थी... जनरल करियप्पा ने यह बात जब नेहरू जी को बताई... तो उन्हें यह कह कर चुप करा दिया गया, कि अब क्या तुम हमें बताओगे कि हम किसे अपना दोस्त समझें और किसे दुश्मन।

यह सारी जानकारियां फील्ड मार्शल करियप्पा के बेटे एयर मार्शल केसी करियप्पा ने उनकी बायोग्राफी में लिखी हैं।

नेहरू जी ने फील्ड मार्शल करियप्पा के साथ बहुत खेल किये... उन्हें परेशान किया... उनकी सिफारिश नहीं मानते थे... और जब वह इस्तीफ़ा देने को कहते थे तो टाल मटोल करते थे।

ऐसे ही नेहरू जी ने जनरल थिमैया जी के साथ किया... उन्हें गुस्सा हो कर इस्तीफ़ा देने को कहा... और कुछ ही घंटे बाद वापस लेने को कहा।

1962 के युद्ध में भी नेहरू जी ने अपने मनमुताबिक लोगों को युद्ध की अगुवाई करने को कहा... जनरल थापर... जो करण थापर के पिता हैं... और रोमिला थापर जिनकी भतीजी थी... उन्हें आगे बढ़ाया।

और परिणाम क्या मिला, आपको पता ही है।

भारत द्वितीय विश्व युद्ध के समय तक दुनिया के बड़े रक्षा उत्पाद देशों में आता था... मित्र देशों के लिए हमारी आयुध कारखानों से हथियार बन कर जाते थे...

लेकिन नेहरू जी और उनके मित्र रक्षामंत्री मेनन के अनुसार तो यह सब बेकार था... उन्होंने आयुध कारखानों में हथियार की जगह चीनी मिट्टी के बर्तन... छोटे मोटे उपकरण बनवाने शुरू किये और सेना से सम्बंधित चीजें, जैसे कपड़े, जूते, मोज़े तक बनाने बंद कर दिए... और जब 1962 में युद्ध हुआ, तो हमारे पास गोलियां नहीं थीं...
सैनिकों के लिए कपड़े नहीं थे... सर्दी से बचाव के लिए कपड़े नहीं थे... जूते मोज़े तक नहीं थे।

1971 का युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सबसे बड़े युद्ध में से एक था... और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाना तो बहुत बड़ा कारनामा था... जो आधुनिक इतिहास में अनूठा था। ऐसे कारनामें करने वाली आर्मी को मान सम्मान, पैसा मिलना चाहिए था... लेकिन मिला क्या?? आर्मी की OROP बंद कर दी गई।

हमारे देश के हीरो, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को कई सालों तक सैलरी और अन्य भत्ते नहीं दिए गए... इन चीजों के लिए उन्हें लड़ना पड़ा... और बाद में उनकी मृत्यु से कुछ ही समय पहले उन्हें यह पैसा दिया गया था।

उनकी मृत्यु पर तत्कालीन केंद्रीय सरकार ने एक रक्षा राज्यमंत्री को भेजा... अन्य कोई मंत्री नहीं गया था... उनके अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और यहाँ तक की तीनों सशस्त्र बल चीफ में से कोई नहीं गया।

मानेकशॉ जी हमारे देश के सबसे बड़े हीरो में से एक रहे हैं... उनका कैसा सम्मान किया वो आप देख लीजिये।

राजीव जी तो और भी आगे निकले... कहा जाता है कि भारतीय शांति रक्षा सेना को अपने अहंकार संतुष्टि के लिए श्रीलंका भेज दिया... कश्मीर जैसे ऊँचे इलाके और मैदानी इलाकों में तैनात सैनिकों को रातों रात जाफना के घने अँधेरे जंगलों में भेज दिया गया... वो भी गुरिल्ला आतंकवादियों LTTE से लड़ने के लिए।

कभी समय हो तो जाफना विश्वविद्यालय हेलिड्रॉप के बारे में पढ़ियेगा... माना जाता है कि बिना किसी तैयारी और बेकार ख़ुफ़िया तंत्र के कारण हमारे 36 सैनिक मारे गए।

जब हमारे सैनिकों को हेलीकाप्टर से जाफना विश्वविद्यालय में ड्रॉप किया गया... तब तक उन्हें चारों तरफ से घेर लिया गया था... और उसके बाद LTTE वालों ने उन्हें गोलियों से छिन्न भिन्न कर दिया था... एक एक सैनिक के शरीर में पचासों गोलियाँ पाई गईं थीं... इसी से समझ लीजिये यह कैसा ऑपरेशन हुआ होगा।

कारगिल युद्ध से पहले तो हमारे सैनिकों के शव वापस घर भेजने की व्यवस्था ही नहीं होती थी... डेड बॉडी के दर्शन नहीं होते थे परिवार को।

कारगिल युद्ध में पहली बार यह सुनिश्चित किया गया कि बलिदान हुए सैनिकों के परिवारों को उनकी डेड बॉडी तो मिलें... साथ ही कारगिल युद्ध के बाद ही मृत सैनिकों के परिवारों के लिए क्षतिपूर्ति रकम बढ़ाई गई... कई तरह की सहूलियत दी गई... बच्चों के लिए स्कूल कॉलेज में आरक्षण आदि दिया गया... परिवार को पेट्रोल पंप देने की व्यवस्था की गई।

इस रकम को मोदी सरकार के आने के बाद और बढ़ाया गया।

कांग्रेस को पसंद नहीं था कि मृत सैनिकों के शव उनके परिवारों को मिले... इसलिए कांग्रेस ने ताबूत घोटाले का हौवा खड़ा कर दिया... जॉर्ज फर्नांडिस जैसे बेहद ईमानदार नेता पर लांछन लगाया... और वह कई साल इस दाग़ को मिटाने के लिए लड़ते रहे...

अंततः सुप्रीम कोर्ट ने सारे आरोप नकारे... लेकिन तब तक फर्नांडिस जी शारीरिक रूप से अक्षम हो चुके थे... उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था... वह अपने ऊपर लगे इस दाग़ को मिटने की ख़बर को समझे बिना ही दुनिया से चले गए।

भारतीय सेना के CAOS को गली का गुंडा कहने वाला भी एक कांग्रेसी नेता ही था... शीला दीक्षित का बेटा संदीप दीक्षित।

CAOS वीके सिंह को बदनाम करने वाले... और उन पर तख्तापलट करने का आरोप लगाने वाले भी कांग्रेस इकोसिस्टम के लोग थे।

उरी की सर्जीकल स्ट्राइक, बालाकोट की सर्जीकल स्ट्राइक का पाकिस्तान से ज्यादा मजाक कांग्रेस वालों ने ही उड़ाया।

चीन के साथ कभी भी झड़प होती है... तो कांग्रेस और उसका पूरा इकोसिस्टम भारतीय सेना को बदनाम करने के लिए खड़ा होता है। कोई कहता है चीन 1000 किलोमीटर अंदर आ गया... कोई कहता है हमारे जवान निकम्मे हैं।

हमारे देश के प्रथम CDS, जनरल बिपिन रावत का अपमान करने वाले कांग्रेस के ही लोग थे... उनकी मृत्यु पर हंसने वाले भी उसी इकोसिस्टम के लोग थे।

मोदी ने और CDS जनरल रावत ने मिलकर मेक इन इंडिया पर जोर दिया... जितने भी हथियार दूसरे देशों से लिए, सब गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील में लिए... और जो लिए उन्हें भारत में ही उत्पादन करने और तकनीक के हस्तांतरण की शर्त के साथ लिया।

यही कारण था कि कांग्रेस वाले CDS रावत जी से चिढ़ते थे।

OROP के लिए सेना 1971 से इसी कांग्रेस सरकार से लड़ रही थी... 2014 में जब इन्हें लगा कि अब सरकार नहीं बनेगी... तब सेना के लोगों को रिझाने के लिए चुनाव से पहले OROP के लिए मात्र 500 करोड़ रुपए आवंटित करके गए थे मनमोहन सिंह जी।

जबकि 500 करोड़ में तो कुछ नहीं होता...जब मोदी जो ने OROP लागू किया... तो पुराने बकाये के रूप में 10,000 करोड़ रुपए की रकम लाखों पेंशनर्स को दी गई थी... उसके बाद हर साल 7-8 हजार करोड़ का सालाना खर्च सिर्फ OROP पेंशन में होता है।
और कांग्रेस 500 करोड़ का लॉलीपॉप दिखा कर सैनिकों के वोट खरीदना चाहती थी... है ना कमाल की बात।

और आज यही कांग्रेस वाले सेना के सम्मान की बात करते हैं...

खैर कांग्रेस से ज्यादा तो हमारे देश के लोग कमाल हैं... जिन्हें यह सब पता होते हुए भी शर्म नहीं आती... और अपने छोटे मोटे स्वार्थ के लिए बिक जाते हैं।
How CHESS help your Brain...
Media is too big
VIEW IN TELEGRAM
Do spend 3 minutes to see this video...
Absolutely awesome... and this is the reality of life ...

It surely rings a bell in the mind for each one of us...!!
You want to know what Modi has done in last 10 years?

In just one week, 40 banks disappeared in China.. either collapsed or merged with bigger banks..

This case was suppose to be with Indian bank in 2014.. all ur money, FD would have been gone by now. MODI ji SAVED ur hard earned money
VID-20240714-WA0029.mp4
282.8 KB
Consistency is the key.

When you are disciplined...
Success is for sure
*Inaction breeds doubt and fear. Action breeds confidence and courage. If you want to conquer fear, do not sit home and think about it. Go out and get busy. ~Dale Carnegie*

निष्क्रियता संदेह और भय को जन्म देती है। क्रियाशीलता आत्मविश्वास और साहस को जन्म देती है। यदि आप भय पर विजय पाना चाहते हैं, तो घर पर बैठकर उसके बारे में न सोचें। बाहर निकलें और व्यस्त हो जाएँ। ~डेल कार्नेगी

हरे कृष्ण 😊
*Gratitude is the healthiest of all human emotions. The more you express gratitude for what you have, the more likely you will have even more to express gratitude for.*

कृतज्ञता सभी मानवीय भावनाओं में सबसे स्वस्थ भावना है। जितना अधिक आप अपने पास मौजूद चीज़ों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करेंगे, उतनी ही अधिक संभावना है कि आपके पास कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए और भी अधिक चीज़ें होंगी।

हरे कृष्ण 😊