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🔷 जंवाई बांध:
▪️मारवाड़ का अमृत सरोवर कहलाता हैं।इसकी नींव 13 मई 1946 को जोधपुर महाराजा उम्मेद सिंह ने रखी।
▪️यह लूनी की सहायक नदी जवाई पर पाली में स्थित हैं।
▪️इसका निर्माण इंजिनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ।
▪️यह पाली व जोधपुर में जलापूर्ति का मुख्य स्त्रोत हैं।
▪️राजस्थाान के गठन के पश्चात् 1956 में यह बांध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ।
▪️सेई बांध, उदयपुर का प्रथम बार जल 9 अगस्त 1977 को जवाई बांध में डाला गया।
▪️जवाई बांध की जल क्षमता बढ़ाने के लिए 1971 में सेई बांध परियोजना बनाई गई।
▪️उदयपुर की कोटड़ा तहसील में बने सेई बांध से पानी जवाई बांध में लाने के लिए पहाड़ से 7 की.मी. लम्बी सुंरग बनाई गई।
▪️जवाई बांध जल अभयारण्य की दृष्टि से पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध हैं।
🔷 बारेठा बांध:
▪️भरतपुर की बयाना तहसील के बारेठा गांव में स्थित।कुकुन्द नदी पर 1897 में महाराजा रामसिंह के समय निर्माण।
▪️निर्माण कार्य 1866 में जसवंत सिंह के शासनकाल में पूर्ण।
▪️कमाण्डर इंजिनियर बहादुर राॅयल द्वारा प्रारंभ किया गया।
▪️इस बांध को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया हैं।
▪️इस बांध की बनावट एक जहाज के जैसी है अतः यह दूर से जहाज के समान दिखाई देता हैं।
🔷 गांधी सागर बांध:
▪️1960 में चम्बल नदी पर एम.पी. के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील में निर्माण।
▪️यह 510 मीटर लम्बा व 62 मीटर चौड़ा हैं।
▪️इस बांध पर विधुत ग्रह का निर्माण किया गया हैं।
🔷 राणा प्रताप सागर बांध
▪️इसका निर्माण द्वितीय चरण में चितौड़गढ़ जिले के रावतभाटा नामक स्थान पर किया गया हैं।
▪️इसका निर्माण कार्य 1970 में पूर्ण हुआ।
▪️इसकी लम्बाई 1170 मीटर व चैड़ाई 36 मीटर हैं।
▪️इस बांध पर कनाड़ा की सहायता से परमाणु बिजली घर की स्थापना की गई।
▪️विश्व का सबसे सस्ता बांध जिसका निर्माण 31 करोड़ में किया गया।
▪️इसकी जल भण्डारण क्षमता सर्वाधिक हैं।
🔷 जवाहर सागर बांध:
▪️1962 से 1973 के मध्य कोटा के बोरावास नामक स्थान पर निर्माण किया गया।
▪️कोटा व बूंदी को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती हैं।
▪️इसका निर्माण विधुत उत्पादन के लिए किया गया हैं।
▪️ यह एक पिकअप बांध हैं।
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▪️मारवाड़ का अमृत सरोवर कहलाता हैं।इसकी नींव 13 मई 1946 को जोधपुर महाराजा उम्मेद सिंह ने रखी।
▪️यह लूनी की सहायक नदी जवाई पर पाली में स्थित हैं।
▪️इसका निर्माण इंजिनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ।
▪️यह पाली व जोधपुर में जलापूर्ति का मुख्य स्त्रोत हैं।
▪️राजस्थाान के गठन के पश्चात् 1956 में यह बांध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ।
▪️सेई बांध, उदयपुर का प्रथम बार जल 9 अगस्त 1977 को जवाई बांध में डाला गया।
▪️जवाई बांध की जल क्षमता बढ़ाने के लिए 1971 में सेई बांध परियोजना बनाई गई।
▪️उदयपुर की कोटड़ा तहसील में बने सेई बांध से पानी जवाई बांध में लाने के लिए पहाड़ से 7 की.मी. लम्बी सुंरग बनाई गई।
▪️जवाई बांध जल अभयारण्य की दृष्टि से पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध हैं।
🔷 बारेठा बांध:
▪️भरतपुर की बयाना तहसील के बारेठा गांव में स्थित।कुकुन्द नदी पर 1897 में महाराजा रामसिंह के समय निर्माण।
▪️निर्माण कार्य 1866 में जसवंत सिंह के शासनकाल में पूर्ण।
▪️कमाण्डर इंजिनियर बहादुर राॅयल द्वारा प्रारंभ किया गया।
▪️इस बांध को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया हैं।
▪️इस बांध की बनावट एक जहाज के जैसी है अतः यह दूर से जहाज के समान दिखाई देता हैं।
🔷 गांधी सागर बांध:
▪️1960 में चम्बल नदी पर एम.पी. के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील में निर्माण।
▪️यह 510 मीटर लम्बा व 62 मीटर चौड़ा हैं।
▪️इस बांध पर विधुत ग्रह का निर्माण किया गया हैं।
🔷 राणा प्रताप सागर बांध
▪️इसका निर्माण द्वितीय चरण में चितौड़गढ़ जिले के रावतभाटा नामक स्थान पर किया गया हैं।
▪️इसका निर्माण कार्य 1970 में पूर्ण हुआ।
▪️इसकी लम्बाई 1170 मीटर व चैड़ाई 36 मीटर हैं।
▪️इस बांध पर कनाड़ा की सहायता से परमाणु बिजली घर की स्थापना की गई।
▪️विश्व का सबसे सस्ता बांध जिसका निर्माण 31 करोड़ में किया गया।
▪️इसकी जल भण्डारण क्षमता सर्वाधिक हैं।
🔷 जवाहर सागर बांध:
▪️1962 से 1973 के मध्य कोटा के बोरावास नामक स्थान पर निर्माण किया गया।
▪️कोटा व बूंदी को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती हैं।
▪️इसका निर्माण विधुत उत्पादन के लिए किया गया हैं।
▪️ यह एक पिकअप बांध हैं।
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🔰राजस्थान की नदियां पार्ट 2 ✅
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
5. जाखम नदी -
उदगम स्थल - छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़)
प्रवाह वाले जिले - प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर
विलुप्त - डूंगरपुर (बेणेश्वर) में माही नदी में मिल जाती हैं।
6. साबरमती नदी -
उदगम स्थल - गोगुंदा की पहाड़ियां (उदयपुर)
यह राजस्थान में एकमात्र उदयपुर जिलेमें लगभग 30 किलोमीटर बहती है!
इसका अधिकांश प्रवाह गुजरात राज्य में है
साबरमती गुजरात के सावरकांठा जिले से गुजरात में प्रवेश करती है।
गुजरात के गांधीनगर और अहमदाबाद साबरमती नदी के किनारे बसे हुए हैं।
साबरमती नदी गुजरात में बहते हुए खंभात की खाड़ी में विलुप्त हो जाती है।
सहायक नदियां - वाकल (उद्गम - गोगुंदा की पहाड़ियां (उदयपुर)), माजम, मेश्वा, हथमती
2. बंगाल की खाड़ी की ओर जाने वाली नदियां -
Trick - बेबच कोका बापा गंग
बेडच, बनास, चंबल, कोठारी, कालीसिंध, बाणगंगा, पार्वती, गंभीरी, गंभीर
1. चंबल नदी -
उदगम स्थल - महू जानापाव की पहाड़ियां (MP)
चंबल नदी राजस्थान में चौरासी गढ़ (मंदसौर) MP से चित्तौड़ में प्रवेश करती हैं।
चंबल नदी चित्तौड़गढ़ के बाद क्रमशः कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर जिलों में बहने के बाद राजस्थान से बाहर निकल जाती है।
चंबल नदी कोटा, बूंदी की सीमा बनाती है।
चंबल नदी तीन राज्यों MP, RJ, UP में प्रवाहित होती है।
चंबल नदी मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान के तीन जिलों धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली के साथ सीमा बनाती है।
चंबल नदी राजस्थान की एकमात्र नदी है जो कि दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है।
चंबल नदी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के मुरादगंज नामक स्थान पर यमुना नदी में विलुप्त हो जाती हैं।
चंबल नदी पर चित्तौड़गढ़ जिले में भैंसरोडगढ़ नामक स्थान पर चूलिया जलप्रपात स्थित है।
यहां बामनी नदी आकर इसमें मिलती है।
उपनाम - चर्मण्वती, कामधेनु, बारहमासी
चंबल नदी के अलावा माही नदी को भी बारहमासी नदी कहा जाता है।
सहायक नदियां - कालीसिंध, कुराल, मेज, बनास, बामणी, पार्वती
TRICK - काका में बाबा मापा
चंबल नदी की कुल लंबाई - 965 / 966 KM
राजस्थान में चंबल नदी की लंबाई - 135 KM
राजस्थान की सबसे लंबी नदी - बनास
राज्य में सर्वाधिक सतही जल चंबल नदी में उपलब्ध है।
सर्वाधिक जलग्रहण क्षमता वाली नदी - बनास
चंबल नदी पर बनाए गए बांध -
1. गाँधीसागर - मंदसौर जिला (मध्यप्रदेश)
2. राणा प्रताप सागर - चित्तौड़गढ़
3. जवाहर सागर - कोटा - बूंदी सीमा पर (पिकअप बांध)
4. कोटा बैराज - कोटा (सिंचाई के लिए)
2. बनास नदी -
उदगम स्थल - राजस्थान में कुंभलगढ़ के निकट खमनोर की पहाड़ियां
इस नदी को वर्णाशा नदी के नाम से भी जाना जाता है।
बनास नदी की कुल लंबाई - 480 KM
बनास नदी मेवाड़ क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदी है।
बनास नदी के प्रवाह वाले जिले
- राजसमंद, चित्तौड़, अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, सवाई माधोपुर
बनास सवाई माधोपुर जिले में रामेश्वर के निकट पादरला गांव के निकट चंबल में मिल जाती है।
बनास नदी पर टोंक जिले में बीसलपुर बांध बना हुआ है।
बीसलपुर बांध को अजमेर के चौहान शासक बीसलदेव / विग्रहराज चतुर्थ ने बनवाया था।
बनास नदी पर टोंक तथा सवाई माधोपुर की सीमा पर ईसरदा बांध बनाया गया है।
ईसरदा बांध को काफर डैम कहा जाता है।
ईसरदा बांध से जयपुर शहर के लिए जलापूर्ति होगी।
बनास की सहायक नदियां - बेड़च, मेनाल कोठारी, खारी, मानसी, मोरेल, गंभीरी
बनास नदी भीलवाड़ा जिले में बींगोद नामक स्थान पर मेनाल और बेड़च के साथ मिलकर त्रिवेणी बनाती है।
3. बेड़च नदी -
उदगम स्थल - गोगुंदा की पहाड़ियां, उदयपुर
बेड़च नदी उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले में बहते हुए बींगोद के पास बनास में मिल जाती हैं
बेड़च को उद्गम स्थल से उदयसागर झील तक आयड कहा जाता है।
4. कोठारी नदी -
उदगम स्थल - दिवेर (राजसमंद)
कोठारी नदी राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहते हुए नंदराय नामक स्थान पर बनास नदी में मिल जाती है।
भीलवाड़ा जिले में कोठारी नदी पर मेजा बांध बना हुआ है।
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5. जाखम नदी -
उदगम स्थल - छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़)
प्रवाह वाले जिले - प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर
विलुप्त - डूंगरपुर (बेणेश्वर) में माही नदी में मिल जाती हैं।
6. साबरमती नदी -
उदगम स्थल - गोगुंदा की पहाड़ियां (उदयपुर)
यह राजस्थान में एकमात्र उदयपुर जिलेमें लगभग 30 किलोमीटर बहती है!
इसका अधिकांश प्रवाह गुजरात राज्य में है
साबरमती गुजरात के सावरकांठा जिले से गुजरात में प्रवेश करती है।
गुजरात के गांधीनगर और अहमदाबाद साबरमती नदी के किनारे बसे हुए हैं।
साबरमती नदी गुजरात में बहते हुए खंभात की खाड़ी में विलुप्त हो जाती है।
सहायक नदियां - वाकल (उद्गम - गोगुंदा की पहाड़ियां (उदयपुर)), माजम, मेश्वा, हथमती
2. बंगाल की खाड़ी की ओर जाने वाली नदियां -
Trick - बेबच कोका बापा गंग
बेडच, बनास, चंबल, कोठारी, कालीसिंध, बाणगंगा, पार्वती, गंभीरी, गंभीर
1. चंबल नदी -
उदगम स्थल - महू जानापाव की पहाड़ियां (MP)
चंबल नदी राजस्थान में चौरासी गढ़ (मंदसौर) MP से चित्तौड़ में प्रवेश करती हैं।
चंबल नदी चित्तौड़गढ़ के बाद क्रमशः कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर जिलों में बहने के बाद राजस्थान से बाहर निकल जाती है।
चंबल नदी कोटा, बूंदी की सीमा बनाती है।
चंबल नदी तीन राज्यों MP, RJ, UP में प्रवाहित होती है।
चंबल नदी मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान के तीन जिलों धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली के साथ सीमा बनाती है।
चंबल नदी राजस्थान की एकमात्र नदी है जो कि दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है।
चंबल नदी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के मुरादगंज नामक स्थान पर यमुना नदी में विलुप्त हो जाती हैं।
चंबल नदी पर चित्तौड़गढ़ जिले में भैंसरोडगढ़ नामक स्थान पर चूलिया जलप्रपात स्थित है।
यहां बामनी नदी आकर इसमें मिलती है।
उपनाम - चर्मण्वती, कामधेनु, बारहमासी
चंबल नदी के अलावा माही नदी को भी बारहमासी नदी कहा जाता है।
सहायक नदियां - कालीसिंध, कुराल, मेज, बनास, बामणी, पार्वती
TRICK - काका में बाबा मापा
चंबल नदी की कुल लंबाई - 965 / 966 KM
राजस्थान में चंबल नदी की लंबाई - 135 KM
राजस्थान की सबसे लंबी नदी - बनास
राज्य में सर्वाधिक सतही जल चंबल नदी में उपलब्ध है।
सर्वाधिक जलग्रहण क्षमता वाली नदी - बनास
चंबल नदी पर बनाए गए बांध -
1. गाँधीसागर - मंदसौर जिला (मध्यप्रदेश)
2. राणा प्रताप सागर - चित्तौड़गढ़
3. जवाहर सागर - कोटा - बूंदी सीमा पर (पिकअप बांध)
4. कोटा बैराज - कोटा (सिंचाई के लिए)
2. बनास नदी -
उदगम स्थल - राजस्थान में कुंभलगढ़ के निकट खमनोर की पहाड़ियां
इस नदी को वर्णाशा नदी के नाम से भी जाना जाता है।
बनास नदी की कुल लंबाई - 480 KM
बनास नदी मेवाड़ क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदी है।
बनास नदी के प्रवाह वाले जिले
- राजसमंद, चित्तौड़, अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, सवाई माधोपुर
बनास सवाई माधोपुर जिले में रामेश्वर के निकट पादरला गांव के निकट चंबल में मिल जाती है।
बनास नदी पर टोंक जिले में बीसलपुर बांध बना हुआ है।
बीसलपुर बांध को अजमेर के चौहान शासक बीसलदेव / विग्रहराज चतुर्थ ने बनवाया था।
बनास नदी पर टोंक तथा सवाई माधोपुर की सीमा पर ईसरदा बांध बनाया गया है।
ईसरदा बांध को काफर डैम कहा जाता है।
ईसरदा बांध से जयपुर शहर के लिए जलापूर्ति होगी।
बनास की सहायक नदियां - बेड़च, मेनाल कोठारी, खारी, मानसी, मोरेल, गंभीरी
बनास नदी भीलवाड़ा जिले में बींगोद नामक स्थान पर मेनाल और बेड़च के साथ मिलकर त्रिवेणी बनाती है।
3. बेड़च नदी -
उदगम स्थल - गोगुंदा की पहाड़ियां, उदयपुर
बेड़च नदी उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले में बहते हुए बींगोद के पास बनास में मिल जाती हैं
बेड़च को उद्गम स्थल से उदयसागर झील तक आयड कहा जाता है।
4. कोठारी नदी -
उदगम स्थल - दिवेर (राजसमंद)
कोठारी नदी राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहते हुए नंदराय नामक स्थान पर बनास नदी में मिल जाती है।
भीलवाड़ा जिले में कोठारी नदी पर मेजा बांध बना हुआ है।
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