GyAAnigk: The Knowledge Hub
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Gray Divorce उस स्थिति को कहते हैं जब 50 साल या उससे अधिक उम्र के जोड़े तलाक लेते हैं। यह शब्द खासतौर पर उन जोड़ों के लिए इस्तेमाल होता है जो लंबे समय तक शादीशुदा रहे होते हैं, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर अलग होने का फैसला करते हैं।

### Gray Divorce बढ़ने के कारण:
1. बदलती सामाजिक सोच – अब तलाक को पहले जितना गलत नहीं माना जाता।
2. जीवन प्रत्याशा में वृद्धि – लोग ज्यादा उम्र तक जी रहे हैं और जीवन के अगले चरण को अकेले या किसी नए साथी के साथ बिताना चाहते हैं।
3. आर्थिक स्वतंत्रता – महिलाएं अब अधिक आत्मनिर्भर हो गई हैं, जिससे वे तलाक लेने में झिझक महसूस नहीं करतीं।
4. भावनात्मक असंतोष – सालों तक साथ रहने के बाद कुछ जोड़ों को लगता है कि उनका रिश्ता अब संतोषजनक नहीं रहा।
5. बच्चों की जिम्मेदारी खत्म होना – जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और आत्मनिर्भर हो जाते हैं, तब माता-पिता को अपनी शादी पर फिर से सोचने का मौका मिलता है।

क्या आप इस विषय पर कोई खास जानकारी चाहते हैं?
Here is the family tree of Jawaharlal Nehru:

1st Generation
Motilal Nehru (1861–1931) – Father
Swarup Rani Nehru (1868–1938) – Mother

2nd Generation
Jawaharlal Nehru (1889–1964) – India’s first Prime Minister
Married Kamala Nehru (1899–1936)
Indira Gandhi (1917–1984) – Daughter, India’s first female Prime Minister

3rd Generation
Indira Gandhi married Feroze Gandhi (1912–1960)
Rajiv Gandhi (1944–1991) – Former Prime Minister of India
Sanjay Gandhi (1946–1980)

4th Generation
Rajiv Gandhi married Sonia Gandhi
Rahul Gandhi (b. 1970) – Politician
Priyanka Gandhi Vadra (b. 1972)

Sanjay Gandhi married Maneka Gandhi
Varun Gandhi (b. 1980) – Politician

This family tree highlights the key figures in the Nehru-Gandhi political dynasty. Let me know if you want a visual representation!
GyAAnigk: The Knowledge Hub pinned «Here is the family tree of Jawaharlal Nehru: 1st Generation Motilal Nehru (1861–1931) – Father Swarup Rani Nehru (1868–1938) – Mother 2nd Generation Jawaharlal Nehru (1889–1964) – India’s first Prime Minister Married Kamala Nehru (1899–1936)…»
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संविधान, सीआरपीसी (CrPC) और आईपीसी (IPC) भारतीय कानूनी प्रणाली के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन उनके कार्य और दायरे में महत्वपूर्ण अंतर हैं:
भारतीय दंड संहिता (IPC):
यह मूल आपराधिक कानून है।
यह विभिन्न अपराधों को परिभाषित करता है और उनके लिए सजा का प्रावधान करता है।
यह बताता है कि कौन से कार्य अपराध माने जाएंगे और उन अपराधों के लिए क्या दंड दिया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, आईपीसी में हत्या, चोरी, धोखाधड़ी, मानहानि आदि जैसे अपराधों की परिभाषा और उनकी सजा का उल्लेख है।
इसे सारवान विधि (Substantive Law) के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह अधिकारों, दायित्वों और अपराधों को substance (तत्व) प्रदान करता है।
दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC):
यह प्रक्रियात्मक आपराधिक कानून है।
यह उन प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है जिनका पालन तब किया जाता है जब कोई अपराध किया जाता है।
यह बताता है कि अपराध की जांच, गिरफ्तारी, मुकदमा, और सजा कैसे दी जाएगी।
यह पुलिस, न्यायालयों और अन्य कानूनी अधिकारियों की शक्तियों और प्रक्रियाओं को परिभाषित करता है।
उदाहरण के लिए, सीआरपीसी में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया, जांच कैसे की जाएगी, गिरफ्तारी के नियम, जमानत की प्रक्रिया, मुकदमे की प्रक्रिया, गवाहों की जांच आदि का उल्लेख है।
इसे प्रक्रिया विधि (Procedural Law) के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह सारवान विधि (आईपीसी) को लागू करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करता है।
संक्षेप में अंतर:
| विशेषता | भारतीय दंड संहिता (IPC) | दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) |
|---|---|---|
| प्रकार | मूल/सारवान आपराधिक कानून (Substantive Criminal Law) | प्रक्रियात्मक आपराधिक कानून (Procedural Criminal Law) |
| क्या परिभाषित करता है | अपराधों की परिभाषा और सजा का प्रावधान | अपराधों की जांच, गिरफ्तारी, मुकदमे और सजा की प्रक्रिया |
| उद्देश्य | यह बताना कि क्या अपराध है और उसकी सजा क्या होगी | यह निर्धारित करना कि आपराधिक मामलों में कानूनी प्रक्रिया कैसे चलेगी |
| उदाहरण | हत्या, चोरी, धोखाधड़ी की परिभाषा और सजा | एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया, जमानत के नियम, मुकदमे की प्रक्रिया |
संविधान (Constitution):
भारत का सर्वोच्च कानून है।
यह सरकार की संरचना, शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है।
यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है।
आईपीसी और सीआरपीसी सहित सभी कानून संविधान के अनुरूप होने चाहिए। यदि कोई कानून संविधान का उल्लंघन करता है, तो उसे न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है।
संविधान आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए मूलभूत सिद्धांत प्रदान करता है, जैसे कि कानून का शासन, निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण आदि।
तीनों का संबंध:
संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जो कानूनी ढांचे की नींव रखता है। आईपीसी वह कानून है जो विभिन्न अपराधों को परिभाषित करता है और उनकी सजा निर्धारित करता है। सीआरपीसी वह प्रक्रिया निर्धारित करता है जिसके माध्यम से आईपीसी के तहत अपराधों की जांच, मुकदमा और सजा दी जाती है। सीआरपीसी, आईपीसी और अन्य सभी कानून संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप होने चाहिए।
इसलिए, आईपीसी अपराधों को परिभाषित करता है, सीआरपीसी उन अपराधों से निपटने की प्रक्रिया निर्धारित करता है, और संविधान इन दोनों कानूनों के लिए मूलभूत कानूनी ढांचा और सिद्धांत प्रदान करता है।